बेतिया (बगहा). बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) के बगहा (Bagaha) में एक आदमखोर बाघिन अपने बच्चों की तलाश में भटक रही है. गांव के आसपास बाघिन को देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत है. इस बाघिन ने एक युवक को मार डाला था, जिसके बाद से वन विभाग की टीम इसकी रेस्क्यू में लगी है. बाघिन द्वारा लगातार ठिकाना बदलने के चलते उसे पकड़ने में कामयाबी नहीं मिल रही है.
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बाघिन बगहा प्रखंड के मदनपुर वन क्षेत्र (Madanpur Forest Range) के सिरिसिया जरलहिया गांव के आसपास भ्रमण कर रही है. पहले उसे रामनगर प्रखंड के गुदगुदी पंचायत में देखा गया था. ग्रामीणों के अनुसार इसी इलाके में पहले बाघ के बच्चे देखे गए थे. इसके चलते वन विभाग के कर्मियों की आशंका है कि बाघिन अपने बच्चों की तलाश में इस इलाके में भटक रही है.
बाघिन के गांव के आसपास होने की खबर से लोगों में दहशत है. वन विभाग की टीम बाघिन को पकड़ने में जुटी है. टीम ने कई जगह ट्रैप लगाए, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. दूर तक नजर रखने के लिए वन विभाग के कर्मी ड्रोन कैमरा की मदद ले रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है.
बता दें कि बाघिन करीब एक माह से लगातार अपना ठिकाना बदल रही है. वह रामनगर के बाद भैरोगंज होते हुए मदनपुर वन क्षेत्र के सिरिसिया जरलहिया गांव पहुंची है. ग्रामीणों ने बाघिन को देखा तो वन विभाग को सूचित किया. ग्रामीणों से मिली सूचना के बाद वन विभाग की टीम सिरिसिया जरलहिया गांव पहुंची है. जहां उसे बाघिन के पैरों के निशान मिले हैं. वन विभाग के कर्मियों ने ग्रामीणों के जंगल की तरफ जाने पर पाबंदी लगा दी है. गांव के लोगों को अपने मवेशियों के साथ जंगल में नहीं जाने की हिदायत दी गई है.
सेमरा थाना अंतर्गत बेलवा चाखनी गांव में करीब एक सप्ताह पहले ग्रामीणों ने बाघ के दो बच्चों को सड़क पर घूमते देखा था. ग्रामीणों के मुताबिक दो तीन दिन तक बाघ के बच्चे कभी गन्ना के खेत में तो कभी सड़क पर दिखे थे. वन विभाग के कर्मियों की आशंका है कि बाघिन अपने बच्चों की तलाश में है. संभव है कि दोनों शावक अपनी मां से बिछड़कर रिहायशी इलाके के आसपास आ गए थे.
"अभी तक हमें सिर्फ बाघिन के पैरों के निशान मिले हैं. बाघिन का पता नहीं चला है. हमलोग पैरों के निशान की मदद से बाघिन को ट्रैक कर रहे हैं. अभी बाघिन से कोई खतरा नहीं है. हमलोग निगरानी कर रहे हैं ताकि गांव के लोग जंगल में नहीं जाएं ताकि ग्रामीण सुरक्षित रहें और बाघ को भी परेशानी न हो."- अनिता कुमारी, वनरक्षी, मदनपुर वन क्षेत्र
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