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PHC में डॉक्टर के बदले निजी स्टाफ कर रहा था घायल का इलाज, लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

लोगों ने कहा कि पीएचसी प्रभारी सप्ताह में एक या दो दिन ही आते हैं. पीएससी निजी स्टाफ के भरोसे चल रहा है. मरीजों को दवा भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है.

बेतिया
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Published : Aug 26, 2020, 1:38 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के पिपरासी प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वस्थ्य सेवाओं की पोल उस वक्त खुल गई, जब प्रखंड प्रमुख यशवंत नारायण यादव एक घायल को देखने वहां पहुंचे. एक निजी स्टाफ घायल को टाका लगा रहा था, जबकि पीएचसी प्रभारी रविंद्र मिश्रा अपने केबिन में आराम फरमा रहे थे.

पीएचसी प्रभारी पर कार्रवाई की मांग
प्रमुख ने इस बारे में पीएचसी प्रभारी से पूछा तो वो आग बबूला हो गए. प्रभारी ने प्रमुख को अस्पताल से बाहर निकलने को कहा, नहीं तो पुलिस बुलाकर पकड़वा देन की धमकी दी. मामले की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग अस्पताल पहुंच गए और पीएचसी प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान प्रदर्शनकारी पीएचसी प्रभारी पर कार्रवाई कर रहे थे.

सप्ताह में एक दिन ही आते हैं प्रभारी
स्थानीय लोगों ने बताया कि पीएचसी प्रभारी सप्ताह में एक या दो दिन ही आते हैं. दोपहर एक बजे आते हैं और दो बजे निकल जाते हैं. वे यूपी के गोरखपुर से आना-जाना करते हैं. पीएससी निजी स्टाफ के भरोसे चल रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को दवा भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है. जबकि आए दिन एक्सपायरी दवा फेंकने का मामला सामने आता रहता है.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के पिपरासी प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वस्थ्य सेवाओं की पोल उस वक्त खुल गई, जब प्रखंड प्रमुख यशवंत नारायण यादव एक घायल को देखने वहां पहुंचे. एक निजी स्टाफ घायल को टाका लगा रहा था, जबकि पीएचसी प्रभारी रविंद्र मिश्रा अपने केबिन में आराम फरमा रहे थे.

पीएचसी प्रभारी पर कार्रवाई की मांग
प्रमुख ने इस बारे में पीएचसी प्रभारी से पूछा तो वो आग बबूला हो गए. प्रभारी ने प्रमुख को अस्पताल से बाहर निकलने को कहा, नहीं तो पुलिस बुलाकर पकड़वा देन की धमकी दी. मामले की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग अस्पताल पहुंच गए और पीएचसी प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान प्रदर्शनकारी पीएचसी प्रभारी पर कार्रवाई कर रहे थे.

सप्ताह में एक दिन ही आते हैं प्रभारी
स्थानीय लोगों ने बताया कि पीएचसी प्रभारी सप्ताह में एक या दो दिन ही आते हैं. दोपहर एक बजे आते हैं और दो बजे निकल जाते हैं. वे यूपी के गोरखपुर से आना-जाना करते हैं. पीएससी निजी स्टाफ के भरोसे चल रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को दवा भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है. जबकि आए दिन एक्सपायरी दवा फेंकने का मामला सामने आता रहता है.

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