भागलपुर के ऐतिहासिक इमामबाड़े में दसवीं को नहीं ग्यारहवीं को होता है ताजिया पहलाम - bihar news
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भागलपुरः पूरे देश में वैसे तो सभी जगहों पर मोहर्रम मनाया जाता है. लेकिन भागलपुर के असानंपुर में स्थित ऐतिहासिक इमामबाड़ा के मोहर्रम की बात कुछ और है. सन 1840 में सैयद बाबू रजा हुसैन ने इस इमामबाड़े की स्थापना की थी इस इमामबाड़े को लगभग 179 वर्ष पूरे हो गए हैं. बावजूद इसके इमामबाड़ा की खूबसूरती देखते ही बनती है. मोहर्रम के दिनों में शिया मुसलमान इमामबाड़े में मजलिस मातम और नौहाखानी जैसे कई प्रोग्राम आयोजित करते हैं. जो इमाम हुसैन अलैहीसलाम की शहादत को याद में मनाया जाता है.