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शराबबंदी पर मांझी के बयान से रेणु देवी ने काटी कन्नी, कहा- मांझी का अपना मामला

शराबबंदी को बिहार (Liquor Ban in Bihar) में सख्ती से लागू कराने को लेकर नीतीश सरकार कड़े कदम उठा रही है. इस मुद्दे पर जीतनराम मांझी के बयान को लेकर भी जमकर निशाना साधा जा रहा है. वहीं बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी (Renu Devi On Jitan Ram Manjhi Statement) इसे मांझी का नीजि मामला बता रहीं हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Renu Devi On Jitan Ram Manjhi Statement
Renu Devi On Jitan Ram Manjhi Statement
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Published : Dec 20, 2021, 2:24 PM IST

पश्चिम चंपारण: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के शराबबंदी (Manjhi Statement On Liquor Ban Law) को लेकर दिए गए बयान पर सियासत जारी है. जब मांझी के विवादास्पद बयान को लेकर उपमुख्यमंत्री रेणु देवी (Deputy CM Renu Devi ) से सवाल किया गया तो, उन्होंने कन्नी काटते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. साथ ही रेणु देवी (Renu Devi On Liquor Ban In Bihar) ने इसे जीतनराम मांझी का नीजि मामला भी बताया.

यह भी पढ़ें- जीतनराम मांझी फिर बोले- शराबबंदी कानून में कई खामियां, बदलाव की है जरूरत

रेणु देवी, नरकटियागंज में तारकेश्वर प्रसाद वर्मा काॅलेज (TP Verma College Bettiah) के पचास साल पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल होने आईं थीं. इस दौरान पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का शराबबंदी पर लगातार विवादास्पद बयान आ रहा है, इस पर क्या कहना चाहेंगी? इस सवाल का जवाब देते हुए रेणु देवी ने कहा कि, जीतनराम मांझी का यह निजी मामला है.

मांझी के बयान पर रेणु देवी की प्रतिक्रिया

ये भी पढ़ें- मांझी को JDU की सलाह, शराबबंदी पर कुछ कहना है तो CM से मिलकर कहें

दरअसल बिहार में भाजपा गठबंधन की एनडीए सरकार है, जिसके मुखिया नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद हैं. भले ही रेणु देवी इसे जीतनराम मांझी का निजी मामला माने लेकिन, जीतनराम मांझी इसे अपना निजी मामला नहीं मानते हैं. मांझी खुले मंच से लगातार शराबबंदी कानून को लेकर निशाना साध चुके हैं, जिसका जवाब देना सत्ता पक्ष के लिए मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ें- मांझी ने कानून-व्यवस्था पर अपनी ही सरकार को दी नसीहत, कहा- बिहार में लॉ एंड ऑर्डर चौपट

वहीं, सूबे में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने को लेकर पुलिस कई कदम उठा रही है. सीएम ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि, शराबबंदी कानून किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. ऐसे में उपमुख्यमंत्री का ऐसा बयान कई सवाल खड़े करता है. शराबबंदी को लेकर जीतनराम मांझी का बयान अगर निजी मामला नहीं है, तो क्या एनडीए के अंदरखाने सब ठीक नहीं चल रहा है. बहरहाल शराबबंदी पर जीतनराम मांझी के उठाये गये सवाल पर उपमुख्यमंत्री के पास कोई जवाब नहीं था.

बता दें कि 15 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा था कि, वे शराबबंदी कानून के पक्षधर हैं लेकिन इस कानून में कई खामियां हैं. इनको दूर किया जाना चाहिए. जीतनराम मांझी ने कहा कि, आदिवासियों द्वारा उनके कूल देवता की पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है. ऐसे में शराबबंदी कानून कहां से सफल हो पाएगा. शराबबंदी कानून पर उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि, इसमें संशोधन की जरूरत है ताकि कम मात्रा में शराब पीने वाले जेल न जाएं. इस दौरान मांझी ने कहा कि, बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी यहां तक कि जज भी शराब पीते हैं, लेकिन 10 बजे के बाद.

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पश्चिम चंपारण: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के शराबबंदी (Manjhi Statement On Liquor Ban Law) को लेकर दिए गए बयान पर सियासत जारी है. जब मांझी के विवादास्पद बयान को लेकर उपमुख्यमंत्री रेणु देवी (Deputy CM Renu Devi ) से सवाल किया गया तो, उन्होंने कन्नी काटते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. साथ ही रेणु देवी (Renu Devi On Liquor Ban In Bihar) ने इसे जीतनराम मांझी का नीजि मामला भी बताया.

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रेणु देवी, नरकटियागंज में तारकेश्वर प्रसाद वर्मा काॅलेज (TP Verma College Bettiah) के पचास साल पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल होने आईं थीं. इस दौरान पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का शराबबंदी पर लगातार विवादास्पद बयान आ रहा है, इस पर क्या कहना चाहेंगी? इस सवाल का जवाब देते हुए रेणु देवी ने कहा कि, जीतनराम मांझी का यह निजी मामला है.

मांझी के बयान पर रेणु देवी की प्रतिक्रिया

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दरअसल बिहार में भाजपा गठबंधन की एनडीए सरकार है, जिसके मुखिया नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद हैं. भले ही रेणु देवी इसे जीतनराम मांझी का निजी मामला माने लेकिन, जीतनराम मांझी इसे अपना निजी मामला नहीं मानते हैं. मांझी खुले मंच से लगातार शराबबंदी कानून को लेकर निशाना साध चुके हैं, जिसका जवाब देना सत्ता पक्ष के लिए मुश्किल हो रहा है.

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वहीं, सूबे में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने को लेकर पुलिस कई कदम उठा रही है. सीएम ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि, शराबबंदी कानून किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा. ऐसे में उपमुख्यमंत्री का ऐसा बयान कई सवाल खड़े करता है. शराबबंदी को लेकर जीतनराम मांझी का बयान अगर निजी मामला नहीं है, तो क्या एनडीए के अंदरखाने सब ठीक नहीं चल रहा है. बहरहाल शराबबंदी पर जीतनराम मांझी के उठाये गये सवाल पर उपमुख्यमंत्री के पास कोई जवाब नहीं था.

बता दें कि 15 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा था कि, वे शराबबंदी कानून के पक्षधर हैं लेकिन इस कानून में कई खामियां हैं. इनको दूर किया जाना चाहिए. जीतनराम मांझी ने कहा कि, आदिवासियों द्वारा उनके कूल देवता की पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है. ऐसे में शराबबंदी कानून कहां से सफल हो पाएगा. शराबबंदी कानून पर उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि, इसमें संशोधन की जरूरत है ताकि कम मात्रा में शराब पीने वाले जेल न जाएं. इस दौरान मांझी ने कहा कि, बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी यहां तक कि जज भी शराब पीते हैं, लेकिन 10 बजे के बाद.

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