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बेतिया: बच्चे की हत्या के बाद गांव में तनाव, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

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Published : Nov 1, 2020, 3:59 PM IST

बेतिया में बच्चे की हत्या के बाद गांव में तनाव का माहौल है. इसको लेकर गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.

bettiah
बच्चे की हत्या

बेतिया (वाल्मीकिनगर): जिले के पिपरासी थानाक्षेत्र के भरपटीया पाठक टोला से गायब बच्चे का शव शनिवार की सुबह बरामद किया गया. पूछताछ के लिए गांव के एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिसके बाद गांव में तनाव का माहौल है. एसडीपीओ के निर्देश पर गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.

गांव में शांतिपूर्ण स्थिति
तैनात पुलिस बल लगातार गांव में गश्ती कर रही है. सभी आने-जाने वालों पर नजर बनाए हुए है. थानाध्यक्ष संजय कुमार यादव ने बताया कि एएसआई कपिलदेव पासवान के साथ पुलिस को तैनात किया गया है. जो गांव में उत्पन्न तनाव की स्थिति को काबू में किये हुए हैं. गांव में शांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है.

सभी संदिग्ध से पूछताछ
हत्या में शामिल मुख्य आरोपी विकाश यादव को पुलिस ने आवश्यक पूछताछ के बाद रविवार को जेल भेज दिया है. साथ ही पकड़े गए अन्य लोगों में आरोपी की बहन और उसकी मां सहित अन्य लोगों से पुलिस रविवार को भी पूछताछ कर रही है. पिछले 24 घंटे से सभी संदिग्ध से पूछताछ चल रही है.

पुलिस पर लगाया आरोप
इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं, जो हत्या के मुख्य आरोपी के घर के साथ अन्य भी हो सकते हैं. लेकिन पुलिस केवल एक व्यक्ति को ही जेल भेज रही है. रविवार को पुलिस के व्यवहार से यह लग रहा है कि पुलिस अन्य हत्यारों को बचाने की कोशिश कर रही है. उक्त बातें मृत बच्चे के दादा सुभाष कुशवाहा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कही.

हत्यारों को सजा दिलाने की मांग
सुभाष कुशवाहा ने कहा कि बच्चे को उठा कर ले जाने, कुदाल, ईंट, रस्सी और अन्य सामग्री एकत्र करने में एक ही व्यक्ति शामिल नहीं हो सकता है. इसलिए उन्होंने इसमें शामिल अन्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और स्पीडी ट्रायल करके हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की है. कोरोना महामारी को लेकर इस वर्ष दशहरा में सार्वजनिक पूजा पंडाल बनाने पर रोक के साथ डीजे, मनोरंजन कार्यक्रम, भीड़ एकत्र करने पर रोक थी. लेकिन खुलेआम यह कार्यक्रम हुए. पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी.

कार्यक्रम पर नहीं लगाई रोक
पुलिस ने इस कार्यक्रम में शामिल लोगों पर ना कार्यवाही की और ना ही इस कार्यक्रम पर रोक लगाने में सफल रही. ग्रामीणों ने बताया कि रात में नाच कार्यक्रम में जोर से बज रहे साउंड सिस्टम के कारण ही बच्चे को उठाने और चीख सुनाई नहीं दी. इस तरह कार्यक्रम में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई होनी चहिए.

परिजनों में कोहराम
बच्चे का शव बरामद होने के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ है. बच्चे की मां सरोज देवी हर एक अंतराल के बाद बेहोश हो जा रही है. वहीं उसके पिता बदहवास दो दिनों से भूखे हैं. गांव के लोगों के बार-बार समझाने के बाद उसकी स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. बता दें 25 अक्टूबर को भरपटीया पाठक टोला से राजू कुशवाहा के 7 वर्षीय पुत्र करण कुमार का अपहरण हुआ था. जिसका शव शनिवार को सुबह बरामद हुआ था.

एक वर्ष पहले भी हुई थी हत्या
पिछले वर्ष भी कतकी गांव निवासी ठाकुर शर्मा के बच्चे की हत्या कर इसी तरह गन्ने के खेत में छिपा दिया गया था. इस दौरान भी शव को सियारों ने क्षत-विक्षत कर दिया था. गन्ने के खेत में कार्य करने गए मजदूरों ने शव को देख कर इसकी सूचना पुलिस को दी थी.

उस समय भी स्थानीय पुलिस बच्चे का पता लगाने और आरोपी को पकड़ने में असफल रही थी. बाद में आरोपी ने कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया था. उस समय भी स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे थे. लोगों ने जम कर आक्रोश भी व्यक्त किया था. लेकिन फिर कुछ नहीं हुआ.

