बेतियाः वाल्मीकिनगर गंडक बराज से मंगलवार को रिकार्ड 4.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आज जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई. पानी का डिस्चार्ज तो कम हुआ है, लेकिन लोगों के घरों से पानी अभी भी कम नही हुआ है. मुश्किलें जस की तस बनी हुई है. लोगों के घरों में अभी भी तीन से चार फीट तक पानी लगा हुआ है.
निर्माणाधीन रेल लाइन बनी लोगों की शरणस्थली
पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेदहा पंचायत के श्रीपतनगर, नयाटोला भैसाहिया गांव के एक हजार परिवार निर्माणधीन छितौनी तमकुही में शरण लिए हुए हैं. रात में बाढ़ का पानी घरों में आना शुरू हुआ तो लोग रात भर अपने सामानों को रेल के बंधों पर सुरक्षित करते रहे. पीड़ितों ने बताया कि अगर प्रशासन रेल बांध के लिए अधिग्रहित भूमि से हटा कर बसा दिया होता और बंधा पूर्ण रूप से तैयार हो गया होता तो ऐसी समस्या नहीं होती.
नहीं पहुचा कोई अधिकारी
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि एक सप्ताह में दो बार बाढ़ घरों में आ गया है, लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी इसकी खबर लेने नही पहुंचा है. इस कारण लोगों की समस्या और ही बढ़ गई है. लोगों के सामने इस समय खाने के भी लाले पड़े हुए हैं. इसे लेकर पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है.