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यहां अनुपस्थित शिक्षकों की भी बन जाती है हाजिरी, प्रिंसिपल की मनमानी से छात्र और ग्रामीण परेशान

विद्यालय में कार्यरत दो शिक्षिकाओं में से एक दिल्ली में रहती हैं तो दूसरी लखनऊ में, महीने में दो बार इनकी उपस्थिति होती है और अटेंडेंस अग्रिम में बना दिया जाता है.

राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय
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Published : Jun 6, 2019, 11:08 AM IST

पश्चिमी चंपारण: बगहा प्रखंड के भैरोगंज पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक की मनमानी और पक्षपातपूर्ण रवैये से शिक्षक, छात्र और ग्रामीण परेशान हैं. विद्यालय में मीड डे मील में भी अनियमितता का मामला सामने आया है. तो किसी टीचर की उपस्थिति एडवांस में ही बनी हुई है. वहीं, खुद प्रधानाध्यापक भी एटेंडेंस बनाकर गायब रहते हैं.

स्कूली छात्रों का कहना है कि कई बार खाने में कभी दाल तो कभी चावल घट जाता है. मिड डे मील में मेनू के हिसाब से खाना नहीं बनाये जाने पर जब पूछते हैं तो गुरुजी की झिड़की झेलनी पड़ती है.

राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बगहा

शिक्षिका ने भेदभाव करने का लगाया आरोप

स्कूल की एक शिक्षिका ने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे छात्रों और सहायक शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं. उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हैं और कई दफा बदसलूकी भी कर चुके हैं. कुछ पल विलम्ब हो जाने पर गैरहाजिर कर देते हैं. साथ ही कुछ खास शिक्षिकाओं पर खासे मेहरबान रहते हैं. विद्यालय में कार्यरत दो शिक्षिकाओं में से एक दिल्ली में रहती हैं तो दूसरी लखनऊ में, महीने में दो बार इनकी उपस्थिति होती है और अटेंडेंस अग्रिम में बना दिया जाता है. वहीं, यदि कोई जांच में पहुंच जाए तो विशेष अवकाश दिखा दिया जाता है.

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने की जांच

इन सारे मामलों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने भी कहा कि जांच के क्रम में दोनों शिक्षिकाओं को गैरहाजिर पाया है और अग्रिम हाजिरी बनी हुई भी देखी है. साथ ही उन्होंने मिड डे मील में अनियमितता की बात को भी स्वीकार किया. हालांकि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पश्चिमी चंपारण: बगहा प्रखंड के भैरोगंज पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक की मनमानी और पक्षपातपूर्ण रवैये से शिक्षक, छात्र और ग्रामीण परेशान हैं. विद्यालय में मीड डे मील में भी अनियमितता का मामला सामने आया है. तो किसी टीचर की उपस्थिति एडवांस में ही बनी हुई है. वहीं, खुद प्रधानाध्यापक भी एटेंडेंस बनाकर गायब रहते हैं.

स्कूली छात्रों का कहना है कि कई बार खाने में कभी दाल तो कभी चावल घट जाता है. मिड डे मील में मेनू के हिसाब से खाना नहीं बनाये जाने पर जब पूछते हैं तो गुरुजी की झिड़की झेलनी पड़ती है.

राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बगहा

शिक्षिका ने भेदभाव करने का लगाया आरोप

स्कूल की एक शिक्षिका ने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे छात्रों और सहायक शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं. उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हैं और कई दफा बदसलूकी भी कर चुके हैं. कुछ पल विलम्ब हो जाने पर गैरहाजिर कर देते हैं. साथ ही कुछ खास शिक्षिकाओं पर खासे मेहरबान रहते हैं. विद्यालय में कार्यरत दो शिक्षिकाओं में से एक दिल्ली में रहती हैं तो दूसरी लखनऊ में, महीने में दो बार इनकी उपस्थिति होती है और अटेंडेंस अग्रिम में बना दिया जाता है. वहीं, यदि कोई जांच में पहुंच जाए तो विशेष अवकाश दिखा दिया जाता है.

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने की जांच

इन सारे मामलों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने भी कहा कि जांच के क्रम में दोनों शिक्षिकाओं को गैरहाजिर पाया है और अग्रिम हाजिरी बनी हुई भी देखी है. साथ ही उन्होंने मिड डे मील में अनियमितता की बात को भी स्वीकार किया. हालांकि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Intro:बगहा प्रखंड एक अंतर्गत भैरोगंज स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधान शिक्षक की मनमानी और पक्षपात पूर्ण रवैये से शिक्षक, छात्र व ग्रामीण सभी परेशान हैं। प्रधान शिक्षक पर आरोप है कि वे छात्रों व सहायक शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं और कुछ खास शिक्षिकाओं पर खासे मेहरबान रहते हैं। साथ ही मिड डे मील में हेराफेरी का बड़ा खेल खेलते हैं। हालाकि मामला प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के संज्ञान में है और वे प्रधान शिक्षक द्वारा किये जा रहे अनियमितताओं की सच्चाई को स्वीकार भी कर रहे हैं। लेकिन कार्रवाई करने के बजाय महीनों से इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।


Body:शिक्षा की स्थली जहाँ नौनिहाल अपने बेहतर भविष्य बनाने का ख्वाब संजोकर आते हैं अगर वहीं बदइंतजामी का अखाड़ा बन जाये तो बच्चों का भविष्य किस दिशा में जाएगा आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। न तो कभी नियत समय पर विद्यालय में वर्ग संचालन शुरू होता है, न ही मेनू चार्ट के हिसाब से बच्चों को मिड डे मील खिलाया जाता है और न ही सभी शिक्षक समय पर आते हैं।
जी हाँ, इस विद्यालय की आबोहवा ही सब कुछ बयाँ कर देती है। प्रधान शिक्षक की कारगुजारियों का एक नमूना आप शिक्षक उपस्थिति पंजिका में देख सकते हैं। अमूमन पूरे महीने लखनऊ रहने वाली एक शिक्षिका सुनीता चौरसिया की हाजिरी एक बार मे 3 दिन अग्रिम तक की बनी हुई है। ये खेल इस विद्यालय में वर्षों से खेला जा रहा। विद्यालय में कार्यरत दो शिक्षिकाओ में से एक दिल्ली रहती हैं तो दूसरी लखनऊ। महीने में दो बार इनकी उपस्थिति होती है और एटेंडेंस अग्रिम में बन जाता। गाहे बगाहे यदि कोई जांच में पहुच गया तो विशेष अवकाश दिखा दिया जाता है। इतना ही नही मिड डे मील में मेनू के हिसाब से खाना नही बनाये जाने पर जब छात्र सवाल उठाते हैं तो गुरुजी की झिड़की झेलनी पड़ती है। छात्र बताते हैं कि कई दफा खाना में कभी दाल तो कभी चावल घट जाता है। ग्रामीण भी प्रधान शिक्षक के तानाशाही रवैये से तंग आ चुके हैं। उनका कहना है कि प्रधान शिक्षक हाजिरी बनाकर खुद अधिकांशतः गायब ही रहते हैं।
एक सहायक शिक्षिका की माने तो प्रधान शिक्षक सुकान्त कुमार उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हैं और कई दफा बदसलूकी भी कर चुके हैं। कुछ पल विलम्ब हो जाने पर गैरहाजिर कर देते हैं।
इन सारे मामलों की सच्चाई खुद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी बयाँ कर रहे हैं। पिछले महीने उन्होंने जांच के क्रम में दोनों शिक्षिकाओं को गैर हाजिर पाया और अग्रिम हाजिरी बनी हुई भी देखी। साथ ही मिड डे मील में भी हो रहे अनियमितता को स्वीकार किया है। फिर भी महीनों से चुप्पी साधे हुए हैं , अब तक मामले में आरोपी प्रधान शिक्षक पर कोई कार्रवाई नही हुई।




Conclusion:कहा यह भी जा रहा कि प्रधान शिक्षक सुकान्त कुमार शिक्षको के संगठन में कार्यालय प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं, इस वजह से इस पद का ये बेजा फायदा उठाते हैं और अपना मनमानी करते हैं। अब देखने वाली बात यह है कि शिक्षा यह मंदिर कब तक राजनीत का अखाड़ा बना रहता है। ऐसे में समग्र शिक्षा की बात बेमानी ही साबित हो रही है।
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