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बगहा: 60 लाख की लागत से तैयार हुआ पोस्टमार्टम भवन, 4 साल बाद भी नहीं हो पाया उद्घाटन

बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में वर्ष 2016 में करीब 60 लाख की लागत से बना एयर कंडिशन्ड पोस्टमार्टम भवन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. निर्माण के 4 साल बाद भी इसका उद्घाटन नहीं हो सका है. फिलहाल महज एक कमरे के भवन में पोस्टमार्टम का कार्य संचालित हो रहा है.

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Published : Jan 11, 2021, 8:58 PM IST

बगहाः बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में साल 2016 में करीब 60 लाख की लागत से अत्याधुनिक पोस्टमार्टम भवन का निर्माण कराया गया था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से अभी तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका है. देखरेख के अभाव में यह खंडहर में तब्दील होते जा रहा है.

ठंडे बस्ते में है मामला
निर्माण एजेंसी बीएमएसआईसीएल द्वारा वर्ष 2016 के नवंबर माह में ही निर्माण कार्य पूर्ण कर के अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया गया था. तत्कालीन अस्पताल उपाधीक्षक अशोक कुमार तिवारी ने हस्तांतरण के बाद जिला प्रशासन को जो सूचना दी गई, उसमें बताया गया कि नए पोस्टमार्टम भवन में जेनरेटर, एसी, पंखा और लाइट नहीं है. साथ ही बाउंड्री और अप्रोच पथ की भी कमी है. उसके बाद से यह ठंडे बस्ते में पड़ा है.

एजेंसी ने कार्य पूर्ण होने का किया दावा
निर्माण एजेंसी का कहना है कि एस्टीमेट की हिसाब से कार्य पूरा कर ससमय अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया गया था. एस्टीमेट में पंखा, एसी और अप्रोच पथ निर्माण का जिक्र नहीं था.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः तेजस्वी तैयार कर रहे मास्टर प्लान! RJD के वरिष्ठ नेता दे रहे पूरा साथ

पोस्टमार्टम भवन नहीं होने से होती है परेशानी
दरअसल, इस अस्पताल में एक छोटे से कमरे में पोस्टमार्टम का कार्य संचालित होता है. नतीजतन यदि एक साथ एक से ज्यादा शव आ जाए तो खुले आसमान के नीचे शवों को रख पोस्टमार्टम के लिए बारी का इंतजार करना पड़ता है. इसी समस्या से निजात को लेकर अत्याधुनिक एयर कंडिशन्ड पोस्टमार्टम भवन का निर्माण कराया गया, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण भवन जर्जर होने लगा है.

बगहाः बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में साल 2016 में करीब 60 लाख की लागत से अत्याधुनिक पोस्टमार्टम भवन का निर्माण कराया गया था. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से अभी तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका है. देखरेख के अभाव में यह खंडहर में तब्दील होते जा रहा है.

ठंडे बस्ते में है मामला
निर्माण एजेंसी बीएमएसआईसीएल द्वारा वर्ष 2016 के नवंबर माह में ही निर्माण कार्य पूर्ण कर के अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया गया था. तत्कालीन अस्पताल उपाधीक्षक अशोक कुमार तिवारी ने हस्तांतरण के बाद जिला प्रशासन को जो सूचना दी गई, उसमें बताया गया कि नए पोस्टमार्टम भवन में जेनरेटर, एसी, पंखा और लाइट नहीं है. साथ ही बाउंड्री और अप्रोच पथ की भी कमी है. उसके बाद से यह ठंडे बस्ते में पड़ा है.

एजेंसी ने कार्य पूर्ण होने का किया दावा
निर्माण एजेंसी का कहना है कि एस्टीमेट की हिसाब से कार्य पूरा कर ससमय अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया गया था. एस्टीमेट में पंखा, एसी और अप्रोच पथ निर्माण का जिक्र नहीं था.

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पोस्टमार्टम भवन नहीं होने से होती है परेशानी
दरअसल, इस अस्पताल में एक छोटे से कमरे में पोस्टमार्टम का कार्य संचालित होता है. नतीजतन यदि एक साथ एक से ज्यादा शव आ जाए तो खुले आसमान के नीचे शवों को रख पोस्टमार्टम के लिए बारी का इंतजार करना पड़ता है. इसी समस्या से निजात को लेकर अत्याधुनिक एयर कंडिशन्ड पोस्टमार्टम भवन का निर्माण कराया गया, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण भवन जर्जर होने लगा है.

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