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चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष रखी गई - सीडीएस

रक्षा मंत्रालय ने सैन्य नियमावली 1954 में बदलाव किए हैं. इस दौरान सीडीएस पद की अधिकतम आयु 65 वर्ष कर दी गई है. जानें विस्तार से.

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Published : Dec 29, 2019, 10:01 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के 65 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तक सेवा देने के वास्ते नियमों में संशोधन किया है. हालांकि, सीडीएस के कार्यकाल की घोषणा की जानी बाकी है.

यदि तीनों सेनाओं के प्रमुख में से किसी को नियुक्त किया जाता है तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अधिकतम आयु 65 वर्ष करने के लिए सेवानिवृत्ति आयु में विस्तार करने के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के सेवा नियमों में बदलाव किये गये है.

सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सीडीएस के सृजन को मंजूरी प्रदान की थी जो तीनों सेनाओं से संबंधित सभी मामलों के लिये रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे.

नियमों के अनुसार सैन्य प्रमुख अधिकतम तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले आये, सेवा कर सकते हैं.

सीडीएस, पद छोड़ने के बाद किसी भी सरकारी पद को ग्रहण करने के पात्र नहीं होंगे.

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भारत का पहला सीडीएस बनाये जाने की संभावना है और मंगलवार तक इसकी घोषणा की जा सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस का मुख्य कार्य संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों का पुनर्गठन करना, साथ ही संयुक्त/ थियेटर कमान के गठन के माध्यम से अभियानों को संयुक्त रूप से चलाना होगा.

उन्होंने कहा कि तीन वर्षों के अंदर तीनों सेनाओं के अभियानों, साजो-सामान, परिवहन, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, देखभाल और मरम्मत को संयुक्त करना सीडीएस का एक अन्य प्रमुख कार्य होगा.

साइबर और अंतरिक्ष से जुड़े तीनों सेनाओं की एजेंसियों, संगठनों और कमान सीडीएस के तहत आएंगे और वह नाभिकीय कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के तौर पर भी काम करेंगे.

पढ़ें : विशेष लेख : CDS के पद का सावधानी से स्वागत करने की जरूरत

चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) की बैटन सौंपने को लेकर आयोजित किए जाने वाले पूर्व निर्धारित समारोह को शुक्रवार को रद्द कर दिया गया था.

इस समारोह में 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह बैटन नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह को सौंपनी थी.

थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के सदस्य होते हैं और इनमें से वरिष्ठतम अधिकारी को सीओएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है.

ऐसे संकेत हैं कि इस समारोह को रद्द किया गया क्योंकि सरकार के मंगलवार तक सीडीएस की नियुक्ति करने की संभावना है. सीडीएस, सीओएससी के एक स्थायी अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा.

नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के 65 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तक सेवा देने के वास्ते नियमों में संशोधन किया है. हालांकि, सीडीएस के कार्यकाल की घोषणा की जानी बाकी है.

यदि तीनों सेनाओं के प्रमुख में से किसी को नियुक्त किया जाता है तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अधिकतम आयु 65 वर्ष करने के लिए सेवानिवृत्ति आयु में विस्तार करने के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के सेवा नियमों में बदलाव किये गये है.

सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सीडीएस के सृजन को मंजूरी प्रदान की थी जो तीनों सेनाओं से संबंधित सभी मामलों के लिये रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे.

नियमों के अनुसार सैन्य प्रमुख अधिकतम तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले आये, सेवा कर सकते हैं.

सीडीएस, पद छोड़ने के बाद किसी भी सरकारी पद को ग्रहण करने के पात्र नहीं होंगे.

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भारत का पहला सीडीएस बनाये जाने की संभावना है और मंगलवार तक इसकी घोषणा की जा सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि सीडीएस का मुख्य कार्य संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों का पुनर्गठन करना, साथ ही संयुक्त/ थियेटर कमान के गठन के माध्यम से अभियानों को संयुक्त रूप से चलाना होगा.

उन्होंने कहा कि तीन वर्षों के अंदर तीनों सेनाओं के अभियानों, साजो-सामान, परिवहन, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, देखभाल और मरम्मत को संयुक्त करना सीडीएस का एक अन्य प्रमुख कार्य होगा.

साइबर और अंतरिक्ष से जुड़े तीनों सेनाओं की एजेंसियों, संगठनों और कमान सीडीएस के तहत आएंगे और वह नाभिकीय कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के तौर पर भी काम करेंगे.

पढ़ें : विशेष लेख : CDS के पद का सावधानी से स्वागत करने की जरूरत

चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) की बैटन सौंपने को लेकर आयोजित किए जाने वाले पूर्व निर्धारित समारोह को शुक्रवार को रद्द कर दिया गया था.

इस समारोह में 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह बैटन नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह को सौंपनी थी.

थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के सदस्य होते हैं और इनमें से वरिष्ठतम अधिकारी को सीओएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है.

ऐसे संकेत हैं कि इस समारोह को रद्द किया गया क्योंकि सरकार के मंगलवार तक सीडीएस की नियुक्ति करने की संभावना है. सीडीएस, सीओएससी के एक स्थायी अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा.

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.NEWDELHI DEL40
DEF-CDS-LD RULES
CDS can serve up to maximum age of 65 years, Govt amends rules

(Eds: Correcting slug)
          New Delhi, Dec 29 (PTI) The defence ministry has amended rules to allow the Chief of Defence Staff to serve up to a maximum age limit of 65 years.
          The changes have been made in the services rules of the Army, Navy and the Indian Air Force for extension of retirement age of the Chief of Defence Staff to a maximum of 65 years if a service chief is appointed to the post.
          However, the tenure of the CDS is yet to be announced.
          In a landmark decision, the Cabinet Committee on Security on Tuesday approved the creation of the CDS who will act as the principal military adviser to the defence minister on all matters relating to tri-services.
          According to existing rules, the service chiefs can serve for a maximum period of three years or till attaining the age of 62, whichever is earlier.
          The CDS will not be eligible to hold any government post after demitting office.
          The CDS will not be allowed to take up any private employment without prior approval for a period of five years after demitting the office, officials said.
          Army Chief Gen Bipin Rawat is tipped to be India's first CDS and the announcement is likely to be made by Tuesday.
          A key mandate of the CDS will be to facilitate restructuring of military commands for optimal utilisation of resources by bringing about jointness in operations, including through establishment of joint/theatre commands.
          Officials said bringing about jointness in operation, logistics, transport, training, support services, communications, repairs and maintenance of the three services within three years will be another major mandate of the CDS.
          The tri-service agencies, organisations and commands relating to cyber and space will be under the command of the CDS and he will also function as the Military Adviser to the Nuclear Command Authority.
          A pre-scheduled ceremony to hand over the baton of the Chairman of Chiefs of Staff Committee by outgoing Army Chief Gen Rawat to Navy Chief Admiral Karambir Singh was cancelled on Friday.
          The ceremony to hand over the baton of chairman of COSC was scheduled as Gen Rawat is due for retirement from service on December 31.
          The Chiefs of Staff Committee (CoSC) comprises chiefs of the Army, the Navy and the Air Force and the senior-most member is appointed its chairperson
          There was indication that the ceremony has been cancelled as the government is likely to appoint the CDS by Tuesday. The CDS will also act as the permanent chairman of the CoSC.
          Gen. Rawat assumed charge as Chief of Army Staff on December 31, 2016. Before becoming Army Chief, he handled various operational responsibilities in many areas, including along the LoC with Pakistan, the LAC with China and in the Northeast. PTI MPB
RT
12292010
NNNN
Last Updated : Dec 30, 2019, 9:53 PM IST
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