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साइबर क्राइम से बचने के लिए बच्चों पर नजर रखें माता-पिता : झारखंड पुलिस - साइबर अपराध झारखंड

झारखंड के देवघर जिले के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने साइबर अपराध से बचाव के लिए साइबर क्रिमिनल बन रहे लोगों के माता-पिता और अभिभावकों से अपील की है कि अपने बच्चों पर ध्यान दें और और यह निगरानी रखें कि कहीं वे साइबर अपराधी तो नहीं बन रहे हैं.

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Published : Dec 19, 2020, 10:07 PM IST

रांची : साइबर अपराध से बचाव के लिए झारखंड पुलिस ने संदेश देते हुए कहा है कि माता पिता अपने बच्चे पर ध्यान दें और और यह निगरानी रखें कि कहीं वे साइबर अपराधी तो नहीं बन रहे हैं.

ईटीवी भारत के माध्यम से संदेश देते हुए देवघर के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा, 'जो लोग साइबर क्रिमिनल बन रहे हैं. मैं उनके अभिभावकों और माता-पिता से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चे पर ध्यान दें और और यह निगरानी रखें कि कहीं वे साइबर अपराधी तो नहीं बन रहे हैं. यह निगरानी अत्यंत आवश्यक है, अभिभावक के साथ स्कूल-कॉलेज के टीचर और प्रोफेसर भी उन पर निगरानी रखें. यदि कोई संकेत मिलता है, तो उनके अभिभावक और पुलिस को भी बताएं ताकि समय रहते उनको सुधारा जा सके.'

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

साइबर ठगी का शिकार बनने से बचाव के लिए उन्होंने कहा कि आप जितना कमाते हैं, वही पैसा आपको मिलेगा. अगर दिमाग में कोई बात है कि लॉटरी निकल जाएगी, बिना वजह मनीबैक होगा या कोई गाड़ी मिल जाएगी, इस तरह के प्रलोभन में न फंसें.

पढ़ें- एसोचैम स्थापना सप्ताह में बोले पीएम- विनिर्माण को बढ़ावा देने को निरंतर हो रहा सुधार

उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा दौर में बैंकिंग टेक्नोलॉजी भी काफी बदली है. आम जनता को भी बैंकिंग सिस्टम को समझने की आवश्यकता है, तभी वे समझ सकेंगे कि फोन पर बैंक ऑफिसर से बात हो रही है या साइबर अपराधी से.

रांची : साइबर अपराध से बचाव के लिए झारखंड पुलिस ने संदेश देते हुए कहा है कि माता पिता अपने बच्चे पर ध्यान दें और और यह निगरानी रखें कि कहीं वे साइबर अपराधी तो नहीं बन रहे हैं.

ईटीवी भारत के माध्यम से संदेश देते हुए देवघर के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा, 'जो लोग साइबर क्रिमिनल बन रहे हैं. मैं उनके अभिभावकों और माता-पिता से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चे पर ध्यान दें और और यह निगरानी रखें कि कहीं वे साइबर अपराधी तो नहीं बन रहे हैं. यह निगरानी अत्यंत आवश्यक है, अभिभावक के साथ स्कूल-कॉलेज के टीचर और प्रोफेसर भी उन पर निगरानी रखें. यदि कोई संकेत मिलता है, तो उनके अभिभावक और पुलिस को भी बताएं ताकि समय रहते उनको सुधारा जा सके.'

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

साइबर ठगी का शिकार बनने से बचाव के लिए उन्होंने कहा कि आप जितना कमाते हैं, वही पैसा आपको मिलेगा. अगर दिमाग में कोई बात है कि लॉटरी निकल जाएगी, बिना वजह मनीबैक होगा या कोई गाड़ी मिल जाएगी, इस तरह के प्रलोभन में न फंसें.

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उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा दौर में बैंकिंग टेक्नोलॉजी भी काफी बदली है. आम जनता को भी बैंकिंग सिस्टम को समझने की आवश्यकता है, तभी वे समझ सकेंगे कि फोन पर बैंक ऑफिसर से बात हो रही है या साइबर अपराधी से.

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