हमारा शरीर बिना दर्द के सही तरह से काम कर सके , इसके लिये हमारी हड्डियों का स्वस्थ, मजबूत तथा रोग रहित होना बहुत जरूरी है. बुढ़ापे का रोग कहा जाने वाला ऑस्टियोआर्थराइटिस अब कम उम्र में भी लोगों को परेशान करने लगा है. जिसके लिए हड्डियों संबंधी समस्याओं सहित आहार और जीवनशैली को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. जैसे कि विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि युवा लोग जंक फूड खाते हैं और नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं, जिसके चलते मांसपेशियों का नुकसान होता है और अधिक वजन होता है. यह अंतत: जोड़ों पर दबाव डालता है जिससे हड्डी खराब होती है. Osteoarthritis is result of unhealthy diet lifestyle.
राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RMLIMS) में एक सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम और लाइव सर्जरी कार्यशाला के विशेषज्ञों ने कहा कि एक खराब जीवन शैली, खराब आहार की आदतें और प्रदूषण ऐसे रोगियों की बढ़ती संख्या के प्रमुख कारण हैं. जैसे कि लखनऊ में 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के अधिक से अधिक लोग Osteoarthritis से पीड़ित हो रहे हैं. RMLIMS के एक संकाय डॉ स्वागत महापात्रा (Dr Swagat Mohapatra, RMLIMS)ने कहा, "लगभग सात साल पहले, शहर में पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के कुल मामलों में युवा समूह की हिस्सेदारी 5-6 प्रतिशत थी. एक महीने में रिपोर्ट किए गए कुल मामलों में इसा आयु वर्ग का योगदान 20-25 प्रतिशत है." किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के प्रो-वाइस चांसलर प्रो विनीत शर्मा (Prof Vineet Sharma, VC, KGMU)ने कहा,"अगर किसी को घुटनों या किसी अन्य जोड़ में दर्द महसूस होता है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह जोड़ों में विकृति (Osteoarthritis) का मामला हो सकता है. शुरूआती हस्तक्षेप उचित दवा और जैव-हस्तक्षेप तकनीकों के माध्यम से बीमारी को ठीक किया जा सकता है."
Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences के सीनियर फैकल्टी डॉ सचिन अवस्थी (Dr Sachin Awasthi, RMLIMS)ने कहा, "अगर घुटने बार-बार आवाज करते रहते हैं और कभी-कभी अकड़ जाते हैं और स्थिति छह सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो इसका मतलब है कि जोड़ों की सतह को कवर करने वाला कार्टिलेज बदल गया है या असमान हो गया है. ऐसे मामलों में,आगे की क्षति को रोकने के लिए तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह घुटने के जोड़ को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है."
High bp से हड्डियां हो सकती है कमजोर, लंबी हड्डियों पर दुष्प्रभाव ज्यादा