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कड़ाके की ठंड से छात्रों की बढ़ी परेशानी, विद्यालय में की गई अलाव की व्यवस्था

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य ने बताया कि पहाड़ी इलाका होने की वजह से अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यहां ठंड का कहर ज्यादा है. इसलिए विद्यार्थियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है. एक नियमित इंटरवल के बाद बच्चों को अलाव के पास भेजा जाता है.

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विद्यालय प्रबंधन ने की अलाव की व्यवस्था
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Published : Dec 18, 2019, 2:10 PM IST

बगहा: दो दिनों की बारिश के बाद मौसम ने करवट ली है. जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस कंपकंपाती ठंड से आम जनजीवन प्रभावित तो है ही, साथ ही स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है. इसे देखते हुए पश्चिमी चंपारण जिले के एक निजी विद्यालय में बच्चों के लिये अलाव की व्यवस्था की गई है.

पश्चिम चंपारण जिले के पहाड़ी इलाकों में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है. लगातर 5 दिनों से धूप नहीं निकल रही है और तेज पछुया हवा के साथ घना कोहर भी पड़ रहा है. साथ ही ओस की बुंदाबांदी भी हो रही है. मौसम को देखते हुए सरकारी और निजी विद्यालयों को खोलने का समय जिला प्रशासन ने सुबह 9 बजे निर्धारित किया है. पहाड़ों से घिरे वाल्मीकिनगर में एक निजी विद्यालय एडुरेज वर्ल्ड स्कूल ने सतर्कता बरतने के लिहाज से बच्चों के लिए विद्यालय में अलाव की भी व्यवस्था कर रखी है.

जानकारी देतीं छात्रा और प्रभारी प्रधानाचार्य

ये भी पढ़ें- मधुबनीः इस फैक्ट्री के जरिए लोगों को दिन बहुरने का दिखाया गया था सपना, आज खुद फांक रही है धूल

स्कूल में की गई विद्यार्थियों के लिए अलाव की व्यवस्था
छात्र छात्राओं को एक निश्चित समय अंतराल पर अलाव के पास खड़ा किया जा रहा है. छात्राओं ने बताया कि दो दिनों से ज्यादा ठंड है. इसलिये विद्यालय प्रबंधन की ओर से यह व्यवस्था की गई है. वहीं विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य का कहना है कि ठंड की वजह से विद्यार्थियों की उपस्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है. पहाड़ी इलाका होने की वजह से अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यहां ठंड का कहर ज्यादा है. इसलिए विद्यार्थियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है. एक नियमित इंटरवल के बाद बच्चों को अलाव के पास भेजा जाता है.

बगहा: दो दिनों की बारिश के बाद मौसम ने करवट ली है. जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस कंपकंपाती ठंड से आम जनजीवन प्रभावित तो है ही, साथ ही स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है. इसे देखते हुए पश्चिमी चंपारण जिले के एक निजी विद्यालय में बच्चों के लिये अलाव की व्यवस्था की गई है.

पश्चिम चंपारण जिले के पहाड़ी इलाकों में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है. लगातर 5 दिनों से धूप नहीं निकल रही है और तेज पछुया हवा के साथ घना कोहर भी पड़ रहा है. साथ ही ओस की बुंदाबांदी भी हो रही है. मौसम को देखते हुए सरकारी और निजी विद्यालयों को खोलने का समय जिला प्रशासन ने सुबह 9 बजे निर्धारित किया है. पहाड़ों से घिरे वाल्मीकिनगर में एक निजी विद्यालय एडुरेज वर्ल्ड स्कूल ने सतर्कता बरतने के लिहाज से बच्चों के लिए विद्यालय में अलाव की भी व्यवस्था कर रखी है.

जानकारी देतीं छात्रा और प्रभारी प्रधानाचार्य

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स्कूल में की गई विद्यार्थियों के लिए अलाव की व्यवस्था
छात्र छात्राओं को एक निश्चित समय अंतराल पर अलाव के पास खड़ा किया जा रहा है. छात्राओं ने बताया कि दो दिनों से ज्यादा ठंड है. इसलिये विद्यालय प्रबंधन की ओर से यह व्यवस्था की गई है. वहीं विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य का कहना है कि ठंड की वजह से विद्यार्थियों की उपस्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है. पहाड़ी इलाका होने की वजह से अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यहां ठंड का कहर ज्यादा है. इसलिए विद्यार्थियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है. एक नियमित इंटरवल के बाद बच्चों को अलाव के पास भेजा जाता है.

Intro:दो दिनों की बारिश के बाद मौसम ने करवट लिया है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस कड़ाके की ठंड से आम जनजीवन प्रभावित तो हैं ही स्कूली छात्र भी खासे परेशान हो रहे हैं। जिसको लेकर विद्यालय में अलाव की व्यवस्था की गई है। इधर मौसम विभाग ने सूचना जारी की है कि दो दिनों तक बारिश भी हो सकती है एवं ठंढ में भी इजाफा हो सकता है।


Body:इस सप्ताह अचानक से कड़ाके की ठंढ ने दस्तक दे दी है। खासकर पश्चिम चंपारण जिला के पहाड़ी इलाकों में ठंढ का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। लगातर 5 दिनों से धूप नही निकली है और तेज पछिया हवा के साथ कुहासा घेर रखा है। साथ हीं ओस की बुन्दा बांदी भी हो रही है। जिसको लेकर सरकारी व निजी विद्यालयों को खोलने का समय जिला प्रशासन द्वारा 9 बजे निर्धारित किया गया है। पहाड़ो से घिरे वाल्मीकिनगर में एक निजी विद्यालय एडुरेज वर्ल्ड स्कूल ने सतर्कता बरतने के लिहाज से तो बच्चों के लिए विद्यालय में अलाव की भी व्यवस्था कर रखी है।
विद्यालय के छात्र छात्राओं को एक निश्चित समय अंतराल पर अलाव के पास खड़ा किया जा रहा। छात्रों ने बताया कि दो दिनों से ज्यादा ठंड की वजह से विद्यालय प्रबंधन द्वारा हाँथ सेंकने के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है।
बाइट- कृति कुमारी, छात्रा
बाइट- राम मनोहर राज, उप प्रधानाचार्य।


Conclusion:वही विद्यालय के उप प्रधानाचार्य का कहना है कि ठंड की वजह से विद्यार्थियों की उपस्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है। पहाड़ी इलाका होने की वजह से अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यहां ठंड का कहर ज्यादा है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है। और एक नियत इंटरवल के बाद बच्चों को अलाव के पास भेजा जाता है।
इधर मौसम विभाग ने भी बिगड़ते मौसम के बाबत सूचना जारी कर कहा है कि आनेवाले समय मे बरसात की संभावना के साथ साथ और ज्यादा ठंड में इजाफा हो सकता है।

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