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कितने प्रतिशत भारतीय 'दिल टूटने' को युवाओं में हृदय रोग का कारण मानते हैं, IANS Survey

IANS cvoter national mood tracker सर्वेक्षण ने युवा भारतीयों में हृदय रोग में अचानक वृद्धि के बारे में लोगों के विचारों को समझने के लिए IANS की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण से पता चला कि भारतीय इस मुद्दे पर अलग-अलग राय रखते हैं. Indian Heart Association - IHA के अनुसार, अन्य जनसांख्यिकी की तुलना में हृदय रोग (Heart disease in youth) भारतीयों को कम उम्र (लगभग 33% पहले) में होता है. IANS cvoter National Mood tracker opinion poll on heart attack heart disease in youth . IANS Survey . Cardiologist opinion .

IANS cvoter National Mood tracker opinion poll on heart attack in indian youth
दिल की बीमारी
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Published : Sep 13, 2022, 5:59 PM IST

नई दिल्ली : पिछले कुछ हफ्तों में युवा से लेकर मध्यम आयु वर्ग तक के लोगों को अचानक दिल का दौरा पड़ने के कई चौंकाने वाले वीडियो वायरल हुए हैं. बड़ी संख्या में युवा भारतीयों में दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) और अन्य हृदय रोग (Heart disease in youth) चिंता का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है. हृदय रोग विशेषज्ञों (Cardiologist opinion) के अनुसार, पिछले एक दशक में 20 और 30 की उम्र में दिल के दौरे से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. IANS cvoter national mood tracker सर्वेक्षण निष्कर्ष बताते हैं कि भारतीयों को अपने पश्चिमी समकक्षों की तुलना में 10 साल पहले हृदय रोग हो जाता है. IHA - इंडियन हार्ट एसोसिएशन (Indian Heart Association) के निष्कर्षो के अनुसार, अन्य जनसांख्यिकी की तुलना में हृदय रोग भारतीयों को कम उम्र (लगभग 33 प्रतिशत पहले) में होता है. IANS Survey . IANS cvoter National Mood tracker opinion poll on heart attack in indian youth .

सीवोटर नेशनल मूड ट्रैकर (CVOTER National Mood Tracker) ने युवा भारतीयों में हृदय रोग में अचानक वृद्धि के बारे में लोगों के विचारों को समझने के लिए IANS की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया. IANS cvoter national mood tracker सर्वेक्षण में पाया गया कि 31 प्रतिशत भारतीयों का सबसे बड़ा हिस्सा यह मानता है कि तनाव युवा दिलों के टूटने (Heart disease in youth) का प्रमुख कारण है. वहीं, जहां 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने खराब जीवनशैली को मुख्य कारण बताया, वहीं 8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि यह कोविड-19 के दुष्प्रभावों से संबंधित है.

ये भी पढ़ेंः युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले, मॉडर्न लाइफस्टाइल और जिम कल्चर बनी बड़ी वजह

शहरी और ग्रामीण दोनों उत्तरदाताओं द्वारा समान भावनाओं को साझा किया गया था. सर्वेक्षण के दौरान, सबसे बड़े शहरी उत्तरदाताओं, 35 प्रतिशत और ग्रामीण उत्तरदाताओं, 29 प्रतिशत ने युवा भारतीयों में हृदय रोगों में वृद्धि के लिए तनाव को जिम्मेदार ठहराया. तनाव के बाद, शहरी उत्तरदाताओं का दूसरा सबसे बड़ा अनुपात, 25 प्रतिशत और ग्रामीण उत्तरदाताओं, 25 प्रतिशत ने कहा कि खराब जीवन शैली को दोष देना है. सर्वेक्षण के दौरान, विभिन्न आयु वर्ग के उत्तरदाताओं द्वारा युवा भारतीयों में दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि के मुख्य कारण के रूप में तनाव का हवाला दिया गया था.

