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बेतियाः तीन गांव को जोड़ने वाली पुलिया जर्जर, ग्रामीण लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर - bettiah news

नरकटियागंज प्रखंड के अम्माघद सहित तीन गांव को जोड़ने वाली पुलिया अपनी बदहाली पर रो रही है. पिछले वर्ष बाढ़ में पुलिया का एक खंभा पानी के कटाव के कारण टूट गया था. एक साल बाद भी पुलिया का निर्माण न हो पाने के कारण स्थानीय लोगों में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ काफी आक्रोश है.

क्षतिग्रस्त पुलिया
क्षतिग्रस्त पुलिया
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Published : Jan 12, 2021, 8:01 PM IST

बेतिया: नरकटियागंज प्रखंड के तीन गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली पुलिया पिछले एक साल से तीन पायों पर टिकी है. पिछले साल बाढ़ में मिट्टी के कटाव में पुलिया का एक पाया टूट गया था. इस पुलिया के निर्माण के लिए ग्रामीण और पंचायत समिति के सदस्यों ने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन एक वर्ष बाद भी पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया.

क्षतिग्रस्त पुलिया
क्षतिग्रस्त पुलिया

प्रशासन बड़ी दुर्घटना के इंतजार में हैः ग्रामीण

जर्जर पुलिया किसी भी वक्त ध्वस्त हो सकती है. पुलिया बाइक या पैदल आने जाने वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. पुलिया के टूटने से तीनों गांवों का सम्पर्क अनुमंडल मुख्यालय से टूट जाएगा. स्थानीय ग्रामीण पुलिया के निर्माण के लिए प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के दफ्तरों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. लेकिन इन लोगों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना की प्रतीक्षा में है. साथ ही ग्रमीणों अपना दुख साझा करते हुए बताया कि इस समय गन्ने का सीजन चल रहा है, किसानों को गन्ना ढुलाई में पुल के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट
पिछले एक साल से तीन पाये पर टिकी है पुलियागौरतलब है कि पिछले वर्ष बाढ़ आने के कारण पुलिया का एक खंभा पानी के कटाव के कारण टूट गया था. जिसके बाद ग्रामीण पुलिया के निर्माण कार्य को लेकर जन प्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. लेकिन अभी तक किसी के कान में जू तक नहीं रेंगी. अगर जल्द निर्माण नहीं होता है तो रामपुर, मकदूमपुर और अम्माघद गांव का अनुमंडल मुख्यालय सम्पर्क टूट जाएगा.

बेतिया: नरकटियागंज प्रखंड के तीन गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली पुलिया पिछले एक साल से तीन पायों पर टिकी है. पिछले साल बाढ़ में मिट्टी के कटाव में पुलिया का एक पाया टूट गया था. इस पुलिया के निर्माण के लिए ग्रामीण और पंचायत समिति के सदस्यों ने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन एक वर्ष बाद भी पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया.

क्षतिग्रस्त पुलिया
क्षतिग्रस्त पुलिया

प्रशासन बड़ी दुर्घटना के इंतजार में हैः ग्रामीण

जर्जर पुलिया किसी भी वक्त ध्वस्त हो सकती है. पुलिया बाइक या पैदल आने जाने वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. पुलिया के टूटने से तीनों गांवों का सम्पर्क अनुमंडल मुख्यालय से टूट जाएगा. स्थानीय ग्रामीण पुलिया के निर्माण के लिए प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के दफ्तरों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. लेकिन इन लोगों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना की प्रतीक्षा में है. साथ ही ग्रमीणों अपना दुख साझा करते हुए बताया कि इस समय गन्ने का सीजन चल रहा है, किसानों को गन्ना ढुलाई में पुल के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट
पिछले एक साल से तीन पाये पर टिकी है पुलियागौरतलब है कि पिछले वर्ष बाढ़ आने के कारण पुलिया का एक खंभा पानी के कटाव के कारण टूट गया था. जिसके बाद ग्रामीण पुलिया के निर्माण कार्य को लेकर जन प्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. लेकिन अभी तक किसी के कान में जू तक नहीं रेंगी. अगर जल्द निर्माण नहीं होता है तो रामपुर, मकदूमपुर और अम्माघद गांव का अनुमंडल मुख्यालय सम्पर्क टूट जाएगा.
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