मोतिहारीः भारत नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल के बाटा चौक से आधे दर्जन शराबी को पुलिस ने गिरफ्तार किया. सभी को जांच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. यहां ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध नहीं था. डॉक्टर के सामने यह समस्या आयी कि इसकी जांच कैसे की जाए. ऐसे में पकड़े गए लोगों ने शराब पी है या नहीं इसकी जांच के लिए डॉक्टर ने एक जुगाड़ लगाया. जुगाड़ ऐसा कि आप सुनकर अपना माथा पकड़ लेंगे. डॉक्टर की इस जुगाड़ टेक्नोलॉजी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
रक्सौल में शराब पीने वालों की जांच कुछ ऐसे हुई : वायरल वीडियो में दिख रहा है कि ड्यूटी में तैनात चिकित्सक कागज को मोड़कर पहले उसे कीप की तरह बनाते हैं. फिर उस कागज के कीप को शराब पीने वाले आरोपियों के मुंह पर ले जाकर उसे फूंकने के लिए कहते हैं. फिर शराबियों के फूंक को सूंघ कर चिकित्सक उनके शराब पीने की पुष्टि करते हैं. एक बार के फूंक में ठीक से शराब की महक नहीं आने पर दुबारा फूंकने के लिए आरोपियों से कहते हैं. उसके बाद चिकित्सक उनके शराब पीने की रिपोर्ट बना रहे हैं.
"ऐसा वीडियो मैंने नहीं देखा है. अस्पताल में ब्रेथ एनालाइजर उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा शराब पीने की जांच करने के अन्य उपकरण भी नहीं है. क्लीनिकल हिस्ट्री और लोगों से पूछताछ के आधार पर रिपोर्ट बनायी जाती है. शुरुआती जांच में ऐसा किया जा सकता है. लेकिन इस जांच से शराब पीने की मात्रा स्पष्ट नहीं हो पाती है."- डॉ राजीव रंजन, उपाधीक्षक, रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल
डॉक्टर ने शराब पीने का सर्टिफिकेट बना दिया : मामला चार दिन पुराना 30 अक्टूबर का बताया जा रहा है. इसी रिपोर्ट के आधार पर मोतिहारी उत्पाद न्यायालय में पेश करने के बाद शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. बताया जाता है कि सभी 11 लोग नेपाल के वीरगंज से शराब पीकर रक्सौल आ रहे थे. इसी क्रम में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि रक्सौल बिहार-नेपाल सीमा पर स्थित है. बिहार में शराबबंदी है. ऐसे में सीमावर्ती लोग अक्सर शराब पीने के लिए नेपाल के बीरगंज चले जाते हैं.
क्या होता है 'ब्रेथ एनालाइजर' टेस्ट : अब सवाल यह है कि ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट क्या होता है. मशीन कैसे जांच करती है कि किसने शराब पी रखी है. दरअसल, जब कोई शराब पीता है, तो यह हमारे रक्त में मिल जाता है. इसका असर हमारे फेफड़ों पर भी होता है. ऐसे में जब हम सांस लेते हैं तो इसमें शराब की बदबू आती है. जब ब्रेथ एनालाइजर मशीन में फूंकने के लिए कहा जाता है तो ऐसे में मुंह से जो हवा निकलती है, उसी के जरिए खून में शराब की मांत्रा की जांच की जाती है.
क्या है नियम? : नियमों के अनुसार, ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट के बाद डॉक्टर जांच रिपोर्ट अदालत में जमा करती है. जांच रिपोर्ट में पकड़े गए लोगों ने कितनी शराब पी थी. इसकी भी जानकारी लिखी होती है. जिसे अदालत में जमा करना होता है. लेकिन बताया जाता है कि इस मामले में पकड़े गए 11 लोगों में से 9 लोगों की शराब पीने की पुष्टि तो हो गई, लेकिन इन लोगों का न तो ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट रिपोर्ट और न ही ब्लड रिपोर्ट कोर्ट में जमा कराया गया.
नोट : ईटीवी भारत वायरल वीडियो के सच होने की पुष्टि नहीं करता है.
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