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महाराष्ट्रः सरकार पर 'सस्पेंस', बैठकों का सिलसिला जारी

महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी, कौन मुख्यमंत्री होगा, इस पर सस्पेंस जारी है. राज्यपाल ने शिवसेना के बाद एनसीपी को समय दिया है. उन्हें आज शाम तक अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है. पार्टी के अंदर गहन मंथन जारी है. लिहाजा, सबको कांग्रेस का इंतजार है. आइए जानते हैं इस सियासी 'ड्रामे' की क्या है पूरी कहानी.

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Published : Nov 12, 2019, 11:04 AM IST

Updated : Nov 12, 2019, 3:41 PM IST

मुंबई/ नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को सरकार बनाने के लिए आज तक का वक्त मिला है. पार्टी इसको लेकर मंथन कर रही है. शिवसेना का समय समाप्त हो गया है और अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया है. एनसीपी को आज रात 8.30 तक का डेडलाइन मिला है. इतने वक्त में उसे सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगाना होगा.

(अपडेट जारी है)

नवाब मलिक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने बताया कि, आज एनसीपी विधायक दल की बैठक में सभी चुने हुए विधायक मौजूद रहे. सभी विधायकों ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि आगे महाराष्ट्र में सरकार निर्माण के लिए शरद पवार को पूरा अधिकार दिया जा रहा है.

राज्यपाल ने आज 8.30 बजे तक का समय दिया है. कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करने के बाद एनसीपी किसी तरह का निर्णय लेगी.

नवाब मलिक ने आगे बताया कि बिना तीन पार्टी के महाराष्ट्र में स्थिर सरकार नहीं बन सकती है. कांग्रेस और एनसीपी की बीच पांच बजे मीटिंग होगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अफवाहों पर विराम लगाते हुए नवाब मलिक ने आगे कहा कि, राष्ट्रपति शासन की सिफारिश किए जाने की बातें मात्र अफवाह है. राजभवन की तरफ से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता मुंबई जाएंगे. वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनके साथ मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल मुंबई जा रहे हैं. वे वहां पर शरद पवार से बात करेंगे.

मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता मलिल्कार्जुन खड़गे ने कहा कि वे एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से बात करेंगे. इसके बाद ही कोई निर्णय हो सकेगा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने एनसीपी के साथ चुनाव लड़ा था, लिहाजा कोई भी निर्णय मिलकर ही लिया जा सकता है. इसके अलावा कोई नेता क्या बोलता है, इसका कोई मतलब नहीं है.

कांग्रेस अपना पत्ता खोलने में देरी कर रही है. इस पर शरद पवार ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वे कांग्रेस से इस पर चर्चा करेंगे.

पवार ने कहा कि एनसीपी की फिलहाल कांग्रेस के साथ आज कोई बैठक नहीं हो रही है और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज लीलावती अस्पताल पहुंचकर शिवसेना के नेता संजय राउत से मुलाकात की. संजय राउत को सीने में दर्द की शिकायत के बाद सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इधर, एनसीपी नेता अजीत पवार का कहना है कि जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सामूहिक रूप से ही लिया जाएगा. इसलिए हम कल कांग्रेंस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे. लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिला. हम इस पर अकेले फैसला नहीं कर सकते. दोनों में कोई गलतफहमी नहीं है, हम एक साथ चुनाव लड़ें हैं और एक साथ हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस के पास महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं है. अस्थिरता के लिए हम पर दोष लगाना व्यर्थ है. संजय निरुपम ने आगे कहा कि यह शिवसेना और भाजपा की विफलता है जिसने राज्य को राष्ट्रपति शासन की चौखट पर लाकर खड़ा कर दिया है.

शिवसेना को मिला सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय समाप्त होते ही राज्यपाल कोश्यारी ने सोमवार रात को ही राकांपा को न्योता दिया और पूछा कि क्या वह 'सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता' प्रदर्शित करना चाहती है.
राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि राकांपा अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और वे मंगलवार रात 8:30 बजे तक कोश्यारी से मिलेंगे.

पाटिल ने कहा, 'प्रक्रिया के अनुसार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में तीसरा सबसे बड़ा दल होने के नाते हमें एक पत्र दिया है और हमने उन्हें सुझाव दिया है कि हमें अपने सहयोगी दल से बात करनी होगी. हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम जल्द से जल्द उनके पास लौटेंगे.'

राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल तथा धनंजय मुंडे भी पाटिल के साथ इस मौके पर थे.

शिवसेना ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस 'सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी. राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया.

सरकार गठन के लिए गतिरोध 18वें दिन भी जारी रहा और राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ रहे हैं. कांग्रेस वैचारिक रूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के साथ समझौते का कोई फैसला जल्दबाजी में लेती प्रतीत नहीं हुई और उसने शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर चुनाव पूर्व की अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ आगे और बातचीत करने का फैसला किया है.

राज्यपाल ने रविवार रात शिवसेना को न्योता देकर उनसे पूछा था कि क्या वह सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता जाहिर करना चाहते हैं. गौरतलब है कि उसके कुछ ही घंटे पहले शिवसेना के गठबंधन सहयोगी और सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने से इंकार कर दिया था.

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था. इससे पहले दिन में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से भेंट की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. राकांपा के 54 विधायक हैं और कांग्रेस के 44 विधायक हैं.

विभिन्न घटनाक्रम के बीच उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एक होटल में पवार से मुलाकात की. कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के एक रिसॉर्ट में रखा है. उधर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने आज अपना इस्तीफा सौंप दिया.

मुंबई में राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने का उनकी पार्टी का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों (कांग्रेस और राकांपा) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है. उन्होंने कांग्रेस और राकांपा का नाम नहीं लिया.

आदित्य ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को संख्या जुटाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दोनों दलों से बातचीत शुरू कर दी है. दोनों दलों ने शिवसेना को सैद्धांतिक रूप से समर्थन व्यक्त किया है.’’

आदित्य ने कहा, 'हमने सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने की अपनी इच्छा के बारे में महाराष्ट्र के राज्यपाल को सूचित किया. शिवसेना विधायक पहले ही लिखित में अपना समर्थन जता चुके हैं.'

आदित्य ठाकरे ने कहा कि दोनों दलों (कांग्रेस और राकांपा) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है, लेकिन राज्यपाल ने संख्याबल जुटाने के लिए उनकी पार्टी के और वक्त मांगने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है.

राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार बनाने को लेकर अपनी इच्छा प्रकट की. हालांकि, विज्ञप्ति में कहा गया कि वे समर्थन पत्र नहीं दे पाए.

उन्होंने समय सीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था.

इसमें कहा गया, 'राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की.'

सरकार बनाने के लिये शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सोमवार को फैसला किया कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से और बातचीत करेगी.

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवार से बात की है. पार्टी राकांपा से और चर्चा करेगी.'

दो महत्वपूर्ण बैठकों के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेताओं ने इस बात को तरजीह दी कि राज्य में मौजूदा सियासी गतिरोध को देखते हुए राकांपा से विस्तृत चर्चा की जाए.

बयान में कहा गया, 'कांग्रेस कार्य समिति की आज सुबह महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया.'

सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनसे सरकार बनाने के लिये कांग्रेस का समर्थन मांगा.

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, केंद्र में भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से इस्तीफा दे दिया और भाजपा पर राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी के लिए तय फार्मूले से मुकरने का आरोप लगाया.

उनका इस्तीफा ऐसे वक्त पर हुआ जब पवार ने कहा था कि शिवसेना को सबसे पहले राजग से अपना नाता तोड़ना होगा ताकि उनकी पार्टी शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला कर सके.

सावंत ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, हमने विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था. इसमें कुछ चीजों पर सहमति बनी थी.

उन्होंने कहा कि इसमें मुख्यमंत्री पद सहित सीटों के 50-50 के अनुपात में बंटवारे का फार्मूला तय हुआ था लेकिन भाजपा अब इससे इनकार कर रही है.

शिवसेना नेता ने कहा कि वे इस झूठ से आहत हैं और अब उनके बीच कोई विश्वास नहीं बचा.

उन्होंने कहा, चूंकि अब कोई विश्वास नहीं बचा है, इसलिये मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना इस्तीफा भेज दिया है .

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना राजग से अलग हो गई है, सावंत ने कहा, ‘‘जब मैंने इस्तीफा दे दिया है तो आप समझ सकते हैं कि इसका क्या अर्थ है.

