मुंबई: युद्ध प्रभावित यूक्रेन में माइकोलाइव बंदरगाह (Mykolaiv port in war hit Ukraine) पर 21 भारतीय नाविकों के फंसे होने की जानकारी मिली है. यह जानकारी एजेंसी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजय पराशर ने दी. पराशर ने कहा कि 24 अन्य जहाज भी बंदरगाह पर हैं और उन पर भी भारतीय नाविक हैं.
उन्होंने कहा कि वीआर मैरीटाइम (जहाज प्रबंधन एजेंसी) स्थिति पर नजर रखे हुए है. वहीं, विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास तथा क्षेत्र नियामक जहाजरानी महानिदेशक सहित सभी संबंधित अधिकारियों को स्थिति से अवगत करा रहा है. जहाजरानी महानिदेशक अमिताभ कुमार से टिप्पणी के लिए सम्पर्क नहीं हो सका. पराशर ने कहा कि पिछले महीने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से चालक दल जहाज से बाहर नहीं आया है और जहाज पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
पराशर ने कहा वर्तमान में जहाज पोर्ट माइकोलाइव पर ही खड़ा है. हमारे जहाज सहित कुल 25 जहाज वहां हैं. अन्य जहाज पर भी भारतीय नाविक हैं. जहां तक हमारे जहाज का संबंध है, चालक दल और जहाज दोनों वर्तमान में सुरक्षित हैं. पराशर ने कहा कि जहाज पर इंटरनेट और उपग्रह संचार काम कर रहा है. हम फिलहाल चालक दल के सभी सदस्यों और उनके परिवारों के संपर्क में हैं. साथ ही चालक दल खुद भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क में है.
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार रूसी सेना शायद काला सागर तट पर बंदरगाह के बहुत करीब है. उन्होंने कहा कि यदि रूसी सेना बंदरगाह पर आती है और वह कुछ जहाजों को जाने की अनुमति देती है तो ठीक है. अन्यथा हमें बंदरगाह प्राधिकरण से कुछ सहायता की आवश्यकता होगी, जिसमें कुछ टग बोट और अन्य प्रकार की सेवाएं शामिल हैं ताकि जहाज सुरक्षित रूप से प्रस्थान कर सकें.
पराशर ने कहा कि आपात स्थिति में अगर कंपनी को अपने चालक दल को निकालना पड़ा तो निकटतम पोलैंड सीमा 900 किलोमीटर दूर है और कीव में किसी सुरक्षित स्थान पर जाने का मतलब बंदरगाह शहर से 500 किमी की यात्रा करना होगा. इसलिए उनके लिए पहुंचने के लिए अभी इन दोनों जगहों में से कोई भी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हम बहुत सतर्क हैं. इसलिए बंकर में या यूक्रेन के अंदर कहीं और रहने के बजाय जहाज पर रहना ही बेहतर है.
उन्होंने कहा कि फिर भी कंपनी हर दिन भारतीय दूतावास को स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अन्य एजेंसियां, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय जल परिवहन महासंघ (आईडब्ल्यूटीएफ) और नेशनल यूनियन ऑफ सीफार्स ऑफ इंडिया (एनयूएसआई) भी इस मुद्दे में शामिल हैं. आईडब्ल्यूटीएफ के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य और एनयूएसआई के महासचिव अब्दुलगनी सेरांग के अनुसार उनका संघ इस मुद्दे पर अपने यूक्रेनी समकक्ष के साथ लगातार संपर्क में है.
(पीटीआई-भाषा)