बेतिया (वाल्मीकिनगर): जिले के पिपरासी थानाक्षेत्र के भरपटीया पाठक टोला से गायब बच्चे का शव शनिवार की सुबह बरामद किया गया. पूछताछ के लिए गांव के एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिसके बाद गांव में तनाव का माहौल है. एसडीपीओ के निर्देश पर गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.

गांव में शांतिपूर्ण स्थिति
तैनात पुलिस बल लगातार गांव में गश्ती कर रही है. सभी आने-जाने वालों पर नजर बनाए हुए है. थानाध्यक्ष संजय कुमार यादव ने बताया कि एएसआई कपिलदेव पासवान के साथ पुलिस को तैनात किया गया है. जो गांव में उत्पन्न तनाव की स्थिति को काबू में किये हुए हैं. गांव में शांतिपूर्ण स्थिति बनी हुई है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है.

सभी संदिग्ध से पूछताछ
हत्या में शामिल मुख्य आरोपी विकाश यादव को पुलिस ने आवश्यक पूछताछ के बाद रविवार को जेल भेज दिया है. साथ ही पकड़े गए अन्य लोगों में आरोपी की बहन और उसकी मां सहित अन्य लोगों से पुलिस रविवार को भी पूछताछ कर रही है. पिछले 24 घंटे से सभी संदिग्ध से पूछताछ चल रही है.

पुलिस पर लगाया आरोप
इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं, जो हत्या के मुख्य आरोपी के घर के साथ अन्य भी हो सकते हैं. लेकिन पुलिस केवल एक व्यक्ति को ही जेल भेज रही है. रविवार को पुलिस के व्यवहार से यह लग रहा है कि पुलिस अन्य हत्यारों को बचाने की कोशिश कर रही है. उक्त बातें मृत बच्चे के दादा सुभाष कुशवाहा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कही.

हत्यारों को सजा दिलाने की मांग
सुभाष कुशवाहा ने कहा कि बच्चे को उठा कर ले जाने, कुदाल, ईंट, रस्सी और अन्य सामग्री एकत्र करने में एक ही व्यक्ति शामिल नहीं हो सकता है. इसलिए उन्होंने इसमें शामिल अन्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और स्पीडी ट्रायल करके हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की है. कोरोना महामारी को लेकर इस वर्ष दशहरा में सार्वजनिक पूजा पंडाल बनाने पर रोक के साथ डीजे, मनोरंजन कार्यक्रम, भीड़ एकत्र करने पर रोक थी. लेकिन खुलेआम यह कार्यक्रम हुए. पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी.

कार्यक्रम पर नहीं लगाई रोक
पुलिस ने इस कार्यक्रम में शामिल लोगों पर ना कार्यवाही की और ना ही इस कार्यक्रम पर रोक लगाने में सफल रही. ग्रामीणों ने बताया कि रात में नाच कार्यक्रम में जोर से बज रहे साउंड सिस्टम के कारण ही बच्चे को उठाने और चीख सुनाई नहीं दी. इस तरह कार्यक्रम में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई होनी चहिए.

परिजनों में कोहराम
बच्चे का शव बरामद होने के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ है. बच्चे की मां सरोज देवी हर एक अंतराल के बाद बेहोश हो जा रही है. वहीं उसके पिता बदहवास दो दिनों से भूखे हैं. गांव के लोगों के बार-बार समझाने के बाद उसकी स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. बता दें 25 अक्टूबर को भरपटीया पाठक टोला से राजू कुशवाहा के 7 वर्षीय पुत्र करण कुमार का अपहरण हुआ था. जिसका शव शनिवार को सुबह बरामद हुआ था.

एक वर्ष पहले भी हुई थी हत्या
पिछले वर्ष भी कतकी गांव निवासी ठाकुर शर्मा के बच्चे की हत्या कर इसी तरह गन्ने के खेत में छिपा दिया गया था. इस दौरान भी शव को सियारों ने क्षत-विक्षत कर दिया था. गन्ने के खेत में कार्य करने गए मजदूरों ने शव को देख कर इसकी सूचना पुलिस को दी थी.

उस समय भी स्थानीय पुलिस बच्चे का पता लगाने और आरोपी को पकड़ने में असफल रही थी. बाद में आरोपी ने कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया था. उस समय भी स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे थे. लोगों ने जम कर आक्रोश भी व्यक्त किया था. लेकिन फिर कुछ नहीं हुआ.

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