पश्चिम चंपारण(बेतिया): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ आने से जंगली जानवरों का पलायन लगातार जारी है. गंडक पार के पिपरासी, भितहा और ठकराहा प्रखंड में अलग-अलग स्थान से आठ हिरणों को ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सुपुर्द कर दिया.
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पिपरासी तटबंध पर घूम रहे जंगली जानवर
पिपरा पिपरासी तटबंध के शून्य प्वाइंट पिपरासी से 35 किलोमीटर ठकराहा तक गंडक नदी का धारा से जुड़ाव है. तटबंध के दोनों तरफ झाड़िया, पेड़ व पौधे लगे हुए है. इससे नदी से बह कर आने आने वाले जंगली जीव इन झाड़ियों में रह जाते हैं. भितहा प्रखंड के चंदरपुर पीपी तटबंध की झाड़ी में पांच हिरण को लोगों ने देख कर उसका सफल रेस्क्यू किया. वहीं, ठकराहा में दो और पिपरासी में एक हिरण को पकड़कर लोगों ने रेस्क्यू किया.
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ग्रामीणों में भय का माहौल
ग्रामीणों ने बताया कि जंगली जानवरों के आने से शिकारियों की सक्रियता बढ़ सकती है. वहीं, बाढ़ के साथ आये पहाड़ी सर्प और घड़ियालों से लोगों में भय का माहौल है. ठकराहा थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से टाइगर ट्रेकर की अभिरक्षा में सभी हिरण सलामत थी, जिन्हें वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया.