नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को ऑर्गेनिक प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू करने को कहा. उन्होंने देश की सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को ऑर्गेनिक मिशन से जोड़ने के निर्देश दिए.
ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की शुद्धता पर विशेष ध्यान
अमित शाह ने यह निर्देश राष्ट्रीय राजधानी स्थित सहकारिता मंत्रालय में राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (एनसीओएल) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिया. बैठक के दौरान शाह ने इस बात पर जोर दिया कि जैविक उत्पादों के स्रोतों की पहचान करने और जैविक उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनसीओएल को अपने 'भारत ऑर्गेनिक्स' ब्रांड के तहत किसानों से लेकर ग्राहकों तक प्रामाणिक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की एक मजबूत सप्लाई चेन बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनसीओएल को 'भारत ऑर्गेनिक्स' उत्पादों के प्रत्येक बैच का अनिवार्य परीक्षण सुनिश्चित करना चाहिए ताकि ग्राहकों को बाजार में शुद्ध, प्रामाणिक जैविक उत्पाद मिल सकें. शाह ने इस लक्ष्य को पाने के लिए अमूल डेयरियों और एनडीडीबी संस्थानों से जुड़े किसानों को ऑर्गेनिक खेती प्रणाली अपनाने को लेकर प्रोत्साहित करने पर बल दिया.
ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के लिए किसानों को प्रोत्साहन
शाह ने कहा कि किसानों को उनके जैविक उत्पादों के लिए उचित और आकर्षक मूल्य मिलना चाहिए ताकि वे जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित हों. उन्होंने एनसीओएल और सहकारिता मंत्रालय से कहा कि वे भारत ऑर्गेनिक्स उत्पादों के संबंध में अमूल के साथ बैठक करें और किसानों के हित में जैविक आटे और जैविक अरहर दाल के मूल्य निर्धारित करें ताकि वे जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हों.
मंत्री ने आगे कहा कि एक बार जब किसानों को बेहतर मूल्य मिलना शुरू हो जाएगा, तो वे निश्चित रूप से जैविक खेती की ओर रुख करने के लिए प्रेरित होंगे. केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि अगर मार्केटिंग अच्छी होगी, तो जैविक उत्पादों के बारे में लोगों में जागरूकता आएगी. इससे निस्संदेह देश भर में इन उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.
त्योहारों के दौरान ऑर्गेनिक प्रोडक्ट को बढ़ावा देने की अपील
उन्होंने आगामी त्योहारों के दौरान जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने की भी अपील की. शाह ने कहा कि देश के सभी पैक्स को जैविक कृषि उत्पादों का स्रोत, जैविक उत्पादों की बिक्री के केंद्र और बीजों की बिक्री के केंद्र बनना चाहिए ताकि एनसीओएल, एनसीईएल और बीबीएसएसएल जैसी राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं को भी बढ़ावा दिया जा सके.
देश में 2 लाख सहकारी समितियां
उन्होंने यह भी कहा कि इन 2 लाख सहकारी समितियों में कम से कम एक युवा किसान को शामिल किया जाना चाहिए जो भविष्य में अपने क्षेत्र में स्थानीय सहकारी ढांचे को मजबूत करने में प्रेरक के रूप में कार्य कर सके. शाह ने पैक्स सदस्यों के साथ-साथ किसानों के उचित प्रशिक्षण पर भी जोर दिया.
अमित शाह ने नाबार्ड को सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर पैक्स के लिए एक नई व्यवस्था बनाने की बात कही जिससे किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से लोन प्रदान किया जा सके.