पटना/नई दिल्ली : 12 अगस्त का दिन हर साल वर्ल्ड एलीफैंट डे यानी विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी कड़ी में हम आज आपको हाथी और इंसान के बीच की दोस्ती की कहानी बता रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसे हाथी प्रेमी की कहानी सामने आई है, जिसने अपना पूरा जीवन और सारी संपत्ति अपने दो हाथियों के नाम कर दी है.
पटना से सटे जानीपुर के रहने वाले अख्तर इमाम को हाथियों से बड़ा प्यार है. 12 साल की उम्र से ही वह निस्वार्थ भाव से हाथियों की सेवा करते आ रहे हैं. अख्तर इमाम की मानें तो मोती और रानी (हाथियों के नाम) उनके लिए उनके परिवार से बढ़कर हैं. इसलिए उन्होंने मोती और रानी के नाम अपनी सारी प्रॉपर्टी लिख दी है. अख्तर की इस पहल से परिवार वाले काफी नाराज हैं.
अख्तर इमाम ऐसे बने हाथियों के साथी
हाथी प्रेमी अख्तर इमाम (50) बताते हैं कि हाथियों के साथ उनके प्रेम के पीछे अनोखी कहानी है. दरअसल, कई साल पहले उन पर जानलेवा हमला हुआ था. उस दौरान हाथियों ने उन्हें बचाया. अख्तर ने बताया कि जब एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश उनके कमरे की तरफ बढ़ने लगे तो हाथी उसे देखकर चिघाड़ने लगा. इसी बीच उनकी नींद खुल गई और उन्होंने शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले.
परिवार ने छोड़ा साथ
अख्तर की कहानी काफी दर्दनाक है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे हाथी तस्कर के साथ मिल गए थे और उन्हें जेल भिजवा दिया. हालांकि, बाद में वह छूट गए. लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने अपने परिवार को छोड़ दिया. बीते 10 सालों से वह अपनी बीवी और बच्चों से अलग रह रहे हैं.
सालों से कर रहे हाथियों की सेवा
मौजूदा समय में अख्तर एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक हैं. अपने स्तर से वह हाथी तस्करों के खिलाफ लड़ाई भी लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि इसके लिए उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है. लेकिन, इसके बावजूद वह हाथियों की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करते हैं.
हाथियों के नाम की 5 करोड़ की प्रॉपर्टी
हाल ही में केरल में हाथी के साथ हुई अमानवीय घटना के बाद अख्तर काफी दुखी हुए. ऐसे में उन्होंने हाथियों के नाम तकरीबन पांच करोड़ रुपये की जायदाद लिख दी ताकि उनके मरने के बाद मोती और रानी लावारिस न हो जाएं. अख्तर का कहना है कि अगर दोनों हाथियों की मौत हो जाती है तो यह जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी.