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छात्र ने की सस्ते इनक्यूबेटर मशीन की खोज, अब सिर्फ 2500 की लागत से अंडों से निकलेंगे चूजे

अमूमन अंडों से चूजे तैयार करने की मशीन लाखों रुपये तक में आती है. उसकी तुलना में यह इनक्यूबेटर मशीन काफी सस्ती है. जिससे आम किसान भी आसानी से इसका उपयोग कर चूजे निकाल सकते हैं.

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छात्र ने की सस्ते इनक्यूबेटर मशीन की खोज
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Published : Jan 11, 2020, 1:29 PM IST

पश्चिम चंपारण: बगहा के एक छात्र आदित्य कुमार ने अंडों से चूजा तैयार करने का एक नया तरीका इजाद किया है. जिसके तहत इनक्यूबेटर मशीन के जरिये एक बार में 60 अंडों से चूजे निकाले जा सकेंगे. छोटे किसानों के रोजगार सृजन में ये तकनीक काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

2500 की लागत से बनाई इनक्यूबेटर मशीन
आदित्य कुमार बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर में बीएससी एग्रीकल्चर विषय से स्नातक का छात्र है. आदित्य ने बताया कि उसने महज 2500 की लागत से ये इनक्यूबेटर मशीन बनाई है. जिसका उपयोग कर 60 अंडों की हैचिंग कर चूजे तैयार किये जा सकते हैं.

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चूजे निकालने के लिए इनक्यूबेटर मशीन

सस्ती इनक्यूबेटर मशीन
छात्र ने बताया कि किसानों के लिए ये काफी फायदेमंद हो सकता है. अमूमन अंडों से चूजे तैयार करने की मशीन लाखों रुपये तक में आती है. उसकी तुलना में यह इनक्यूबेटर मशीन काफी सस्ती है. जिससे आम किसान भी आसानी से इसका उपयोग कर चूजे निकाल सकते हैं.

छात्र ने की सस्ते इनक्यूबेटर मशीन की खोज

ह्यूमिडिटी कंट्रोल कर की जाती है मैन्युअल हैचिंग
इनक्यूबेटर मशीन से मुर्गी पालन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही किसानों को रोजगार भी मिलेगा. हैचिंग टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी कंट्रोल करके की जाती है. आदित्य ने बताया कि एक थेर्मोकोल के बक्से में बिजली का उपयोग कर साधारण और आसान तरीके से टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी को कंट्रोल कर मैन्युअली हैचिंग की जाती है. इस प्रक्रिया के तहत मुर्गी के अंडों से 21 दिन और कोयल या बटेर के अंडों से 14 दिन में चूजे निकल जाएंगे.

पश्चिम चंपारण: बगहा के एक छात्र आदित्य कुमार ने अंडों से चूजा तैयार करने का एक नया तरीका इजाद किया है. जिसके तहत इनक्यूबेटर मशीन के जरिये एक बार में 60 अंडों से चूजे निकाले जा सकेंगे. छोटे किसानों के रोजगार सृजन में ये तकनीक काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.

2500 की लागत से बनाई इनक्यूबेटर मशीन
आदित्य कुमार बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर में बीएससी एग्रीकल्चर विषय से स्नातक का छात्र है. आदित्य ने बताया कि उसने महज 2500 की लागत से ये इनक्यूबेटर मशीन बनाई है. जिसका उपयोग कर 60 अंडों की हैचिंग कर चूजे तैयार किये जा सकते हैं.

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चूजे निकालने के लिए इनक्यूबेटर मशीन

सस्ती इनक्यूबेटर मशीन
छात्र ने बताया कि किसानों के लिए ये काफी फायदेमंद हो सकता है. अमूमन अंडों से चूजे तैयार करने की मशीन लाखों रुपये तक में आती है. उसकी तुलना में यह इनक्यूबेटर मशीन काफी सस्ती है. जिससे आम किसान भी आसानी से इसका उपयोग कर चूजे निकाल सकते हैं.

छात्र ने की सस्ते इनक्यूबेटर मशीन की खोज

ह्यूमिडिटी कंट्रोल कर की जाती है मैन्युअल हैचिंग
इनक्यूबेटर मशीन से मुर्गी पालन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही किसानों को रोजगार भी मिलेगा. हैचिंग टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी कंट्रोल करके की जाती है. आदित्य ने बताया कि एक थेर्मोकोल के बक्से में बिजली का उपयोग कर साधारण और आसान तरीके से टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी को कंट्रोल कर मैन्युअली हैचिंग की जाती है. इस प्रक्रिया के तहत मुर्गी के अंडों से 21 दिन और कोयल या बटेर के अंडों से 14 दिन में चूजे निकल जाएंगे.

Intro:बगहा के एक छात्र ने अंडों से चूजे तैयार करने का एक नया तरीका ईजाद किया है जिसके तहत इनक्यूबेटर मशीन के जरिये एक बार मे 60 अंडों से चूजे निकलेंगे। छोटे किसानों के रोजगार सृजन में यह तकनीक काफी फायदेमंद हो सकता है।


Body:अंडों से चूजे तैयार करने की सस्ती मशीन का ईजाद बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर में बीएससी एग्रीकल्चर विषय से स्नातक कर रहे बगहा के एक छात्र आदित्य कुमार ने किसानों के हित मे एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस छात्र ने महज 2500 की लागत में एक इनक्यूबेटर मशीन बनाई है जिसका उपयोग कर 60 अंडों की हैचिंग कर चूजे तैयार किये जा सकते हैं। किसानों के लिए हो सकता है फायदेमंद। अमूमन अंडों से चूजे तैयार करने की मशीन लाखों रुपये की कीमत में आता है उसके वनिस्पत यह इनक्यूबेटर मशीन काफी सस्ती है। आम किसान भी आसानी से मैन्युअली इस मशीन का उपयोग कर हैचिंग प्रक्रिया से अंडों से चूजे निकाल सकता है। इससे मुर्गी पालन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही किसानों को रोजगार भी मिलेगा। टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी कंट्रोल कर होती है हैचिंग छात्र आदित्य ने बताया कि एक थेर्मोकोल के बक्से में बिजली का उपयोग कर साधारण व आसान तरीके से टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी को कंट्रोल कर मैन्युअली हैचिंग की जाती है। इस प्रक्रिया के तहत मुर्गी के अंडों से 21 दिन और कोयल या बटेर के अंडों से 14 दिन में चूजे निकल जाएंगे।


Conclusion:परिवार में है खुशी का माहौल। आदित्य के इस तकनीक की चारो तरफ सराहना हो रही है जिस वजह से उनके परिवार वाले फुले नही समा रहे हैं। आदित्य के पिता का कहना है कि यदि सरकार उनके बेटे के इस ईजाद को बढ़ावा देती है तो किसानों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और घर घर अंडों से चूजे कम लागत में तैयार होंगे। बाइट- आदित्य छात्र। बाइट- शशिकांत गुप्ता आदित्य के पिता

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