पश्चिम चंपारण: बगहा एसडीएम विशाल राज ने मंगलवार को इंडो नेपाल सीमा स्थित गंडक बराज का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ पूर्व किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान एसडीएम ने अधिकारियों से हो रहे कार्यों पर चर्चा की.
तीन गेटों का कार्य अधूरा
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता जमील अहमद ने बताया कि गंडक बराज फाटक के खराब रोलर को ठीक कर लिया गया है, लेकिन नेपाल के साइड से फाटक नंबर 23, 32 और 34 के काम को करने में लॉकडाउन और सीमा सील होने की वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक फाटक को दुरुस्त करने में 17 से 18 घंटे लगते हैं और बॉर्डर सील होने की वजह से नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं है.
एसडीएम ने की जांच
बता दें कि बराज की क्षमता साढ़े आठ लाख क्यूसेक पर डिजाइन की गई है. कार्यपालक अभियंता ने एसडीएम को बताया कि गंडक बराज की कुल क्षमता 8 लाख क्यूसेक पानी सहने की है. बराज बनने के बाद अब तक साढ़े 6 लाख क्यूसेक पानी का प्रेशर झेल चुका है. गंडक बराज ऑटोमैटिक और मैनुअल दोनों ही तरीके से संचालित किया जाता है. इस दौरान एसडीएम ने गंडक बराज के कंट्रोलरूम से स्वचालित फाटकों को संचालित कर खुद से जांच की.
यूपी सरकार को पानी का इंतजार
कार्यपालक अभियंता जमील ने बताया कि नेपाल में सिर्फ एक बराजकर्मी को जाने की अनुमति है. इसके लिए कोरोना से संक्रमित नहीं होने का सर्टिफिकेट भी चाहिए. वहीं, मुख्य पश्चिमी नहर में पानी डिस्चार्ज करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से मैसेज आ रहे हैं. 24 किलोमीटर नहर नेपाल से होकर गुजरती है और 15 मेगावाट के सूरजपुरा हाइड्रो इलेक्ट्रिकल पॉवर स्टेशन के लिए भी पानी की जरूरत है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से सबकुछ प्रभावित है.