पश्चिम चंपारण: बगहा में झोलाछाप डॉक्टर की वजह से एक महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई. प्रसव पीड़िता बगहा के रामनगर के निजी व अवैध क्लीनिक में भर्ती थी. लेकिन प्रसव के दौरान झोला छाप चिकित्सक ने गर्भवती महिला की सर्जरी की थी, जिसके बाद महिला और नवजात की मौत हो गई.
जच्चा और बच्चा दोनों की मौत
मामला रामनगर के विशुनपुरवा गांव की है जहां झोला छाप चिकित्सक ने गर्भवती महिला का प्रसव के दौरान सर्जरी किया, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. इस घटना के बाद लोगों आक्रोशित हो गए और मृतक के परिजनों ने झोला छाप चिकित्सक को घर मे कैद कर दिया.
लाखों रुपया में हुआ समझौता
बताया जाता है कि ग्रामीणों और परिजन ने इसकी सूचना थाना को नहीं दी और स्थानीय स्तर पर मामले को निपटाने के लिए मान-मनव्वल चलता रहा और मुआवजे की मांग की गई. इस घटना की सूचना मिलते ही रामनगर पीएचसी में भी हड़कंप मच गया. हालांकि चिकित्सकों ने कहा कि मामला प्रशासन तक नहीं पहुंचा है तो स्वास्थ्य विभाग इसमे क्या कर सकता है.
प्रशासन ने नहीं की पुष्टि
रामनगर पीएचसी प्रभारी और एसडीपीओ ने इस घटना से कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. हालांकि, वार्ड सदस्य सुनैना देवी ने इस घटना की पुष्टि की है और बताया कि घटना के बाद डॉक्टर को घेर कर परिजनों ने ढाई लाख मुआवजे की मांग की तब जाकर मामला शांत हुआ. वहीं बता दें कि बगहा एक प्रखंड के भैरोगंज बाजार और रामनगर प्रखंड क्षेत्र में धड़ल्ले से सरकारी डॉक्टरों का दर्जनों अवैध क्लिनिक और नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे है. इन सभी क्लीनिकों में झोला छाप डॉक्टर ही सर्जरी करते हैं, इस बात से सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी अवगत है लेकिन इसके बावजूद चुप्पी साधे हुए है.