बेतिया: बिहार के बेतिया में सरकार की योजना आज सभी ग्रामीणों के पास नहीं पहुंच रही है. नौतन प्रखंड के पूर्वी नौतन पंचायत के वार्ड संख्या 16 में आज तक विकास का कोई काम नहीं हुआ है. इस वार्ड के लोग सरकारी योजनाओं का इंतजार करते रहे. यह वार्ड दो भागों में बट चुका है, एक खैरा टोला और दूसरा पांडे टोला है. खैरा टोला में सरकार की सभी योजनाएं पहुंची हैं. इसका कारण है कि वार्ड सदस्य और मुखिया दोनों इस टोला से हैं. जिसे लेकर यहां के ग्रामीणों में आक्रोश है कि एक ही वार्ड होने के बावजूद भी उनके महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक भी योजना नहीं पहुंच रही.
आज भी ना नल जल, ना शौचालय: स्थानीय आक्रोशित महिलाओं का कहना है कि "हमारे गांव में कुछ भी नहीं है. ना नल जल योजना है, ना शौचालय है. सरकार की कोई योजना हमारे तक नहीं पहुंची है. शौचालय नहीं होने के कारण हमें बाहर जाना पड़ता है. हमें आज के समय में भी हमें बाहर जाने में शर्म आती है. नल जल नहीं होने के कारण हमें शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता है. नाली गली नहीं होने के कारण हम पानी का बहाओ नहीं कर पाते हैं. पानी किसी के दरवाजे पर जाता है तो उनसे झगड़ा होने लगता है और मारपीट की नौबत आ जाती है."
मुखिया और वार्ड सदस्य पर भेदभाव का आरोप: लोगों का कहना है कि उनके गांव में नाली रहती तो शायद यहां पानी का जमाव भी नहीं होता. नल जल रहता तो उन्हे शुद्ध पेयजल मिलता और शौचालय होने से बाहर नहीं जाना पड़ता. वो काफी गरीब हैं इसलिए पैसे आभाव में शौचालय नहीं बनवा सकते हैं. दरअसल वार्ड नंबर 16 दो भागों में बांटा हुआ है. हर बार खैरा टोला के ही मुखिया और वार्ड सदस्य चुनकर आते हैं. जिस कारण वह अपने खैरा टोला में ही विकास का सारा काम करते हैं और पांडे टोला के लोग इससे वंचित रह जाते हैं.
"इसके पहले जो वार्ड सदस्य थे उन्होंने ही खैरा टोला में काम कराया है और पांडे टोला को छोड़ दिया है. मैं अभी जीत कर आया हूं तो मैंने गांव का सर्वे करवाया है. ब्लॉक में भी लिख कर दिया है लेकिन अभी कोई निदान नहीं हुआ. जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा."-रंजन यादव, वर्तमान वार्ड सदस्य
लोग कर रहे योजनाओं का इंतजार: पूर्वी नौतन के वार्ड नंबर 16 के वार्ड सदस्य और मुखिया एक दूसरे पर फेंक रहे हैं. सब एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. लेकिन इसका खामियाजा पांडे टोला के ग्रामीण भोग रहे हैं. सरकार की योजनाएं उन तक नहीं पहुंच रही हैं जिसे लेकर उनके अंदर आक्रोश है. यहां के ग्रामीण शौचालय का इंतजार कर रहे हैं. नल जल का इंतजार कर रहे हैं. नाली गली के बनने की राह देख रहे हैं.