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भारत बायोटेक का टीका कोवैक्सीन डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी : अध्ययन

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र ने कह कि भारत में कोविड-19 टीका कोवैक्सीन (बीबीवी152) कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है.

भारत बायोटेक
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Published : Aug 2, 2021, 8:39 PM IST

हैदराबाद : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा बायोरक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत बायोटेक का कोविड-19 टीका कोवैक्सीन (बीबीवी152) कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है. अध्ययन में कहा गया है कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है. इसमें बीबीवी 152 टीके की पूर्ण खुराक वाले व्यक्तियों में कोविड-19 की आशंका को खत्म कर दिया है. इसमें डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 के खिलाफ बीबीवी152 टीकों का मूल्यांकन किया गया.

सार्स-सीओवी-2 स्वरूप बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है. कोवैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत है. इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया. अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 स्वरूप का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आए थे.

इसे भी पढ़े-'पोलावरम परियोजना प्राधिकरण का मुख्यालय स्थानांतरित करने पर जल्द होगा निर्णय'

भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को चरण तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था, कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी.

(पीटीआई-भाषा)

हैदराबाद : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा बायोरक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत बायोटेक का कोविड-19 टीका कोवैक्सीन (बीबीवी152) कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) स्वरूप के खिलाफ प्रभावी है. अध्ययन में कहा गया है कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है. इसमें बीबीवी 152 टीके की पूर्ण खुराक वाले व्यक्तियों में कोविड-19 की आशंका को खत्म कर दिया है. इसमें डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 के खिलाफ बीबीवी152 टीकों का मूल्यांकन किया गया.

सार्स-सीओवी-2 स्वरूप बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है. कोवैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत है. इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया. अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 स्वरूप का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आए थे.

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भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को चरण तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था, कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी.

(पीटीआई-भाषा)

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