बगहा : बिहार के बगहा (Bagha) में मॉनसून के पहली ही बारिश के बाद से ही कई इलाकों में तबाही का मंजर दिख रहा है. चकदहवा के बाद गंडक दियारा पार के पिपरासी प्रखंड में भी कई गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं. लिहाजा प्रभावित लोगों ने अर्धनिर्मित रेलवे बांध पर शरण ली है. यहां गांवों में पानी घुसने के भय से लोग पूरी रात जागकर बिता रहे हैं.
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गंडक दियारा के कई गांव डूबे
भले ही गंडक नदी में पानी का जलस्तर कम हो गया हो. लेकिन दो दिन पूर्व गंडक नारायणी नदी में छोड़े गए 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी ने अपना तांडव दिखा दिया है. पिपरासी प्रखण्ड अंतर्गत सेमरा लबेदाहा पंचायत जहां श्रीपत नगर गांव के लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं. दरअसल, इस निचले इलाकों में भी दर्जनों घर बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. लिहाजा ग्रामीणों की परेशानी काफी बढ़ गई है.
पिछले वर्ष ही टूट गया था बांध
बता दें कि इस पंचायत के कुछ हिस्सों से होकर रेल मार्ग प्रस्तावित थी. जिसके लिए बांध का निर्माण किया गया था और बांध के दोनों तरफ लोग बसे हुए हैं. ऐसे में जब पिछले साल गंडक नदी ने रौद्र रूप अपनाया तो यहां का बांध टूट गया और कई गांव जलमग्न हो गए.
उस समय भी लोगों का आशियाना अर्धनिर्मित रेल बांध बना था. कुछ लोगों ने बांध पर ही अपना आशियाना भी बना लिया. फिर से बाढ़ आने से लोगों ने इस बांध पर शरण ली है.
'इस इलाके में हर साल बाढ़ आती है लेकिन स्थाई निदान की व्यवस्था नहीं की जाती लिहाजा अब तक वे लोग कई स्थान बदल कर अपना आशियाना बसा चुके हैं.' :- लखन चौधरी, बाढ़ पीड़ित
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बाढ़ के भय कर रहे रतजगा
ग्रामीणों ने मुखिया पति कौशल किशोर की मदद से खुद श्रमदान कर रेल बांध के बगल में एक कम ऊंचाई का बांध बनाकर अन्य गांवों में पानी घुसने से रोकने की कोशिश की है. डर से लोग रतजगा कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बांध मरम्मती और गाइड बांध के निर्माण ले लिए प्रशासन ने दिलासा दिया था लेकिन धरातल पर काम नहीं उतर पाया. लिहाजा इस साल भी बाढ़ की तबाही देखने को मिलेगी.
'श्रीपत नगर इलाके को बाढ़ से बचाने के लिए प्रशासन गाइड बांध बनाने की योजना पर काम कर रहा है. एक हफ्ते पहले एसडीएम शेखर आनंद ने यहां का निरीक्षण किया था और कहा था कि शीघ्र ही बांध का प्रस्ताव पारित किया जाएगा.' :- कौशल किशोर, मुखिया पति
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