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बेतिया: नेटवर्क प्रॉब्लम से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में नहीं रुकना चाहते पर्यटक

वाल्मीकिनगर अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी, बोटिंग, पहाड़ सहित यहां की खूबसूरत वादियों और तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने आने वाले सैलानियों को इस इलाके में नेटवर्क नहीं मिल पाने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

sushil modi
सुशील मोदी
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Published : Dec 10, 2019, 12:50 PM IST

बेतिया: 8 दिसम्बर को सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में टूरिज्म की औपचारिक शुरुआत कर दी है. लेकिन यहां के पर्यटन क्षेत्रों में किसी भी टेलिकॉम कम्पनी का नेटवर्क नहीं होने से बड़े पैमाने पर पर्यटन प्रभावित हो रहा है. दूर दराज से आने वाले पर्यटक नेटवर्क नहीं रहने की वजह से अपने घर-परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं.

अतिथिशाला में नहीं रूकना चाहते पर्यटक
इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खूबसूरत वादियों की वजह से उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के तौर पर पहचान बना चुका वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अतिथिशाला में लोग ठहरना नहीं चाहते हैं. जिससे सरकार द्वारा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की मुहिम को करारा झटका लग रहा है. बता दें कि वाल्मीकिनगर अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी, बोटिंग, पहाड़ सहित यहां के खूबसूरत वादियों और तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने आनेवाले सैलानियों को इस इलाके में नेटवर्क नहीं हो पाने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

जानकारी देते सुशील मोदी

ये भी पढ़ें: बोले पप्पू यादव- सत्ता में आने के 72 घंटो के भीतर बिहार में चालू होगी शराब

'नेटवर्क की समस्या जल्द होगी खत्म'
यहां सैर पर आने वाले सैलानियों की शिकायत है कि सरकार ने विटीआर को पर्यटन स्थल के तौर पर बेहतर रूप से विकसित किया है. लेकिन एक या दो दिन के ट्रिप में यहां घूमने का आनंद नहीं लिया जा सकता. क्योंकि किसी भी टेलिकॉम कम्पनी का नेटवर्क यहां काम नहीं करता है. जिसकी वजह से यहां सरकार की ओर से ठहरने के लिए उपलब्ध कराई गई फेसिलिटी से कोई फायदा नहीं पहुंच पाता और लोग सरकारी अतिथिशाला में ठहरने से कतराते हैं.

वहीं पर्यटन सत्र का शुभारम्भ करने वाल्मीकिनगर पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जल्द ही नेटवर्क की समस्या को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बाबत बीएसएनएल के वरीय अधिकारी से बात हुई है और जल्द इस समस्या का समाधान किया जाएगा.

Valmiki Tiger Reserve
नौशीन, पर्यटक

बेतिया: 8 दिसम्बर को सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में टूरिज्म की औपचारिक शुरुआत कर दी है. लेकिन यहां के पर्यटन क्षेत्रों में किसी भी टेलिकॉम कम्पनी का नेटवर्क नहीं होने से बड़े पैमाने पर पर्यटन प्रभावित हो रहा है. दूर दराज से आने वाले पर्यटक नेटवर्क नहीं रहने की वजह से अपने घर-परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं.

अतिथिशाला में नहीं रूकना चाहते पर्यटक
इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खूबसूरत वादियों की वजह से उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के तौर पर पहचान बना चुका वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अतिथिशाला में लोग ठहरना नहीं चाहते हैं. जिससे सरकार द्वारा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की मुहिम को करारा झटका लग रहा है. बता दें कि वाल्मीकिनगर अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी, बोटिंग, पहाड़ सहित यहां के खूबसूरत वादियों और तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने आनेवाले सैलानियों को इस इलाके में नेटवर्क नहीं हो पाने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

जानकारी देते सुशील मोदी

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'नेटवर्क की समस्या जल्द होगी खत्म'
यहां सैर पर आने वाले सैलानियों की शिकायत है कि सरकार ने विटीआर को पर्यटन स्थल के तौर पर बेहतर रूप से विकसित किया है. लेकिन एक या दो दिन के ट्रिप में यहां घूमने का आनंद नहीं लिया जा सकता. क्योंकि किसी भी टेलिकॉम कम्पनी का नेटवर्क यहां काम नहीं करता है. जिसकी वजह से यहां सरकार की ओर से ठहरने के लिए उपलब्ध कराई गई फेसिलिटी से कोई फायदा नहीं पहुंच पाता और लोग सरकारी अतिथिशाला में ठहरने से कतराते हैं.

वहीं पर्यटन सत्र का शुभारम्भ करने वाल्मीकिनगर पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जल्द ही नेटवर्क की समस्या को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बाबत बीएसएनएल के वरीय अधिकारी से बात हुई है और जल्द इस समस्या का समाधान किया जाएगा.

Valmiki Tiger Reserve
नौशीन, पर्यटक
Intro:बीते 8 दिसम्बर को सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में टूरिज्म की औपचारिक शुरुआत की। लेकिन यहां के पर्यटन क्षेत्रों में किसी भी टेलिकम कम्पनी का नेटवर्क नही होने से बड़े पैमाने पर पर्यटन प्रभावित हो रहा है। दूर दराज से आने वाले पर्यटक नेटवर्क नही रहने के वजह से अपने घर परिवार से सम्बन्ध विच्छेद की वजह से सरकार के बनाये अतिथिशालाओं में रात नही गुजारना चाहते।


Body:इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खूबसूरत वादियों के चलते उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के तौर पर पहचान बना चुके वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अतिथिशालाओं में लोग ठहरना नही चाहते। जिससे सरकार द्वारा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की मुहिम को करारा झटका लग रहा है। बता दें कि वाल्मीकिनगर अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी, बोटिंग, पहाड़ सहित यहां के खूबसूरत वादियों एवं तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने आनेवाले सैलानियों को इस इलाके में नेटवर्क नही हो पाने की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहां सैर पर आने वाले सैलानियों की शिकायत है कि सरकार ने विटीआर को पर्यटन स्थल के तौर पर बेहतर रूप से विकसित किया है। एक या दो दिन के ट्रिप में यहां घूमने का आनंद नही लिया जा सकता ऐसे में यदि रुकने का ख्याल आ भी जाये तो घर परिवार से महरूम हो जाना पड़ता है और किसी भी टेलिकम कम्पनी का नेटवर्क यहां काम नही करता। जिस वजह से यहां सरकार द्वारा ठहरने के लिए उपलब्ध कराई गई फेसिलिटी से कोई फायदा नही पहुंच पाता और लोग सरकारी अतिथिशालाओं में ठहरने से कतराते हैं।
बाइट- नौशीन, पर्यटक
बाइट- अथा खान, पर्यटक
बाइट- सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री।


Conclusion:हालांकि पर्यटन सत्र का शुभारम्भ करने वाल्मीकिनगर पंहुँचे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस बाबत सवाल किए तो उन्होंने यह दिलासा जरूर दिया कि शीघ्र ही नेटवर्क की समस्या को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बाबत बीएसएनएल के वरीय अधिकारी से बात हुई है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार द्वारा पर्यटन को दिए जा रहे बढ़ावा के रास्ते मे जो बड़ी रुकावट आ रही और जिस समस्या से यहां का प्रयटन बड़े तौर पर प्रभावित हो रहा उस समस्या का समाधान सरकार कितना शीघ्र करने में कामयाब हो पाता है।
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