बगहा: बिहार के बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे आदिवासी बहुल इलाके में बाघ के पंजों का निशान (Tiger Claw Marks Found In Valmiki Tiger Reserve) देखने को मिला है. आदिवासी बहुल इलाके के लोग आदमखोर बाघ की दहशत से काफी भयभीत हैं. दरअसल अब तक पांच माह के भीतर आदमखोर बाघ ने आधा दर्जन ग्रामीणों को अपना शिकार बना लिया है. सोमवार को हरनाटांड़ के बैरिया कला गांव में बाघ ने खेत मे सोहनी करने गई एक महिला को मार डाला. जिसके बाद आदिवासी आक्रोशित हो गए और वन विभाग पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए हरनाटांड़ वन कार्यालय का घेराव भी किया. लिहाजा वन विभाग द्वारा 40 कैमरे लगाकर टाइगर टेकर्स द्वारा तीन शिफ्ट में 24 घण्टे निगरानी कराई जा रही है.
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आधा दर्जन ग्रामीणों को बनाया शिकार : अब एक बार फिर ग्रामीणों द्वारा बाघ का फूटमार्क रिहायशी इलाके के आसपास देखा गया है जिसका वीडियो ग्रामीणों ने वायरल कर वन विभाग को सूचना दी है. ग्रामीण बाघ के चहलकदमी और हमले के बाद आधा दर्जन मौतों से इस कदर भयभीत हैं कि वन विभाग से वन्य जीवों से बचाने के लिए किसी ठोस व कारगर उपाय करने की मांग की है.
25 सदस्यीय टीम लगातार कर रही है पेट्रोलिंग : वन विभाग के अधिकारियों ने वन प्रमंडल दो के पांचों वन क्षेत्र के वनकर्मियों की टीम को अलर्ट कर दिया है. साथ हीं वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को जंगल के तरफ जाने से मना किया जा रहा है. VTR के हर्नाटांड़ वन क्षेत्र के बैरिया कला गांव के पास जंगल से सटे इलाके में दो दर्जनों वनकर्मियों की टीम कैम्प कर रही है. डीएफओ नीरज नारायण ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग ठोस कदम उठा रहा है इसके तहत 24 घंटे वनकर्मियों की तीन टुकड़ी बैरिया कला गांव के पास कैम्प कर रही है. जिसमें हरनाटांड़, चिउटाहां और वाल्मीकिनगर की 25 सदस्यीय टीम लगातार डे शिफ्ट में पेट्रोलिंग कर रही है.
"बाघ की निगरानी के लिए काफी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके लिए बैरिया कला गांव के सरेह से सटे जंगल के विभिन्न पेड़ों पर करीब 40 कैमरे लगाए जा रहे हैं. ताकि बाघ की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल सके और ये चिन्हित किया जा सके कि कौन सा बाघ है. जो इस तरह की घटना को अंजाम दे रहा है. वहीं दूसरी ओर ड्यूटी के दौरान वनकर्मियों को पटाखे भी उपलब्ध कराए गए हैं. ताकि पटाखों की आवाज से बाघ सरेह व गांव का रुख नहीं करे" - नीरज नारायण, डीएफओ, वन प्रमंडल
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