पश्चिम चंपारण: बिहार में सोमवार से प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों (Schools Open In Bihar) में करीब चार महीने बाद पहली से 8वीं तक की कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं. वहीं बेतिया (Bettiah) के स्कूलों में भी चहल-पहल देखी गई. हालांकि पहले दिन अधिकांश विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही. अभी डर की वजह से कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं.
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ऐसे में कई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति ना के बराबर है. जिले में लगभग सभी स्कूलों का यही हाल है. पहले दिन जब स्कूल खुला तो बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे और स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति ना के बराबर है. सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाध्यापक ने बताया कि सरकार के गाइडलाइंस का स्कूल में पालन किया जा रहा है. स्कूल में 50% ही बच्चों को ही बुलाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों में भी बच्चों की उपस्थिति काफी कम दिखी.
'स्कूल में सभी बच्चों को मास्क लगाना अनिवार्य है. साथ ही सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई है ताकि बच्चे स्कूल में पहुंच सके. हालांकि बच्चों की उपस्थिति काफी कम है. कोरोना को लेकर अभी भी अभिभावकों में डर बना हुआ है.' :- राज किशोर मिश्रा, प्रधानाध्यापक
बता दें कि बिहार के करीब 72,000 सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालय के साथ हजारों प्राइवेट स्कूल सोमवार से शुरू हो गए. हालांकि स्कूलों में बच्चों को 1 दिन में 50 फीसदी तक आने की ही छूट मिली है. कोविड गाइडलाइन के तहत बच्चों के लिए स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है.
सरकार के निर्देशानुसर बिहार के 38 जिलों में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए सभी निजी विद्यालयों के द्वार आधिकारिक तौर पर खोल दिए गए हैं. जिसके फलस्वरूप विद्यालयों का माहौल खुशनुमा हो चला है. सूबे के विद्यालयों में कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी मानकों का पालन कराया जा रहा है.
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बता दें कि स्कूलों को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आपदा प्रबंध समूह के साथ बैठक कर 7 अगस्त से कक्षा 9 और 10, जबकि 16 अगस्त से कक्षा 1 से 8 तक सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया था. सभी स्कूलों को कोविड प्रोटोकॉल को गंभीरता से पालन करना होगा. तीसरी लहर को रोकने और स्कूलों के संचालन के लिए सावधानी जरूरी है.