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बेतिया: बदबूदार, ठहरे काले पानी में सिसकती जिंदगी, सो रहे हैं अधिकारी

सड़क पर बरसात की पानी के साथ साथ गंदे नाली का पानी भी बहता है. लोगों का कहना है कि बरसात खत्म हो जाने के बाद भी कई महीनों तक सड़क पर पानी रहता है. इस कारण बदबू भी आती है. बदबू के कारण घरों में रहना मुश्किल हो जाता है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसके बावजूद इस सड़क के निर्माण के लिए अभी तक कुछ नहीं हुआ.

water logging
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Published : Dec 27, 2020, 5:09 PM IST

बेतिया: बानुछापर के वार्ड नंबर 7 में जर्जर सड़क के कारण लोग कई वर्षों से परेशान है. बरसात के मौसम में यह सड़क तालाब में तब्दील हो जाता है. लगभग 4 महीने तक इस सड़क से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है, जो लोग पैदल चलते हैं. उन्हें घुटने भर पानी से होकर गुजरना पड़ता है.

इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन परिचालन होता है. इसके बावजूद भी इस सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हुआ. पादरी दूसैयां से स्टेशन चौक जाने वाली इस सड़क के बीच तीन स्कूल भी पड़ता है. स्कूल पढ़ने वाले बच्चे बरसात के मौसम में इस सड़क से नहीं जाते. बरसात के मौसम में लगभग 4 महीनों तक स्कूल की पढ़ाई भी बाधित रहती है.

जर्जर सड़क
जर्जर सड़क

'पानी से आती है बदबू'
सड़क पर बरसात के पानी के साथ-साथ गंदे नाली का पानी भी बहता है. लोगों का कहना है कि बरसात खत्म हो जाने के बाद भी कई महीनों तक सड़क पर पानी रहता है. इस कारण बदबू भी आती है. बदबू के कारण घरों में रहना मुश्किल हो जाता है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसके बावजूद इस सड़क के निर्माण के लिए अभी तक कुछ नहीं हुआ.

जर्जर सड़क
जर्जर सड़क

क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इसके लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल और पूर्व कांग्रेस विधायक मदन मोहन तिवारी को भी आवेदन दिया. उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिला है. लेकिन इस सड़क के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. यहां के लोगों ने जिला प्रशासन को भी आवेदन दिया है. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

वहीं, स्कूल के छात्राओं का कहना है कि बरसात के मौसम में उनकी पढ़ाई 4 महीने तक बाधित हो जाती है. घुटने से ऊपर पानी हो जाता है. ऐसे में उस स्कूल जाने में काफी मुश्किलें होती हैं. कभी कबार स्कूल अगर जाना होता हैं तो लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है.

प्रदर्शन करते ग्रामीण
प्रदर्शन करते ग्रामीण

जलजमाव की इस समस्या को लेकर वार्ड पार्षद मनोज मिश्रा से बात की गई. तो उन्होंने कहा कि कई बार इस सड़क को लेकर जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया है. वह खुद यहां के सांसद डॉ. संजय जयसवाल के आवास पर जाकर उनसे मिलकर उन्हें आवेदन दिया. इसके बावजूद भी अभी तक इस सड़क का निर्माण नहीं हुआ.

देखें रिपोर्ट

कई वर्षो से सड़क जर्जर
बता दें कि बानुछापर वार्ड नंबर 7 कि यह सड़क कई वर्षो से जर्जर है. यहां की लोग इस जर्जर सड़क को लेकर काफी नाराज हैं. उन्होंने कई बार इसके लिए आवेदन दिया. लेकिन अब यहां के लोगों का विश्वास दम तोड़ता नजर आ रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन से और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई है कि इस सड़क का निर्माण हो जाता तो यहां के लोग नारकीय जीवन से बाहर निकलते. क्योंकि बरसात के मौसम में इनका हाल बद से बदतर हो जाता है.

बेतिया: बानुछापर के वार्ड नंबर 7 में जर्जर सड़क के कारण लोग कई वर्षों से परेशान है. बरसात के मौसम में यह सड़क तालाब में तब्दील हो जाता है. लगभग 4 महीने तक इस सड़क से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है, जो लोग पैदल चलते हैं. उन्हें घुटने भर पानी से होकर गुजरना पड़ता है.

इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन परिचालन होता है. इसके बावजूद भी इस सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हुआ. पादरी दूसैयां से स्टेशन चौक जाने वाली इस सड़क के बीच तीन स्कूल भी पड़ता है. स्कूल पढ़ने वाले बच्चे बरसात के मौसम में इस सड़क से नहीं जाते. बरसात के मौसम में लगभग 4 महीनों तक स्कूल की पढ़ाई भी बाधित रहती है.

जर्जर सड़क
जर्जर सड़क

'पानी से आती है बदबू'
सड़क पर बरसात के पानी के साथ-साथ गंदे नाली का पानी भी बहता है. लोगों का कहना है कि बरसात खत्म हो जाने के बाद भी कई महीनों तक सड़क पर पानी रहता है. इस कारण बदबू भी आती है. बदबू के कारण घरों में रहना मुश्किल हो जाता है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसके बावजूद इस सड़क के निर्माण के लिए अभी तक कुछ नहीं हुआ.

जर्जर सड़क
जर्जर सड़क

क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इसके लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल और पूर्व कांग्रेस विधायक मदन मोहन तिवारी को भी आवेदन दिया. उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिला है. लेकिन इस सड़क के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. यहां के लोगों ने जिला प्रशासन को भी आवेदन दिया है. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

वहीं, स्कूल के छात्राओं का कहना है कि बरसात के मौसम में उनकी पढ़ाई 4 महीने तक बाधित हो जाती है. घुटने से ऊपर पानी हो जाता है. ऐसे में उस स्कूल जाने में काफी मुश्किलें होती हैं. कभी कबार स्कूल अगर जाना होता हैं तो लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है.

प्रदर्शन करते ग्रामीण
प्रदर्शन करते ग्रामीण

जलजमाव की इस समस्या को लेकर वार्ड पार्षद मनोज मिश्रा से बात की गई. तो उन्होंने कहा कि कई बार इस सड़क को लेकर जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया है. वह खुद यहां के सांसद डॉ. संजय जयसवाल के आवास पर जाकर उनसे मिलकर उन्हें आवेदन दिया. इसके बावजूद भी अभी तक इस सड़क का निर्माण नहीं हुआ.

देखें रिपोर्ट

कई वर्षो से सड़क जर्जर
बता दें कि बानुछापर वार्ड नंबर 7 कि यह सड़क कई वर्षो से जर्जर है. यहां की लोग इस जर्जर सड़क को लेकर काफी नाराज हैं. उन्होंने कई बार इसके लिए आवेदन दिया. लेकिन अब यहां के लोगों का विश्वास दम तोड़ता नजर आ रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन से और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई है कि इस सड़क का निर्माण हो जाता तो यहां के लोग नारकीय जीवन से बाहर निकलते. क्योंकि बरसात के मौसम में इनका हाल बद से बदतर हो जाता है.

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