महिलाएं गेहूं की तरह ही बना सकेंगी बाजरे की रोटी, संसद में मिली रोचक जानकारी

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हरियाणा के भाजपा सांसद के एक सवाल पर संसद में सरकार ने रोचक जानकारी दी है. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि बाजरे की शेल्फ लाइफ बढ़ाने को लेकर आईसीएआर में शोध किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने बाजरे की ऐसी किस्म विकसित की है, जिससे महिलाएं गेहूं की तरह ही बाजरे की रोटी भी बना सकेंगी. हरियाणा के रोहतक से निर्वाचित भाजपा सांसद डॉ अरविंद कुमार शर्मा ने सवाल किया कि सरकार बाजरे के भंडारण को लेकर क्या पहल कर रही है. उन्होंने कहा कि 1960 और 70 के दशक में मोटे अनाज का प्रयोग होता था. अब इसका प्रचलन कम हो गया है. उन्होंने पूछा कि मोटे अनाज यानी मिलेट के कई फायदे हैं. भारत मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसमें बाजरा सबसे अहम है. उन्होंने कहा कि बाजरे के आटा जल्दी खराब हो जाता है. इसके जवाब में कृषि राज्यमंत्री ने बताया कि बाजरे की एक ऐसी वेराइटी इजाद की गई है, जिसमें आटे की सेल्फ लाइफ 6 महीने होगी. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि बाजरे की इस वेराइटी को बाजार में नहीं उतारा गया है, लेकिन इस चिंता का जल्द ही समाधान होगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि महिलाएं भविष्य में गेहूं के आटे की तरह ही बाजरे की रोटी भी बना सकेंगी. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने क्या कहा, जानने के लिए देखिये वीडियो
Last Updated : Dec 14, 2021, 4:04 PM IST

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