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जानें, सोशल मीडिया दिवस से जुड़ी अहम जानकारियां

सोशल मीडिया दुनिया भर के लोगों से जुड़ने का एक महत्त्वपूर्ण साधन है और इसने विश्व में संचार को नया आयाम दिया है. सोशल मीडिया उन लोगों की आवाज बन सकता है जो समाज की मुख्य धारा से अलग हैं और जिनकी आवाज को दबाया जाता रहा है. वर्तमान में सोशल मीडिया कई व्यवसायियों के लिये व्यवसाय के एक अच्छे साधन के रूप में कार्य कर रहा है. आइए जानते हैं सोशल मीडिया दिवस के बारे में.........

Social Media Day
सोशल मीडिया दिवस
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Published : Jun 30, 2020, 4:01 AM IST

हैदराबाद : दुनियाभर में आज सोशल मीडिया दिवस मनाया जा रहा है. दरअसल, सोशल मीडिया कंपनी मैशेबल ने 30 जून को सोशल मीडिया दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. इस समय सोशल मीडिया परिवारों, दोस्तों, सहकर्मियों और यहां तक ​​कि अजनबियों को जोड़ने के लिए एक प्रमुख संचारक के रूप में उभरा है. यह दिवस 2010 से मनाया जा रहा है.

सोशल मीडिया के माध्यम से अपने परिवार और मित्रों के साथ जुड़ सकते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया ने नई दुनिया के लिए व्यवसाय विकसित करने का नेतृत्व भी किया. जैसे कि ई-कॉमर्स ब्रांड पूरी दुनिया में पॉप अप कर रहे हैं. विज्ञापन वेब और मीडिया में हर पृष्ठ पर प्रदर्शित हो रहे हैं. इसके अलावा कुछ ही मिनटों में लोगों के साथ महत्वपूर्ण समाचार साझा करना. सोशल मीडिया का हमारी दुनिया पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है और लाखों लोग अब इसके बिना रहने की कल्पना नहीं कर सकते हैं.

गौरतलब है कि दुनियाभर में 3.81 बिलियन लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. औसत दैनिक आधार दुनियाभर के लोग सोशल मीडिया पर 144 मिनट का समय खर्च करते हैं.

रेडियो सिटी एफएम चैनल द्वारा कम पानी का उपयोग करने के बारे में एक जागरूकता अभियान चलाया गया. इस अभियान का नाम कटिंग पानी था.

सोशल मीडिया का प्रभाव
सोशल मीडिया ने बात करने के तरीकों को सरल बनाया है. इससे हम न केवल अपने दोस्तों बल्कि बाहरी दुनिया के सामने अपने विचार रख सकते हैं. चाहे वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के माध्यम से ही हो. पहले की तुलना में अब लोग आसानी से अधिक लोगों तक पहुंच सकते हैं. जब सोशल मीडिया नहीं था तो हम अपनी बातों को कुछ ही लोगों तक पहुंचा सकते थे. हालांकि सोशल मीडिया के आने से अब लोग आसानी से काफी लोगों तक अपनी बातें पहुंचा सकते हैं.

सोशल मीडिया लोगों को अपने पुराने दोस्तों और परिचितों के साथ फिर से जुड़ने, नए दोस्त बनाने, विचारों और सामग्री को साझा करने का अवसर प्रदान करता है. 1997 में पहला सोशल नेटवर्क बनाया गया. यह सिक्स डिग्री पहला सामाजिक नेटवर्क था, जहां उपयोगकर्ता पहली बार प्रोफ़ाइल बना सकते थे, फ़ोटो अपलोड कर सकते थे और दूसरों से जुड़ सकते थे. यह 2001 में बंद हो गया.

लिंक्डइन का जन्म (2002)

संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में 2002 में लिंक्डइन ने बिजनेस-केंद्रित नेटवर्किंग प्रदान करना शुरू किया.

