बेतिया(वाल्मीकिनगर): पिपरासी प्रखंड स्थित मंझरिया पंचायत के लोगों को अभी तक मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत शुद्ध पेय जल उपलब्ध नहीं हो पाया है. वहीं मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नलजल योजना का शुभारंभ कर दिया है. इसको लेकर नाराज ग्रामीणों ने जिम्मदारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में वित्तीय साल 2016-17 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नलजल का कार्य शुरू किया था. वही सभी वार्ड सदस्यों ने 10 से 12 लाख रुपये की निकासी भी किया.
बोरिंग में बरती गई है अनियमितता
वार्ड सदस्यों ने केवल वार्डो में बोरिंग करा दी. वह भी बोरिंग गुणवक्ता पूर्ण तय मानक के अनुरूप नहीं हुआ. कुछ दिनों तक वार्ड सदस्य कुछ कार्य कराए, लेकिन कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया. वर्तमान में पंचायत के कुल 12 वार्ड में केवल वार्ड नंबर आठ में पानी की आपूर्ति शुरू हो पाई है. वही अन्य वार्डो में केवल बोरिंग करके छोड़ दिया गया है. किसी वार्ड में कुछ पाइप भी बिछाया गया है, लेकिन वह भी बरसात के समय ऊपर आ गया है. नियम के अनुसार एक मीटर गहरे जमीन में पाइप लगाना था.
जांच के नाम पर होती है खानापूर्ति
ग्रामीणों ने बताया कि कार्य शुरू होने के साथ ही अब तक अधिकारी कार्रवाई के नाम पर केवल जांच ही करते है, लेकिन खानापूर्ति कर चले जाते है. उन लोगों ने बताया कि जिले के कितने अधिकारी बदले ,लेकिन पंचायत की स्थिति नहीं बदली. हर बार की तरह जांच में आने वाले अधिकारी केवल लोगों को कार्रवा्ई का आश्वाशन देकर चले जाते है.
1.25 करोड़ की हुई है निकासी
ग्रामीणों ने बताया कि जानकारी मिली है कि मंझरिया पंचायत में नलजल योजना में ही केवल 1.25 करोड़ रुपये की निकासी कर ली गई है. ग्रामीणों ने बताया की इस संबंध में वार्ड सदस्यों और अन्य जिम्मदारों से पूछने पर वे झूठे केस में फंसाने की धमकी देते है. वही मंझरिया पंचायत के वार्ड नंबर 4 के वार्ड सदस्य बद्री कुशवाहा ने बताया कि लॉक डाउन और बाढ़ से कार्य प्रभावित हुए है. जल्द कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा.