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VIDEO: पोखर में महीने भर से मछलियों की दावत उड़ा रहा था मगरमच्छ, लोगों ने रिस्क उठाकर पकड़ा - west champaran news

बाढ़ में बहकर आए मगरमच्छ गांव वालों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इन मगरमच्छों ने मछली पालन वाले पोखरों को अड्डा बना लिया है. इस वजह से गांव वालों को अनहोनी की चिंता सताने लगी है. वन विभाग को सूचना देने के बाद भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती. पढ़ें पूरी खबर-

बगहा में मगरमच्छ
बगहा में मगरमच्छ
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Published : Sep 16, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 6:18 PM IST

पश्चिमी चंपारण: बिहार में बाढ़ के चलते मगरमच्छ (Crocodile) रिहायशी इलाकों में बहकर चले आए हैं. रामनगर थाना क्षेत्र के सबुनी सरेह स्थित रसूल मियां के पोखरा से मछली पालकों ने 8 फीट लंबा मगरमच्छ पकड़ा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अभी भी दो और मगरमच्छ आसपास के पोखरों में शिकार की तलाश में छिपे बैठे हैं.

ये भी पढ़ें- दरधा नदी के संगम घाट पर शिकार की तलाश में बैठा था घड़ियाल, तभी...

रसूल मियां के पोखरे में कई दिनों से 8 फीट लंबा मगरमच्छ मछलियों की दावत उड़ा रहा था. मछली पालक हैरान थे उनकी मछलियां कम क्यों होती जा रहीं हैं. गनीमत रही कि इस दौरान गांव वाले या फिर मछली पालक इस मगरमच्छ के शिकार नहीं बने. मछली पालकों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया.

देखें वीडियो.

बताया जा रहा है कि सबुनी सरेह में नहर से निकलकर 2 से तीन मगरमच्छ एक तालाब में घुस गए. उस तालाब में मछलीपालन किया जा रहा था. पर्याप्त खुराक मिलने की वजह से मगरमच्छोंं ने वहीं डेरा डाल लिया. मगरमच्छ देखे जाने की सूचना जब वन विभाग को दी गई तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. गांव वालों में मगरमच्छ की दहशत बढ़ती जा रही थी.

'हम लोग वन विभाग को सूचना दिए थे लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं है. हम लोगों ने ही मिलकर इस मगरमच्छ को पकड़ा है. हमारे पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम आती है और इसे लेकर जाएगी'- स्थानीय ग्रामीण

ग्रामीणों ने खतरे को भांपकर खुद ही जल में मगर को पकड़ने के लिए उतर गए. देसी जुगाड़ से एक मगरमच्छ को पकड़ने में कामयाबी मिल गई. उसे रस्से से पेड़ के सहारे बांधकर वन विभाग का इंतजार करते रहे. मछली पालक का कहना है कि ये मगरमच्छ एक महीने से उनके तालाब में है. लाखों की मछलियों को निवाला बना चुका है.

इलाके में घात लगाकर बैठे मगरमच्छ स्थानीय ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. न जाने कब घात लगाकर किसी बच्चे या मवेशी पर हमला कर दें. अनहोनी का डर ग्रामीणों को सता रहा है. ऊपर से पोखर की मछलियों को भी हजम कर लाखों का नुकसान कर रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि आखिर समय रहते वन विभाग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. इस मामले में वन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

पश्चिमी चंपारण: बिहार में बाढ़ के चलते मगरमच्छ (Crocodile) रिहायशी इलाकों में बहकर चले आए हैं. रामनगर थाना क्षेत्र के सबुनी सरेह स्थित रसूल मियां के पोखरा से मछली पालकों ने 8 फीट लंबा मगरमच्छ पकड़ा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अभी भी दो और मगरमच्छ आसपास के पोखरों में शिकार की तलाश में छिपे बैठे हैं.

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रसूल मियां के पोखरे में कई दिनों से 8 फीट लंबा मगरमच्छ मछलियों की दावत उड़ा रहा था. मछली पालक हैरान थे उनकी मछलियां कम क्यों होती जा रहीं हैं. गनीमत रही कि इस दौरान गांव वाले या फिर मछली पालक इस मगरमच्छ के शिकार नहीं बने. मछली पालकों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया.

देखें वीडियो.

बताया जा रहा है कि सबुनी सरेह में नहर से निकलकर 2 से तीन मगरमच्छ एक तालाब में घुस गए. उस तालाब में मछलीपालन किया जा रहा था. पर्याप्त खुराक मिलने की वजह से मगरमच्छोंं ने वहीं डेरा डाल लिया. मगरमच्छ देखे जाने की सूचना जब वन विभाग को दी गई तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. गांव वालों में मगरमच्छ की दहशत बढ़ती जा रही थी.

'हम लोग वन विभाग को सूचना दिए थे लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं है. हम लोगों ने ही मिलकर इस मगरमच्छ को पकड़ा है. हमारे पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम आती है और इसे लेकर जाएगी'- स्थानीय ग्रामीण

ग्रामीणों ने खतरे को भांपकर खुद ही जल में मगर को पकड़ने के लिए उतर गए. देसी जुगाड़ से एक मगरमच्छ को पकड़ने में कामयाबी मिल गई. उसे रस्से से पेड़ के सहारे बांधकर वन विभाग का इंतजार करते रहे. मछली पालक का कहना है कि ये मगरमच्छ एक महीने से उनके तालाब में है. लाखों की मछलियों को निवाला बना चुका है.

इलाके में घात लगाकर बैठे मगरमच्छ स्थानीय ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. न जाने कब घात लगाकर किसी बच्चे या मवेशी पर हमला कर दें. अनहोनी का डर ग्रामीणों को सता रहा है. ऊपर से पोखर की मछलियों को भी हजम कर लाखों का नुकसान कर रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि आखिर समय रहते वन विभाग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. इस मामले में वन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

Last Updated : Sep 16, 2021, 6:18 PM IST
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