विशेष रूप से, 35-44 वर्ष के आयु वर्ग के उत्तरदाताओं की अधिकतम संख्या ने दावा किया कि तनाव युवा दिलों को मार रहा है. यहां तक कि 18-24 वर्ष की आयु वर्ग के 25 प्रतिशत युवा उत्तरदाताओं का सबसे बड़ा अनुपात तनाव को जिम्मेदार ठहराता है. तनाव के बाद, विभिन्न आयु समूहों के उत्तरदाताओं के सबसे बड़े अनुपात ने कहा कि खराब जीवनशैली युवा भारतीयों में हृदय रोग के बढ़ने का प्रमुख कारण है. कई लोगों का मानना है कि यह घातक कोरोनावायरस के दुष्प्रभावों से संबंधित है.--आईएएनएस

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नई दिल्ली : पिछले कुछ हफ्तों में युवा से लेकर मध्यम आयु वर्ग तक के लोगों को अचानक दिल का दौरा पड़ने के कई चौंकाने वाले वीडियो वायरल हुए हैं. बड़ी संख्या में युवा भारतीयों में दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) और अन्य हृदय रोग (Heart disease in youth) चिंता का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है. हृदय रोग विशेषज्ञों (Cardiologist opinion) के अनुसार, पिछले एक दशक में 20 और 30 की उम्र में दिल के दौरे से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. IANS cvoter national mood tracker सर्वेक्षण निष्कर्ष बताते हैं कि भारतीयों को अपने पश्चिमी समकक्षों की तुलना में 10 साल पहले हृदय रोग हो जाता है. IHA - इंडियन हार्ट एसोसिएशन (Indian Heart Association) के निष्कर्षो के अनुसार, अन्य जनसांख्यिकी की तुलना में हृदय रोग भारतीयों को कम उम्र (लगभग 33 प्रतिशत पहले) में होता है. IANS Survey . IANS cvoter National Mood tracker opinion poll on heart attack in indian youth .

सीवोटर नेशनल मूड ट्रैकर (CVOTER National Mood Tracker) ने युवा भारतीयों में हृदय रोग में अचानक वृद्धि के बारे में लोगों के विचारों को समझने के लिए IANS की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया. IANS cvoter national mood tracker सर्वेक्षण में पाया गया कि 31 प्रतिशत भारतीयों का सबसे बड़ा हिस्सा यह मानता है कि तनाव युवा दिलों के टूटने (Heart disease in youth) का प्रमुख कारण है. वहीं, जहां 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने खराब जीवनशैली को मुख्य कारण बताया, वहीं 8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि यह कोविड-19 के दुष्प्रभावों से संबंधित है.

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शहरी और ग्रामीण दोनों उत्तरदाताओं द्वारा समान भावनाओं को साझा किया गया था. सर्वेक्षण के दौरान, सबसे बड़े शहरी उत्तरदाताओं, 35 प्रतिशत और ग्रामीण उत्तरदाताओं, 29 प्रतिशत ने युवा भारतीयों में हृदय रोगों में वृद्धि के लिए तनाव को जिम्मेदार ठहराया. तनाव के बाद, शहरी उत्तरदाताओं का दूसरा सबसे बड़ा अनुपात, 25 प्रतिशत और ग्रामीण उत्तरदाताओं, 25 प्रतिशत ने कहा कि खराब जीवन शैली को दोष देना है. सर्वेक्षण के दौरान, विभिन्न आयु वर्ग के उत्तरदाताओं द्वारा युवा भारतीयों में दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि के मुख्य कारण के रूप में तनाव का हवाला दिया गया था.

विशेष रूप से, 35-44 वर्ष के आयु वर्ग के उत्तरदाताओं की अधिकतम संख्या ने दावा किया कि तनाव युवा दिलों को मार रहा है. यहां तक कि 18-24 वर्ष की आयु वर्ग के 25 प्रतिशत युवा उत्तरदाताओं का सबसे बड़ा अनुपात तनाव को जिम्मेदार ठहराता है. तनाव के बाद, विभिन्न आयु समूहों के उत्तरदाताओं के सबसे बड़े अनुपात ने कहा कि खराब जीवनशैली युवा भारतीयों में हृदय रोग के बढ़ने का प्रमुख कारण है. कई लोगों का मानना है कि यह घातक कोरोनावायरस के दुष्प्रभावों से संबंधित है.--आईएएनएस

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