नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने इस साल जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बिना किसी उकसावे के 3800 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और ड्रोन के जरिए हथियारों, मादक पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा दिया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने लगातार बिना किसी उकसावे के गोलीबारी कर संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन किया और असैन्य इलाकों को भी निशाना बनाया. इसके साथ ही उसने एलओसी पार से आतंकियों को घुसपैठ कराने का भी प्रयास किया.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह दोनों पक्षों के बीच 2003 के संघर्षविराम सहमति का सरासर उल्लंघन है. इस साल अब तक पाकिस्तानी बलों ने बिना किसी उकसावे के 3800 से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि एलओसी के पास के इलाके में ड्रोन के जरिए हथियार और गोला-बारूद भी गिराने के प्रयास किए गए.
उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए अंतरराष्ट्रीय सीमा से हथियारों और मादक पदार्थ की तस्करी के भी प्रयास किए. श्रीवास्तव ने कहा कि डीजीएमओ (सैन्य संचालन महानिदेशक) स्तरीय वार्ता में पाकिस्तान के समक्ष लगातार यह मुद्दा उठाया जाता है.
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आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डाले जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक आतंकरोधी नियामक ने ऐसी कार्रवाई के लिए मानक प्रक्रिया निर्धारित की है. उन्होंने कहा ऐसा समझा जाता है कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ द्वारा बताए गए 27 बिंदुओं में से केवल 21 पर कदम उठाया है. छह महत्वपूर्ण मुद्दों का अब तक समाधान नहीं किया गया है.
श्रीवास्तव ने कहा सबको पता है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों और आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता है और मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, जाकिर उर रहमान लखवी आदि जैसे कई आतंकियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गई है.