माइस्पेस लॉन्च (2003)

2003 में माइस्पेस लॉन्च किया है. 2006 के अंत तक माईस्पेस संयुक्त राज्य में सबसे अधिक देखी जाने वाली साइट बन गई.

फेसबुक (2004)

2004 में फेसबुक का जन्म हुआ है. इसकी स्थापना मार्क जुकरबर्ग ने की.

यूट्यूब (2005)

2005 में कैलिफोर्निया में यूट्यूब लॉन्च किया गया.

2006 में गूगल ने यूट्यूब को खरीद लिया.

ट्विटर (2006)

2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर का जन्म हुआ.

इंस्टाग्राम (2010)

2010 में इंस्टाग्राम को लॉन्च किया गया.

टिक टॉक (2016)

2016 में चीन में टिक टॉक को लॉन्च किया गया.

2020 की पहली तिमाही में फेसबुक के 2.6 बिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं. फेसबुक के 500 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं.

सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव

  • कई शोध बताते हैं कि यदि कोई सोशल मीडिया का आवश्यकता से अधिक प्रयोग किया जाए तो वह हमारे मस्तिष्क को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और हमे डिप्रेशन की ओर ले जा सकता है.
  • सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ावा देता है.
  • यह फेक न्यूज़ और हेट स्पीच फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
  • सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है और कई बार आपका निजी डेटा चोरी होने का खतरा रहता है.
  • साइबर अपराधों जैसे- हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है.
  • आज कल सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी का चलन भी काफी बढ़ गया है, ये लोग ऐसे सोशल मीडिया उपयोगकर्त्ता की तलाश करते हैं जिन्हें आसानी से फंसाया जा सकता है.
  • सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है.

तथ्य

  • भारत में 2019 तक 574 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता थे. चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन बाजार है. ऐसा अनुमान है कि दिसंबर 2020 तक भारत में लगभग 639 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे.
  • भारत के अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्ता मोबाइल फोन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं.
  • भारतीय मोबाइल डेटा उपयोगकर्ता औसतन हर महीने 11 गीगाबिट्स (जीबी) डेटा की खपत करते हैं.
  • ग्रामीण भारत में 264 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और यह दिसंबर 2020 में 304 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है.
  • भारत में दो-तिहाई इंटरनेट उपयोगकर्ता12 से 29 वर्ष की आयु वर्ग में हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इस आयु वर्ग का अधिक अनुपात देखा जाता है.

हैदराबाद : दुनियाभर में आज सोशल मीडिया दिवस मनाया जा रहा है. दरअसल, सोशल मीडिया कंपनी मैशेबल ने 30 जून को सोशल मीडिया दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. इस समय सोशल मीडिया परिवारों, दोस्तों, सहकर्मियों और यहां तक ​​कि अजनबियों को जोड़ने के लिए एक प्रमुख संचारक के रूप में उभरा है. यह दिवस 2010 से मनाया जा रहा है.

सोशल मीडिया के माध्यम से अपने परिवार और मित्रों के साथ जुड़ सकते हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया ने नई दुनिया के लिए व्यवसाय विकसित करने का नेतृत्व भी किया. जैसे कि ई-कॉमर्स ब्रांड पूरी दुनिया में पॉप अप कर रहे हैं. विज्ञापन वेब और मीडिया में हर पृष्ठ पर प्रदर्शित हो रहे हैं. इसके अलावा कुछ ही मिनटों में लोगों के साथ महत्वपूर्ण समाचार साझा करना. सोशल मीडिया का हमारी दुनिया पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है और लाखों लोग अब इसके बिना रहने की कल्पना नहीं कर सकते हैं.

गौरतलब है कि दुनियाभर में 3.81 बिलियन लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. औसत दैनिक आधार दुनियाभर के लोग सोशल मीडिया पर 144 मिनट का समय खर्च करते हैं.

रेडियो सिटी एफएम चैनल द्वारा कम पानी का उपयोग करने के बारे में एक जागरूकता अभियान चलाया गया. इस अभियान का नाम कटिंग पानी था.

