पश्चिम चंपारण: रविवार को नरकटियागंज के शिकारपुर थाने का तीन वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में शिकारपुर थाने के मुंशी वॉरलेस ऑपरेटर माधव, एसआई श्याम बहादुर ठाकुर और थाना प्रभारी केके गुप्ता नजर आ रहे हैं. इसमें पीड़ित पक्ष के आवेदन पर एफआईआर करने के लिए पीड़ित से पैसे की मांग की जा रही है.
गौरतलब है कि पहले वायरल वीडियो में शिकारपुर थाने के मुंशी वॉरलेस ऑपरेटर माधव साफ-साफ बोलते नजर आ रहे हैं कि अगर एफआईआर करना है, तो बड़े बाबू को खर्चा देना होगा. बिना खर्च किए कोई काम नहीं हो सकता. वहीं, वीडियो में पीड़ित बोल रहा है कि लॉकडाउन है, पैसा नहीं है, एक तो हमारा नुकसान हुआ है. ऊपर से पैसे कहां से दें. तब मुंशी माधव जवाब देते हैं कि पैसा तो खर्च करना ही पड़ेगा. एफआईआर ऐसे नहीं होता है.
'पैसा दोगे तभी दर्ज होगी एफआईआर'
साथ ही थाना मुंशी आगे कहते हैं कि पुलिस और कोर्ट के चक्कर में लावारिस बनना पड़ता है, तब जाकर काम होता है. जिसके बाद पीड़ित ने कुछ पैसे देने की बात कही, जिसके जवाब में वॉरलेस ऑपरेटर माधव ने कहा कि पैसा कम नहीं होगा. यहां पूरा पैसा एक साथ देना होगा. यह बनिया की दुकान नहीं है, जहां दो हजार अभी और बाकी पैसा बाद में, पहले पैसा दोगे तभी जाकर एफआईआर दर्ज होगा.
'तुम कलेक्टर नहीं हो'
वहीं, दूसरे वीडियो में शिकारपुर थाना प्रभारी केके गुप्ता के पास पीड़ित एफआईआर करने की फरियाद करता दिख रहा है. जिसमें थाना प्रभारी पीड़ित को डराते-धमकाते नजर आ रहे हैं. थाना प्रभारी पीड़ित से बोल रहे हैं कि तुम कलेक्टर नहीं हो कि तुम बोलोगे तो केस कर देंगे. दूसरा पक्ष भी तुम पर केस कर सकता है.
पैसा देने के बाद मिला आश्वासन
इसके बाद पीड़ित शिकारपुर थाना के एसआई श्याम बहादुर ठाकुर के पास पहुंचता है. तीसरे वीडियो में पीड़ित एसआई श्याम बहादुर ठाकुर को आवेदन दे रहा है. साथ ही वो एफआईआर करने के एवज में उनको पैसे भी दे रहा है. जिसके बाद वीडियो में एसआई श्याम बहादुर ठाकुर द्वारा पीड़ित को आश्वासन दिया जा रहा है कि एफआईआर हो जायेगा.
जानें क्या है मामला?
गौरतलब है कि 9 मई को शिकारपुर थाना क्षेत्र के मंगरौली सिवान में कुछ दबंगों ने पीड़ित विरेंद्र साह के खेत में घुसकर फसलों को उजाड़कर खेत में बनी झोपड़ी को जला दिया था. जिसे लेकर पीड़ित शिकारपुर थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगा रहा था. वहीं, पीड़ित के आवेदन पर शिकार पुलिस कोई कार्रवाई न करते हुए पैसों की डिमांड करती रही. पीड़ित ने बताया कि शिकारपुर थाने में दस हजार की डिमांड की गई थी. लेकिन जैसे-तैसे करके मैंने 5 हजार रुपये दिया. तब जाकर मेरे आवेदन पर एफआईआर दर्ज की गई. लेकिन एफआईआर के बावजूद भी अभी तक शिकारपुर पुलिस ने उन दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.