बगहाः इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (विटीआर) में पर्यटन सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हो गई है. पर्यटन सेवा शुरू होने के साथ ही पश्चिमी चंपारण (West Champaran) के पर्यटक स्थल शैलानियों से गुलजार होने लगे हैं. पहले ही दिन पटना और दूर दराज के क्षेत्रों से पहुंचे पर्यटकों ने विटीआर के मनोरम नजारे का लुत्फ उठाया.
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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने जंगल सफारी सेवा के नये पर्यटन सत्र को झंडी दिखाई. इसी के साथ विटीआर में पर्यटन की शुरुआत हुई. क्षेत्र निदेशक ने बताया कि झूला और बोटिंग के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा. वन क्षेत्र निदेशक ने बताया कि बरसात के कारण झूला के एक दो पिलरों को नुकसान पहुंचा है, जिसे दुरुस्त किया जा रहा है. उन्होंने बोटिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बोट में मशीनरी खराबी है जिससे ठीक किया जा रहा है. उसके बाद सभी पर्यटन सेवाओं की सुविधा मिलने लगेगी.
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बता दें कि पहाड़, तीन नदियों का संगम, जंगल के आवरण से घिरे इस पर्यटन स्थल में घूमने के लिए खूबसूरत इक्को पार्क है. झूला व जंगल सफारी सहित नारायणी के किनारे पाथवे का मनोरम दृश्य पर्यटकों को लुभाता है. पर्यटक यहां गण्डक नदी में बोटिंग का भी आनंद उठाते हैं. साथ ही धार्मिक स्थलों खासकर नर देवी, वाल्मीकि आश्रम, कौलेश्वर मंदिर जैसे स्थलों पर सुकून का आनंद लेते हैं.
बता दें की पर्यटकों के ठहरने के लिए वन विभाग की ओर कई व्यवस्था की गई है. यहां सस्ते और सुविधाजनक होटल, बम्बू हट, वाल्मीकि विहार, ट्री हट और विश्राम सभागार बनाए गये हैं. यहां छोटे-बड़े प्राइवेट होटल व रिसोर्ट भी उपलब्ध हैं. वीटीआर के खुल जाने से वाल्मीकिनगर स्थित पर्यटक स्थलों पर चहल पहल बढ़ने लगी है. पटना से आए पर्यटक डॉ सब्बू खान ने बताया कि यहां का हर नजारा अपने आप में अद्भुत है, जो मन को मोह लेता है.