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जानें, कौन था 12 लाख का इनामी हिजबुल कमांडर आतंकी रियाज नाइकू - आतंकी जाकिर मूसा

हिजबुल प्रमुख रियाज नाइकू को सुरक्षा बलों ने मार गिराया. नाइकू मोस्ट वांटेड आतंकी था. इस पर 12 लाख रुपये का इनाम है. बुरहान वानी और सब्जार बट की मौत के बाद नाइकू ने हिजबुल की कमान संभाली थी.

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हिजबुल प्रमुख रियाज नाइकू
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Published : May 6, 2020, 2:31 PM IST

Updated : May 6, 2020, 3:37 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर का मोस्ट वांटेड आतंकी और हिजबुल प्रमुख रियाज नाइकू अपने पैतृक गांव जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के बेगपोरा में घिर गया था. सुरक्षा बलों ने उसे चारों ओर से घेरकर मार गिराया. नाइकू का मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता है. आइए जानते हैं आखिर कौन है नाइकू.

नाइकू का जन्म 1985 में बेघपोरा में हुआ था. नाइकू ए++ श्रेणी का आतंकी था. उसके सिर पर 12 लाख रुपये का इनाम था. नाइकू ने कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया था, इसमें सुरक्षा और पुलिस कर्मियों की हत्या शामिल है. नाइकू की कई तस्वीरें ऐसी हैं, जिनमें वह बुरहान वानी के साथ है.

जाकिर मूसा के बाद बना कमांडर
नाइकू जनवरी 2016 में आतंकी शरीक अहमद भट्ट को बंदूक से सलामी देने के बाद चर्चा में आया था. आठ जुलाई, 2016 को अनंतनाग जिले के करनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पोस्टर बॉय और कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कुछ समय के लिए आतंकी सब्जार अहमद भट्ट ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के रूप में कमान संभाली थी.

बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आतंकी जाकिर मूसा और सब्जार अहमद भट्ट हिजबुल कमांडर के पद के प्रबल दावेदार थे. 2017 में सब्जार अहमद भट्ट के मारे जाने के बाद मूसा हिजबुल कमांडर बना.

मूसा ने हिजबुल से अलग होकर एक नए आतंकी संगठन अंसार गजवातुल हिंद की स्थापना की. मूसा को सुरक्षा बलों ने मार्ज 23, 2019 को त्राल में मार गिराया था. आतंकी जाकिर मूसा के हिजबुल से अलग होने के बाद रियाज नाइकू ने हिजबुल की कमान संभाली और उसका संचालन किया.

तुफैल मट्टू की हत्या
2010 में तुफैल अहमद मैतू की एक प्रदर्शन के दौरान हत्या हो गई थी. इसके बाद कई युवाओं की गिरफ्तारी हुई. इनमें से एक रियाज नाइकू भी था. 2012 में उसकी रिहाई हुई.

नाइकू के पिता ने बताया कि 21 मई, 2012 को नाइकू ने भोपाल विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए उनसे सात हजार रुपये मांगे. इसके बाद वह लौटकर नहीं आया. कुछ दिन बाद पुलिस ने उनको सूचना दी कि उनका बेटा हिजबुल मुदाहिदीन में शामिल हो गया था.

आतंकी बनने से पहले पढ़ाता था गणित
नाइकू के पिता ने बताया कि आतंकवादी रैंक में शामिल होने से पहले नाइकू ने एक स्थानीय स्कूल में गणित शिक्षक के रूप में काम किया करता था. उन्होंने बताया कि वह अक्सर गांव के बच्चों को बिना ट्यूशन फीस के पढ़ाया करता था.

33 साल की उम्र में बंदूक उठाने से पहले उसे गुलाबों की पेंटिंग करने के शौक के लिए भी जाना जाता था.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : पुलवामा मुठभेड़ में हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू ढेर

श्रीनगर : कश्मीर का मोस्ट वांटेड आतंकी और हिजबुल प्रमुख रियाज नाइकू अपने पैतृक गांव जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के बेगपोरा में घिर गया था. सुरक्षा बलों ने उसे चारों ओर से घेरकर मार गिराया. नाइकू का मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता है. आइए जानते हैं आखिर कौन है नाइकू.

नाइकू का जन्म 1985 में बेघपोरा में हुआ था. नाइकू ए++ श्रेणी का आतंकी था. उसके सिर पर 12 लाख रुपये का इनाम था. नाइकू ने कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया था, इसमें सुरक्षा और पुलिस कर्मियों की हत्या शामिल है. नाइकू की कई तस्वीरें ऐसी हैं, जिनमें वह बुरहान वानी के साथ है.

जाकिर मूसा के बाद बना कमांडर
नाइकू जनवरी 2016 में आतंकी शरीक अहमद भट्ट को बंदूक से सलामी देने के बाद चर्चा में आया था. आठ जुलाई, 2016 को अनंतनाग जिले के करनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पोस्टर बॉय और कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कुछ समय के लिए आतंकी सब्जार अहमद भट्ट ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के रूप में कमान संभाली थी.

बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आतंकी जाकिर मूसा और सब्जार अहमद भट्ट हिजबुल कमांडर के पद के प्रबल दावेदार थे. 2017 में सब्जार अहमद भट्ट के मारे जाने के बाद मूसा हिजबुल कमांडर बना.

मूसा ने हिजबुल से अलग होकर एक नए आतंकी संगठन अंसार गजवातुल हिंद की स्थापना की. मूसा को सुरक्षा बलों ने मार्ज 23, 2019 को त्राल में मार गिराया था. आतंकी जाकिर मूसा के हिजबुल से अलग होने के बाद रियाज नाइकू ने हिजबुल की कमान संभाली और उसका संचालन किया.

तुफैल मट्टू की हत्या
2010 में तुफैल अहमद मैतू की एक प्रदर्शन के दौरान हत्या हो गई थी. इसके बाद कई युवाओं की गिरफ्तारी हुई. इनमें से एक रियाज नाइकू भी था. 2012 में उसकी रिहाई हुई.

नाइकू के पिता ने बताया कि 21 मई, 2012 को नाइकू ने भोपाल विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए उनसे सात हजार रुपये मांगे. इसके बाद वह लौटकर नहीं आया. कुछ दिन बाद पुलिस ने उनको सूचना दी कि उनका बेटा हिजबुल मुदाहिदीन में शामिल हो गया था.

आतंकी बनने से पहले पढ़ाता था गणित
नाइकू के पिता ने बताया कि आतंकवादी रैंक में शामिल होने से पहले नाइकू ने एक स्थानीय स्कूल में गणित शिक्षक के रूप में काम किया करता था. उन्होंने बताया कि वह अक्सर गांव के बच्चों को बिना ट्यूशन फीस के पढ़ाया करता था.

33 साल की उम्र में बंदूक उठाने से पहले उसे गुलाबों की पेंटिंग करने के शौक के लिए भी जाना जाता था.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : पुलवामा मुठभेड़ में हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू ढेर

Last Updated : May 6, 2020, 3:37 PM IST
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