नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाल ही में लगाए गए यातायात प्रतिबंधों के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन किया है.
पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला द्वारा राजमार्ग बंद करने के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा अफवाह फैलाई जा रही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग आम नागरिकों के लिए बंद कर दिया गया है, जो कि गलत है.
सशस्त्र बलों की आवाजाही के लिए राजमार्ग बंद करने पर स्पष्टीकरण देते हुए एमएचए ने कहा कि 12 घंटे की इस अवधि के दौरान पुराने हाईवे और अन्य आंतरिक सड़कों जैसे वैकल्पिक मार्ग आम नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं.
जम्मू-कश्मीर सरकार पहले ही स्पष्ट शब्दों में स्पष्ट कर चुकी है कि सप्ताह में सात दिन में से केवल उचित प्रतिबंध लगाए गए हैं, वह भी सप्ताह में दो दिन 12 घंटे। यह बलों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने और जनता को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए किया गया है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक सप्ताह में केवल दो दिन में 12 घंटे के लिए यह प्रतिबंध लगाए गए हैं, ताकि आम नागरिकों को असुविधा न हो.
उन्होंने बताया कि पहले भी जम्मू कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में सुरक्षा बलों के काफिलों के गुजरने के समय हाईवे बंद किए जाते थे. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थ इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं और इस मुद्दे को सनसनीखेज बना रहे हैं.
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सड़कों पर प्रदर्शन किया. जम्मू-श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम नागरिकों के लिए प्रति सप्ताह दो दिन यातायात बंद रखने का फैसले के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया.
सुरक्षा बलों के काफिले को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने हेतु जम्मू- श्रीनगर- बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम नागरिकों के लिए प्रति सप्ताह दो दिन यातायात बंद रखने का फैसला लिया गया जो कि रविवार को लागू हो गया है.
उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले के खिलाफ लोगों के साथ प्रदर्शन किया. लोगों ने वहां तरह-तरह के नारे-बाजी भी की. लोगों ने कहा कि पीएम मोदी की तानाशाही अब और नहीं चलेगी.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 'सरकार को इस फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए. इस बैन की कोई आवश्यकता नहीं है. पूर्व सेना प्रमुख जनरल मलिक भी कह चुके हैं कि यह बेवकूफी भरा कदम है.'
रविवार को अब्दुल्ला ने एक एक ट्वीट शेयर किया था. उन्होंने लिखा था कि 'यह रहा एक और बड़ा काफिला. मैं बस इस बिंदु को उजागर करने की कोशिश कर रहा हूं कि राजमार्ग बंद करने का आदेश देने वालों ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है. अगर यह काफिला आज राजमार्ग पर सुरक्षित है तो यह कल (रविवार को) महफूज नहीं क्यों नहीं था और बुधवार को क्यों नहीं होगा?'
उन्होंने कहा, 'राजमार्ग को आम यातायात के लिए बंद किए बिना सुरक्षा बलों के काफिले के गुजरने के लिए यह सोमवार को सुरक्षित है तो यह बुधवार और रविवार को क्यों नहीं है? सेना के ‘असुरक्षित’ दिनों में गुजरने से ज्यादा इस आदेश की निरर्थकता से कुछ साबित नहीं होता है. सड़क राजमार्ग का हिस्सा है.'