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स्वच्छ भारत अभियान की उड़ रही धज्जियां, प्रिंसिपल ने स्कूल के शौचालय में लगाया ताला - हेडमास्टर ने शौचालय में लगाया ताला

बगहा से सरकारी स्कूल में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. स्कूल के हेडमास्टर ने शौचालय में ताला लगा दिया है. छात्र-छात्राएं और शिक्षक खेत या झाड़ियों में शौच करने के लिए मजबूर हैं.

शौचालय में लगा ताला
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Published : Sep 12, 2019, 3:14 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 4:37 PM IST

बगहा: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद चल रही है. उन्नयन बिहार योजना के तहत हर जिले में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जा रही है. वहीं, पश्चिम चंपारण के बगहा में स्कूली बच्चे और शिक्षक मुलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. जिले के गोनौली पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोनौली में हेडमास्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं. स्वच्छ भारत अभियान और लोहिया स्वच्छता मिशन में भी स्कूली छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है. जबकि स्कूल के शौचालय में ताला लटका रहता है.

vileger
स्थानीय ग्रामीण

गोनौली उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल शौचालय गंदा होने के डर से ताला लगाकर चाबी अपने पास रखते हैं. हालांकि, छात्र अक्सर ताला तोड़ देते हैं. फिर नया ताला लगा दिया जाता है. बता दें कि स्कूल में तीन शौचालय है. जिसमें दो की हालत रख-रखाव और मरम्मती के अभाव में खस्ता है. इसमें वर्षों से ताला लटका हुआ है. वहीं, इसके आसपास घनी झाड़ियां उग गई है.

locks in toilet
शौचालय में जड़ा ताला

शिक्षिकाओं ने कुछ भी बोलने से किया इनकार
छात्राओं ने ईटीवी भारत को बताया कि शौचालय को लड़के गंदा कर देते हैं. इस वजह से प्रिंसिपल शौचालय में ताला लगा देते हैं. ऐसे में छात्र-छात्राएं और शिक्षक-शिक्षिकाओं को शौच के लिए खेत या झाड़ियों की तरफ जाना पड़ता है. वहीं, शिक्षिकाएं इस बात को मानती हैं. लेकिन, कैमरे के सामने बोलने से परहेज कर रही हैं.

student
ईटीवी भारत से बातचीत करती स्कूली छात्रा

स्कूल में न गेट न ही पानी की टंकी
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में अब तक मेन गेट नहीं लगा है. यहां दो हैंडपंप है. जिसमें से एक टूटा हुआ है. स्कूल में पानी की टंकी और मोटर भी नहीं लग पाया है.

teacher talking
क्लास में ताला जड़ बातचीत करते शिक्षक

ताला लगा कर बातचीत करते रहते हैं शिक्षक
ईटीवी भारत की टीम ग्रामीणों की शिकायत पर जब स्कूल पहुंची तो पता चला कि प्रिंसिपल जिला मुख्यालय में विभागीय मीटिंग में शामिल होने गए हैं. वहीं, स्कूल के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं क्लास में ताला लगाकर कुर्सी पर बैठ बातचीत करते दिखे. जबकि बच्चे खेलने में मस्त थे. वहीं, इस बारे में सवाल करने पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.

ईटीवी संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट

बगहा: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद चल रही है. उन्नयन बिहार योजना के तहत हर जिले में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जा रही है. वहीं, पश्चिम चंपारण के बगहा में स्कूली बच्चे और शिक्षक मुलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. जिले के गोनौली पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोनौली में हेडमास्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं. स्वच्छ भारत अभियान और लोहिया स्वच्छता मिशन में भी स्कूली छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है. जबकि स्कूल के शौचालय में ताला लटका रहता है.

vileger
स्थानीय ग्रामीण

गोनौली उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल शौचालय गंदा होने के डर से ताला लगाकर चाबी अपने पास रखते हैं. हालांकि, छात्र अक्सर ताला तोड़ देते हैं. फिर नया ताला लगा दिया जाता है. बता दें कि स्कूल में तीन शौचालय है. जिसमें दो की हालत रख-रखाव और मरम्मती के अभाव में खस्ता है. इसमें वर्षों से ताला लटका हुआ है. वहीं, इसके आसपास घनी झाड़ियां उग गई है.

locks in toilet
शौचालय में जड़ा ताला

शिक्षिकाओं ने कुछ भी बोलने से किया इनकार
छात्राओं ने ईटीवी भारत को बताया कि शौचालय को लड़के गंदा कर देते हैं. इस वजह से प्रिंसिपल शौचालय में ताला लगा देते हैं. ऐसे में छात्र-छात्राएं और शिक्षक-शिक्षिकाओं को शौच के लिए खेत या झाड़ियों की तरफ जाना पड़ता है. वहीं, शिक्षिकाएं इस बात को मानती हैं. लेकिन, कैमरे के सामने बोलने से परहेज कर रही हैं.