सोशल मीडिया का प्रभाव
सोशल मीडिया ने बात करने के तरीकों को सरल बनाया है. इससे हम न केवल अपने दोस्तों बल्कि बाहरी दुनिया के सामने अपने विचार रख सकते हैं. चाहे वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के माध्यम से ही हो. पहले की तुलना में अब लोग आसानी से अधिक लोगों तक पहुंच सकते हैं. जब सोशल मीडिया नहीं था तो हम अपनी बातों को कुछ ही लोगों तक पहुंचा सकते थे. हालांकि सोशल मीडिया के आने से अब लोग आसानी से काफी लोगों तक अपनी बातें पहुंचा सकते हैं.

सोशल मीडिया लोगों को अपने पुराने दोस्तों और परिचितों के साथ फिर से जुड़ने, नए दोस्त बनाने, विचारों और सामग्री को साझा करने का अवसर प्रदान करता है. 1997 में पहला सोशल नेटवर्क बनाया गया. यह सिक्स डिग्री पहला सामाजिक नेटवर्क था, जहां उपयोगकर्ता पहली बार प्रोफ़ाइल बना सकते थे, फ़ोटो अपलोड कर सकते थे और दूसरों से जुड़ सकते थे. यह 2001 में बंद हो गया.

लिंक्डइन का जन्म (2002)

संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में 2002 में लिंक्डइन ने बिजनेस-केंद्रित नेटवर्किंग प्रदान करना शुरू किया.

माइस्पेस लॉन्च (2003)

2003 में माइस्पेस लॉन्च किया है. 2006 के अंत तक माईस्पेस संयुक्त राज्य में सबसे अधिक देखी जाने वाली साइट बन गई.

फेसबुक (2004)

2004 में फेसबुक का जन्म हुआ है. इसकी स्थापना मार्क जुकरबर्ग ने की.

यूट्यूब (2005)

2005 में कैलिफोर्निया में यूट्यूब लॉन्च किया गया.

2006 में गूगल ने यूट्यूब को खरीद लिया.

ट्विटर (2006)

2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर का जन्म हुआ.

इंस्टाग्राम (2010)

2010 में इंस्टाग्राम को लॉन्च किया गया.

टिक टॉक (2016)

2016 में चीन में टिक टॉक को लॉन्च किया गया.

2020 की पहली तिमाही में फेसबुक के 2.6 बिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं. फेसबुक के 500 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं.

सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव

  • कई शोध बताते हैं कि यदि कोई सोशल मीडिया का आवश्यकता से अधिक प्रयोग किया जाए तो वह हमारे मस्तिष्क को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और हमे डिप्रेशन की ओर ले जा सकता है.
  • सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ावा देता है.
  • यह फेक न्यूज़ और हेट स्पीच फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
  • सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है और कई बार आपका निजी डेटा चोरी होने का खतरा रहता है.
  • साइबर अपराधों जैसे- हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है.
  • आज कल सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी का चलन भी काफी बढ़ गया है, ये लोग ऐसे सोशल मीडिया उपयोगकर्त्ता की तलाश करते हैं जिन्हें आसानी से फंसाया जा सकता है.
  • सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है.

तथ्य

  • भारत में 2019 तक 574 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता थे. चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन बाजार है. ऐसा अनुमान है कि दिसंबर 2020 तक भारत में लगभग 639 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे.
  • भारत के अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्ता मोबाइल फोन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं.
  • भारतीय मोबाइल डेटा उपयोगकर्ता औसतन हर महीने 11 गीगाबिट्स (जीबी) डेटा की खपत करते हैं.
  • ग्रामीण भारत में 264 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और यह दिसंबर 2020 में 304 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है.
  • भारत में दो-तिहाई इंटरनेट उपयोगकर्ता12 से 29 वर्ष की आयु वर्ग में हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इस आयु वर्ग का अधिक अनुपात देखा जाता है.
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