राकांपा ने कहा है कि वह अपने सहयोगी कांग्रेस के साथ बातचीत कर तय करेगी कि शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया जाए या नहीं.

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार रात को राकांपा को राजभवन में आमंत्रित किया जो राज्य में तीसरा सबसे बड़ा दल है.

मुंबई/ नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को सरकार बनाने के लिए आज तक का वक्त मिला है. पार्टी इसको लेकर मंथन कर रही है. शिवसेना का समय समाप्त हो गया है और अब राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया है. एनसीपी को आज रात 8.30 तक का डेडलाइन मिला है. इतने वक्त में उसे सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगाना होगा.

(अपडेट जारी है)

नवाब मलिक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने बताया कि, आज एनसीपी विधायक दल की बैठक में सभी चुने हुए विधायक मौजूद रहे. सभी विधायकों ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि आगे महाराष्ट्र में सरकार निर्माण के लिए शरद पवार को पूरा अधिकार दिया जा रहा है.

राज्यपाल ने आज 8.30 बजे तक का समय दिया है. कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करने के बाद एनसीपी किसी तरह का निर्णय लेगी.

नवाब मलिक ने आगे बताया कि बिना तीन पार्टी के महाराष्ट्र में स्थिर सरकार नहीं बन सकती है. कांग्रेस और एनसीपी की बीच पांच बजे मीटिंग होगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अफवाहों पर विराम लगाते हुए नवाब मलिक ने आगे कहा कि, राष्ट्रपति शासन की सिफारिश किए जाने की बातें मात्र अफवाह है. राजभवन की तरफ से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता मुंबई जाएंगे. वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनके साथ मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल मुंबई जा रहे हैं. वे वहां पर शरद पवार से बात करेंगे.

मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता मलिल्कार्जुन खड़गे ने कहा कि वे एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से बात करेंगे. इसके बाद ही कोई निर्णय हो सकेगा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने एनसीपी के साथ चुनाव लड़ा था, लिहाजा कोई भी निर्णय मिलकर ही लिया जा सकता है. इसके अलावा कोई नेता क्या बोलता है, इसका कोई मतलब नहीं है.

कांग्रेस अपना पत्ता खोलने में देरी कर रही है. इस पर शरद पवार ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वे कांग्रेस से इस पर चर्चा करेंगे.

पवार ने कहा कि एनसीपी की फिलहाल कांग्रेस के साथ आज कोई बैठक नहीं हो रही है और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज लीलावती अस्पताल पहुंचकर शिवसेना के नेता संजय राउत से मुलाकात की. संजय राउत को सीने में दर्द की शिकायत के बाद सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इधर, एनसीपी नेता अजीत पवार का कहना है कि जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सामूहिक रूप से ही लिया जाएगा. इसलिए हम कल कांग्रेंस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे. लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिला. हम इस पर अकेले फैसला नहीं कर सकते. दोनों में कोई गलतफहमी नहीं है, हम एक साथ चुनाव लड़ें हैं और एक साथ हैं.

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस के पास महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं है. अस्थिरता के लिए हम पर दोष लगाना व्यर्थ है. संजय निरुपम ने आगे कहा कि यह शिवसेना और भाजपा की विफलता है जिसने राज्य को राष्ट्रपति शासन की चौखट पर लाकर खड़ा कर दिया है.

शिवसेना को मिला सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय समाप्त होते ही राज्यपाल कोश्यारी ने सोमवार रात को ही राकांपा को न्योता दिया और पूछा कि क्या वह 'सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता' प्रदर्शित करना चाहती है.
राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि राकांपा अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और वे मंगलवार रात 8:30 बजे तक कोश्यारी से मिलेंगे.

पाटिल ने कहा, 'प्रक्रिया के अनुसार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में तीसरा सबसे बड़ा दल होने के नाते हमें एक पत्र दिया है और हमने उन्हें सुझाव दिया है कि हमें अपने सहयोगी दल से बात करनी होगी. हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम जल्द से जल्द उनके पास लौटेंगे.'

राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल तथा धनंजय मुंडे भी पाटिल के साथ इस मौके पर थे.

शिवसेना ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस 'सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी. राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया.