student
ईटीवी भारत से बातचीत करती स्कूली छात्रा

स्कूल में न गेट न ही पानी की टंकी
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में अब तक मेन गेट नहीं लगा है. यहां दो हैंडपंप है. जिसमें से एक टूटा हुआ है. स्कूल में पानी की टंकी और मोटर भी नहीं लग पाया है.

teacher talking
क्लास में ताला जड़ बातचीत करते शिक्षक

ताला लगा कर बातचीत करते रहते हैं शिक्षक
ईटीवी भारत की टीम ग्रामीणों की शिकायत पर जब स्कूल पहुंची तो पता चला कि प्रिंसिपल जिला मुख्यालय में विभागीय मीटिंग में शामिल होने गए हैं. वहीं, स्कूल के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं क्लास में ताला लगाकर कुर्सी पर बैठ बातचीत करते दिखे. जबकि बच्चे खेलने में मस्त थे. वहीं, इस बारे में सवाल करने पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.

ईटीवी संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट
Intro:सूबे में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद को विद्यालयों के शिक्षक हीं बेपटरी करने में जुटे हैं। बगहा प्रखण्ड 2 के सुदूर पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं। इस विद्यालय के प्रधानाचार्य शौचालय में ताला लगाकर रखते हैं ताकि शौचालय गंदा न हो जाये। मजबूरीवश छात्र छात्राओं को शौच के लिए खुले में खेत या झाड़ियों का रुख करना पड़ता है। इतना ही नही छात्रों के विद्यालय में उपस्थित रहने के बावजूद यहाँ शिक्षक शिक्षिकाएं वर्ग कक्ष में ताला लगा गप्पे मारती नजर आ जाएंगी।


Body:थरुहट बाहुल्य क्षेत्र के ग़ोनौली पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की बानगी यह है कि यहां के प्रधानाचार्य अपनी मनमानी से बाज नही आते। शौचालय गंदा न हो जाए इस वजह से यहां के प्रधानाध्यापक शौचलय में ताला लगाकर चाबी अपने पास रखते हैं। विद्यालय के छात्र अगर वो ताला तोड़ देते हैं तो पुनः दुबारा नया ताला लगा दिया जाता है। बता दें कि विद्यालय में कुल तीन शौचालय हैं जिसमे दो शौचालयों की हालत रख रखाव व मरम्मती के अभाव में बिल्कुल खराब हो गई है। इसमें वर्षों से ताला लटका हुआ है और आस पास घनी झाड़ियां उग आईं हैं। जो शौचालय ठीक है उसको छात्र गन्दा कर देते हैं इस वजह से इसको भी बंद ही रखा जाता है। यही वजह है कि छात्र-छात्राएं और शिक्षक शिक्षिकाओं को शौच के लिए खेत या झाड़ियों का रुख करना पड़ता है। जहां छात्रों का कहना है कि गन्दगी के डर से प्रधानाचार्य ताला मार देते है और उनको खुले में शौच के लिए जाना पड़ता वही शिक्षिकाएं इस बात को सिर्फ ऑफ द कैमरा ही स्वीकार कर रहीं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में अब तक मेन गेट नही लगा है। यहां दो हैंडपम्प हैं जिसमे से एक टूटा हुआ है। अभी तक विद्यालय में पानी का टँकी व मोटर भी नही लगा। शौचालय में ताला मार दिया जाता है जिससे उनके बच्चे बच्चियों को शौच के लिए खेत की तरफ जाना पड़ता है।
इतना ही नही, जब ईटीवी के संवाददाता ग्रामीणों के शिकायत पर इस विद्यालय में पहुँचे तो प्रधानाचार्य जिला में आयोजित विभागीय मीटिंग में शामिल होने गए थे। वहीं विद्यालय के अन्य शिक्षक- शिक्षिकाएं वर्ग कक्ष में ताला लगा कुर्सी पर बैठे गप्पें मारने में व्यस्त थे और बच्चे खेलने में। जब इस बाबत उनसे पूछा गया तो किसी ने कोई जवाब देना मुनासिब नही समझा।
बाइट-1 नीलम कुमारी, छात्रा कक्षा 8
बाइट-2 करीना कुमारी, छात्रा
बाइट-3 ललन बिहारी व्यास, ग्रामीण
बाइट-4 प्रदीप साह, ग्रामीण


Conclusion:बहरहाल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को लेकर सूबे की सरकार लाख जतन कर ले लेकिन जब शिक्षक ही शिक्षा व्यवस्था की लुटिया डुबाने में लगे हों तो सरकार की सभी कवायदें धरी की धरी रह जाएगी। जरूरत है विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों पर नकेल कसने की ताकि शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा सके।
Last Updated : Sep 12, 2019, 4:37 PM IST
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