नई दिल्ली/भोपाल: आज विश्व में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बाघों की संख्या का ब्यौरा जारी किया है. इसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हुई है. मोदी ने बताया कि हाल में देश में बाघों की संख्या 2,967 है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकल्प से सिद्धि का बेहतरीन उदाहरण है.
इस बीच मध्यप्रदेश में भी इस साल बाघों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है. वन विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में बाघों का आंकड़ा 400 के आस-पास पहुंचा सकता है. बता दें, बाघों की पिछली गणना वर्ष 2014 में हुई थी.
अहम बात है कि मध्यप्रदेश कभी 'टाइगर स्टेट' के तौर पर पहचाना जाता था. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में हुए बाघ संरक्षण के कार्यों के चलते यह आंकड़ा इस साल बढ़ सकता है. बाघों की संख्या में 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है. राज्य में भी ऐसा ही रहा तो बाघों की संख्या 400 के आस-पास जाने का अनुमान है.
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वनमंत्री उमंग सिंघार भी मानते हैं कि बाघों की वंशवृद्धि अच्छी रही है और शिकार की घटनाओं में भी कमी आई है, इसलिए बाघों की संख्या में बढ़ोतरी संभव है.
गौरतलब है, राज्य में बीते सात साल में 141 से ज्यादा बाघों की मौत हुई है. सबसे बुरा हाल वर्ष 2010 में रहा. उस समय राज्य में 257 टाइगर हुआ करते थे. उसके बाद राज्य में बाघ संरक्षण पर ध्यान दिया गया.
इसके चलते वर्ष 2014 में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिससे बाघों का आंकड़ा 308 तक पहुंच गया. इस बार बाघों की संख्या में पिछले कालखंड से ज्यादा की बढ़ोतरी सामने आई है.
वन्यप्राणी विशेषज्ञ भी मानते हैं कि मध्यप्रदेश में बाघ संरक्षण की दिशा में काफी काम हुआ है. अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यानों के विस्थापितों को बसाने की दिशा में सार्थक प्रयास किए गए हैं, साथ ही बाघ पुनस्र्थापन में भी राज्य की ओर से प्रयास किए गए हैं.