बेतिया: जिले का चनपटिया क्षेत्र बड़ी मात्रा में यहां बनने वाले अपने विशेष मुरब्बे के लिए जाना जाता है. मुरब्बा का कुटीर उद्योग करने वाले चनपटिया के दर्जनों निवासी राज्य के अन्य हिस्सों में मुरब्बा भेजते हैं. लेकिन आज मुरब्बा से मुंह मीठा कराने वालों के जीवन में कोरोना महामारी ने कड़वाहट घोल दी है.
चनपटिया में बने मुरब्बे की सप्लाई राज्य के 12 जिलों में होती थी. वहीं, आज कोरोना महामारी के समय सप्लाई तो दूर मुरब्बा व्यवसायियों का घर चलना भी मुश्किल हो गया है.
मुरब्बा व्यवसायियों का कहना है कि कई वर्षों से ये रोजगार चलता आ रहा है. प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल मुरब्बा का निर्माण उनके लघु कारखाने में होता था. जिससे 10 से 15 हजार रुपये की बिक्री प्रतिदिन होती थी. इस लॉकडाउन में प्रतिदिन 200 से 300 रुपये तक की बिक्री ही बमुश्किल हो पा रही है. ऐसे में मुरब्बा कार्य में लगे परिवारों के खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया है.
घर चलाने में आया संकट
बता दें कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन ने मुरब्बा बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में इन मुरब्बा व्यवसायियों के सामने घोर संकट आन पड़ी है. चनपटिया बाजार के मुरब्बा उद्योग को 3 वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने क्लस्टर बनाकर उत्पाद को बढ़ावा देने की बात कही थी. ऐसा वहां के व्यवसायियों की मेहनत और कारोबार को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कहा गया था, लेकिन आज इन मुरब्बा व्यवसायियों के सामने घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.