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सरकारी इंतजामों से निराश मजदूरों ने खुद ही बनाया क्वॉरेंटाइन सेंटर, बोले- नहीं मिली कोई मदद

बिहार में सरकार की ओर ने बनाए गए क्वॉरेंटाइन केंद्र पर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही राज्य के कई जिलों में क्वॉरेंटाइन केंद्र पर सुविधा नहीं होने के कारण मजदूर हंगामा कर चुके हैं.

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Published : May 18, 2020, 12:29 PM IST

-bettiah
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बेतिया: जिले के बैरिया प्रखंड के मठिया गांव के बगीचे में बना क्वॉरेंटाइन केंद्र चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल 15 तारीख को 20 प्रवासी श्रमिकों का जत्था पहुंचा था. जहां उन्हें मठिया गांव के स्कूल में क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा गया, लेकिन वो स्कूल पहले से ही भरा हुआ था. इसके बाद से इन श्रमिकों ने उपमुखिया की मदद से अपने लिए त्रिपाल और टेंट से क्वॉरेंटाइन केंद्र बना लिया.

बता दें कि देश के विभिन्न शहरों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को 21 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने को लेकर जिला प्रशासन बेहतर व्यवस्था का दावा करता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. हालांकि मजदूरों ने अपनी मेहतन के बल पर क्वॉरेंटाइन केंद्र बना लिया.

क्वॉरेंटाइन सेंटर
क्वॉरेंटाइन सेंटर

श्रमिकों ने मेहनत कर बनाया क्वॉरेंटाइन केंद्र
श्रमिकों का कहना है कि जब स्कूल में जगह नहीं मिली. तो हम लोगों ने बगल में ही टेंट तान क्वॉरेंटाइन केंद्र बना लिया. हम लोग यहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बगीचे में रहते हैं. खुद बनाते और खाते हैं. यहां पर मच्छरदानी, बेड, चौकी, मास्क, साबुन और अन्य सभी सामान अपने पास रखे हुए हैं.

quarantine center
मजदूरों ने बनाया क्वॉरेंटाइन केंद्र

क्वॉरेंटाइन केंद्र पर कई बार मजदूर कर चुके हैं हंगामा
बिहार में सरकार की ओर ने बनाए गए क्वॉरेंटाइन केंद्र पर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही राज्य के कई जिलों में क्वॉरेंटाइन केंद्र पर सुविधा नहीं होने के कारण मजदूर हंगामा कर चुके हैं. इस बात से बिहार सरकार के क्वॉरेंटाइन केंद्र की सच्चाई का पता चलता है. विपक्ष ने कई बार क्वॉरेंटाइन केंद्र को लेकर सरकार को घेरा भी है.

पेश है रिपोर्ट

क्‍वारंटाइन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
बता दें कि प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्‍वारंटाइन सेंटर में लोगों को मूलभूत सुविधा तक नहीं दी जा रही है. इसको लेकर राज्य में मजदूर कई बार हंगामा कर चुके हैं. क्‍वारंटाइन सेंटर में बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा भी मौजूद नहीं है. कहीं-कहीं प्रवासी मजदूरों को अपने से भोजन बनाकर खाना पड़ता है. इसके अलावा कई प्रखंड और पंचायत स्तर के सेंटर में बिजली की सुविधा भी मौजूद नहीं है. इस कारण गर्मी के समय सेंटर में रह रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

बेतिया: जिले के बैरिया प्रखंड के मठिया गांव के बगीचे में बना क्वॉरेंटाइन केंद्र चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल 15 तारीख को 20 प्रवासी श्रमिकों का जत्था पहुंचा था. जहां उन्हें मठिया गांव के स्कूल में क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा गया, लेकिन वो स्कूल पहले से ही भरा हुआ था. इसके बाद से इन श्रमिकों ने उपमुखिया की मदद से अपने लिए त्रिपाल और टेंट से क्वॉरेंटाइन केंद्र बना लिया.

बता दें कि देश के विभिन्न शहरों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को 21 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने को लेकर जिला प्रशासन बेहतर व्यवस्था का दावा करता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. हालांकि मजदूरों ने अपनी मेहतन के बल पर क्वॉरेंटाइन केंद्र बना लिया.

क्वॉरेंटाइन सेंटर
क्वॉरेंटाइन सेंटर

श्रमिकों ने मेहनत कर बनाया क्वॉरेंटाइन केंद्र
श्रमिकों का कहना है कि जब स्कूल में जगह नहीं मिली. तो हम लोगों ने बगल में ही टेंट तान क्वॉरेंटाइन केंद्र बना लिया. हम लोग यहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बगीचे में रहते हैं. खुद बनाते और खाते हैं. यहां पर मच्छरदानी, बेड, चौकी, मास्क, साबुन और अन्य सभी सामान अपने पास रखे हुए हैं.

quarantine center
मजदूरों ने बनाया क्वॉरेंटाइन केंद्र

क्वॉरेंटाइन केंद्र पर कई बार मजदूर कर चुके हैं हंगामा
बिहार में सरकार की ओर ने बनाए गए क्वॉरेंटाइन केंद्र पर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही राज्य के कई जिलों में क्वॉरेंटाइन केंद्र पर सुविधा नहीं होने के कारण मजदूर हंगामा कर चुके हैं. इस बात से बिहार सरकार के क्वॉरेंटाइन केंद्र की सच्चाई का पता चलता है. विपक्ष ने कई बार क्वॉरेंटाइन केंद्र को लेकर सरकार को घेरा भी है.

पेश है रिपोर्ट

क्‍वारंटाइन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
बता दें कि प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्‍वारंटाइन सेंटर में लोगों को मूलभूत सुविधा तक नहीं दी जा रही है. इसको लेकर राज्य में मजदूर कई बार हंगामा कर चुके हैं. क्‍वारंटाइन सेंटर में बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा भी मौजूद नहीं है. कहीं-कहीं प्रवासी मजदूरों को अपने से भोजन बनाकर खाना पड़ता है. इसके अलावा कई प्रखंड और पंचायत स्तर के सेंटर में बिजली की सुविधा भी मौजूद नहीं है. इस कारण गर्मी के समय सेंटर में रह रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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