बेतिया: 8 दिसम्बर को सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में टूरिज्म की औपचारिक शुरुआत कर दी है. लेकिन यहां के पर्यटन क्षेत्रों में किसी भी टेलिकॉम कम्पनी का नेटवर्क नहीं होने से बड़े पैमाने पर पर्यटन प्रभावित हो रहा है. दूर दराज से आने वाले पर्यटक नेटवर्क नहीं रहने की वजह से अपने घर-परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं.
अतिथिशाला में नहीं रूकना चाहते पर्यटक
इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खूबसूरत वादियों की वजह से उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के तौर पर पहचान बना चुका वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अतिथिशाला में लोग ठहरना नहीं चाहते हैं. जिससे सरकार द्वारा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की मुहिम को करारा झटका लग रहा है. बता दें कि वाल्मीकिनगर अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी, बोटिंग, पहाड़ सहित यहां के खूबसूरत वादियों और तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने आनेवाले सैलानियों को इस इलाके में नेटवर्क नहीं हो पाने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
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'नेटवर्क की समस्या जल्द होगी खत्म'
यहां सैर पर आने वाले सैलानियों की शिकायत है कि सरकार ने विटीआर को पर्यटन स्थल के तौर पर बेहतर रूप से विकसित किया है. लेकिन एक या दो दिन के ट्रिप में यहां घूमने का आनंद नहीं लिया जा सकता. क्योंकि किसी भी टेलिकॉम कम्पनी का नेटवर्क यहां काम नहीं करता है. जिसकी वजह से यहां सरकार की ओर से ठहरने के लिए उपलब्ध कराई गई फेसिलिटी से कोई फायदा नहीं पहुंच पाता और लोग सरकारी अतिथिशाला में ठहरने से कतराते हैं.
वहीं पर्यटन सत्र का शुभारम्भ करने वाल्मीकिनगर पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जल्द ही नेटवर्क की समस्या को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बाबत बीएसएनएल के वरीय अधिकारी से बात हुई है और जल्द इस समस्या का समाधान किया जाएगा.