सरकार गठन के लिए गतिरोध 18वें दिन भी जारी रहा और राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ रहे हैं. कांग्रेस वैचारिक रूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के साथ समझौते का कोई फैसला जल्दबाजी में लेती प्रतीत नहीं हुई और उसने शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर चुनाव पूर्व की अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ आगे और बातचीत करने का फैसला किया है.

राज्यपाल ने रविवार रात शिवसेना को न्योता देकर उनसे पूछा था कि क्या वह सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता जाहिर करना चाहते हैं. गौरतलब है कि उसके कुछ ही घंटे पहले शिवसेना के गठबंधन सहयोगी और सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने से इंकार कर दिया था.

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था. इससे पहले दिन में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से भेंट की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. राकांपा के 54 विधायक हैं और कांग्रेस के 44 विधायक हैं.

विभिन्न घटनाक्रम के बीच उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एक होटल में पवार से मुलाकात की. कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के एक रिसॉर्ट में रखा है. उधर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने आज अपना इस्तीफा सौंप दिया.

मुंबई में राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने का उनकी पार्टी का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों (कांग्रेस और राकांपा) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है. उन्होंने कांग्रेस और राकांपा का नाम नहीं लिया.

आदित्य ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को संख्या जुटाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दोनों दलों से बातचीत शुरू कर दी है. दोनों दलों ने शिवसेना को सैद्धांतिक रूप से समर्थन व्यक्त किया है.’’

आदित्य ने कहा, 'हमने सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने की अपनी इच्छा के बारे में महाराष्ट्र के राज्यपाल को सूचित किया. शिवसेना विधायक पहले ही लिखित में अपना समर्थन जता चुके हैं.'

आदित्य ठाकरे ने कहा कि दोनों दलों (कांग्रेस और राकांपा) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है, लेकिन राज्यपाल ने संख्याबल जुटाने के लिए उनकी पार्टी के और वक्त मांगने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है.

राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार बनाने को लेकर अपनी इच्छा प्रकट की. हालांकि, विज्ञप्ति में कहा गया कि वे समर्थन पत्र नहीं दे पाए.

उन्होंने समय सीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था.

इसमें कहा गया, 'राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की.'

सरकार बनाने के लिये शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सोमवार को फैसला किया कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से और बातचीत करेगी.

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवार से बात की है. पार्टी राकांपा से और चर्चा करेगी.'

दो महत्वपूर्ण बैठकों के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेताओं ने इस बात को तरजीह दी कि राज्य में मौजूदा सियासी गतिरोध को देखते हुए राकांपा से विस्तृत चर्चा की जाए.

बयान में कहा गया, 'कांग्रेस कार्य समिति की आज सुबह महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया.'

सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनसे सरकार बनाने के लिये कांग्रेस का समर्थन मांगा.

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, केंद्र में भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से इस्तीफा दे दिया और भाजपा पर राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी के लिए तय फार्मूले से मुकरने का आरोप लगाया.

उनका इस्तीफा ऐसे वक्त पर हुआ जब पवार ने कहा था कि शिवसेना को सबसे पहले राजग से अपना नाता तोड़ना होगा ताकि उनकी पार्टी शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला कर सके.

सावंत ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, हमने विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था. इसमें कुछ चीजों पर सहमति बनी थी.

उन्होंने कहा कि इसमें मुख्यमंत्री पद सहित सीटों के 50-50 के अनुपात में बंटवारे का फार्मूला तय हुआ था लेकिन भाजपा अब इससे इनकार कर रही है.

शिवसेना नेता ने कहा कि वे इस झूठ से आहत हैं और अब उनके बीच कोई विश्वास नहीं बचा.

उन्होंने कहा, चूंकि अब कोई विश्वास नहीं बचा है, इसलिये मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना इस्तीफा भेज दिया है .

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना राजग से अलग हो गई है, सावंत ने कहा, ‘‘जब मैंने इस्तीफा दे दिया है तो आप समझ सकते हैं कि इसका क्या अर्थ है.

राकांपा ने कहा है कि वह अपने सहयोगी कांग्रेस के साथ बातचीत कर तय करेगी कि शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया जाए या नहीं.

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार रात को राकांपा को राजभवन में आमंत्रित किया जो राज्य में तीसरा सबसे बड़ा दल है.

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Last Updated : Nov 12, 2019, 3:41 PM IST
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