बेतिया (वाल्मीकि नगर): राज्य में शराबबंदी कानून (Prohibition Law) लागू होने के बाद से लोगों के व्यवहार और क्षेत्र के माहौल में परिवर्तन के लिए प्रशासन समय-समय पर अभियान चला रहा है. इस अभियान से अगर किसी गांव या क्षेत्र में उसका सार्थक परिणाम सामने आता है तो उसको उदाहरण के तौर पर पेश कर प्रशासन की ओर से अन्य लोगों के भी व्यवहार में परिवर्तन के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को पिपरासी थाना क्षेत्र के बहरिस्थान गांव में एसडीपीओ कैलाश प्रसाद की अध्यक्षता में नशामुक्ति अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बीडीओ कुमुद कुमार ने कहा कि जब तक लोगों के व्यवहार में परिवर्तन नहीं होता है तब तक हम किसी भी अभियान में सफल नही हो पाएंगे. उन्होंने उपस्थित महिलाओं से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि जब तक वे लोग पूर्ण रूप से संकल्पित नहीं होंगी, तब तक इस अभियान को सफल होने में बहुत समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कतकी गांव की महिलाओं ने खुद संकल्पित होकर चंदा की राशि से जमीन खरीद कर छठ घाट का निर्माण कराई थी. एसडीपीओ ने कहा कि ठीक उसी प्रकार संकल्पित होकर नशामुक्ति अभियान को सफल बनाना है. वहीं सीओ ललित कुमार सिंह ने कहा कि शराबबंदी के बाद इस गांव के माहौल में बहुत परिवर्तन हुआ है. इसी कारण इस गांव के एक छात्र ने खेल में राज्य स्तर पर अपना नाम कमाया है. सीओ ने लोगों से कहा कि इस बदलते माहौल को कायम रखते हुए आगे बढ़ें और अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दें.
वहीं थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिन्हा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि पिपरासी क्षेत्र में सबसे अधिक यही गांव शराब के कारण बदनाम हुआ है. इस गांव में बंदी के बाद कुछ बेहतर कार्य भी हुए हैं. इसलिए सभी लोग संकल्पित होकर शराबबंदी को सफल बनाने के लिए पुलिस का सहयोग करें और कोई भी शराब का कारोबार करता है तो इसकी सूचना तुरंत दें. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्ष में मंझरिया पंचायत से 229 लोगों को शराब मामले में जेल भेजा गया है. इसमें केवल बहरिस्थान गांव से 151 लोग शामिल हैं. थानाध्यक्ष ने कहा कि बेल पर छूट कर आने वाले लोग ये न सोचें कि वे बच गए हैं. केस खुलते ही उन्हें जेल जाना होगा.
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एसडीपीओ ने अपने संबोधन में कहा कि वे इस गांव से भी गरीब गांव से आते हैं लेकिन उन्होंने शिक्षा प्राप्त अधिकारी बना. इस तरह इस गांव के अभिभावक भी बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करें. उन्होंने कहा कि शराब से सबसे अधिक उत्पीड़न महिलाओं को ही होना पड़ता है. इसलिए उन्हें सबसे अधिक सक्रिय रहना होगा. वर्तमान में जीविका के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण और ऋण देकर जीविकोपार्जन के नए-नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं. इसलिए सभी लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर जीविकोपार्जन का नया अध्याय शुरू करें. इस मौके पर एएसआई महेंद्र प्रसाद मेहता, नंदकिशोर शर्मा, दिनेश पांडेय, कृष्णा गिरी, मनोज चौरसिया, सुरेंद्र मद्देशिया, सुनील सहनी आदि उपस्थित थे.
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