कांकेर/बीजापुर: छत्तीसगढ़ में सरकार के बदलते ही नक्सलियों के सुर तेजी से बदलने लगे हैं. बस्तर में नक्सलियों के कमांडर समता ने पर्चा जारी किया है. पर्चे में नक्सली कमांडर ने कहा है कि उनपर ड्रोन के जरिए अटैक किया जा रहा है. नक्सली पर्चे में कमांडर ने कहा कि सुकमा और बीजापुर जिले के बॉर्डर पर करीब 4 किलोमीटर के दायरे में हवाई बमबारी ड्रोन से की गई है. नक्सलियों के दावों पर प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया है. लेकिन बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने इतना जरूर कहा कि नक्सली अब कमजोर हो गए हैं. उनका संगठन पूरी तरह से खाली हो गया है. नक्सली बस अंदरुनी इलाकों में बचे हैं. ग्रामीणों से भी नक्सलियों का संपर्क टूट रहा है.
ड्रोन से हमले का लगाया आरोप: नक्सलियों के कमांडर समता ने आरोप लगाया है कि ड्रोन अटैक के जरिए उनको खत्म करने की साजिश की जा रही है. समता ने कहा कि जवानों की बमबारी से हमें कोई नुकसान नहीं हुआ है. कमांडर समता के सामने आए पर्चे से ये साफ हो गया है कि नक्सली जवानों के बढ़ते दबाव से तेजी से टूट रहे हैं. प्रशासन का मानना है कि ग्रामीणों और युवाओं का नक्सलियों से तेजी से मोहभंग हो रहा है. नक्सली जो हर साल अपने नए सदस्य बनाने के लिए भर्ती अभियान चलाते थे वो भी बंद हो गया है. बस्तर के अंदरुनी इलाकों तक ही सिमटकर अब नक्सली रह गए हैं. नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में जवान अब जंगल के अंदरुनी हिस्सों तक पहुंच रहे हैं जिससे नक्सली घबरा गए हैं.
"आई जी सुंदरराज पी ने कहा कि नक्सली बौखलाहट में यह आरोप लगा रहे हैं. क्षेत्र में अब नक्सली कमजोर हो गए हैं. उनके बड़े नेताओं की मौत के बाद संगठन पूरी तरह से बिखर गया है. बचे हुए नेता भी अब जवानों के निशाने पर हैं. अंदरूनी इलाकों में हुए विकास के बाद से नक्सली संगठनों में भर्तियां बंद हो गई है. इसके अलावा उनका ग्रामीणों से संपर्क भी टूट गया है. अब नक्सलियों के साथ निर्णायक लड़ाई शुरू हो गई है": सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
कमजोर हुए नक्सली: बस्तर में लगातार हो रहे विकास के चलते भी नक्सलियों का डर तेजी से खत्म हो रहा है. जंगल और गांव के लोग भी अब विकास चाहते हैं. सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले गरीब भी चाहते हैं कि वो बम और बारुद से दूर रहे हैं. नक्सलियों का नेटवर्क भी इन दिनों से तेजी से कमजोर हुआ है. लगातार सरेंडर की घटनाओं से भी नक्सलियों के बड़े नेता बैकफुट पर हैं.