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बेतिया मेडिकल कॉलेज: करोड़ों की लागत से हो रहा निर्माण, रास्ते पर अतिक्रमण से मरीज परेशान

बेतिया में 600 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज तो बन रहा लेकिन अस्पताल तक जाने के लिए रास्ता ही नहीं है. एंबुलेंसकर्मी का कहना हैं कि अस्पताल में प्रतिदिन मरीज को लेकर आने जाने में काफी परेशानी होती है.

600 करोड़ की लागत से बन रहा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज
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Published : Sep 10, 2019, 7:53 PM IST

बेतिया: जिले में लगभग 600 करोड़ की लागत से गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज तो बन रहा है. लेकिन आप यह जानकर हैरान होंगे कि इस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में आने के लिए जो रास्ता है वह बहुत ही कम चौड़ा है. जिसके कारण मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने में काफी दिक्कत होती है.

हॉस्पिटल तक जाने का रास्ता

600 करोड़ की लागत से बन रहा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जो लगभग 600 करोड़ की लागत से बन रहा है. इस मेडिकल कॉलेज को देखकर पता चलता है कि जिस दिन यह बनकर तैयार होगा उस दिन बेतिया का कायाकल्प हो जाएगा. इस मेडिकल कॉलेज में आने के लिए शहर में दो जगह से रास्ते हैं लेकिन यह रास्ते सिर्फ नाम के हैं. इन रास्तों पर इतना अतिक्रमण है कि इस रास्ते पर लोग पैदल भी नहीं चल सकते. ऐसे में एंबुलेंस कैसे चलेगी इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. एंबुलेंस चालक का कहना हैं कि उन्हें मरीजों को अस्पताल तक लाने में काफी परेशानी होती है. कई बार मरीज अस्पताल आने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ देता है.

beetiah
600 करोड़ की लागत से बन रहा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज

आदेश पर भी नगर परिषद मौन
जिला पदाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि हमारी तरफ से लगातार नगर परिषद को पत्र लिखकर सड़क पर लगे अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया है. लेकिन नगर परिषद इस पर मौन है. नगर परिषद का उदासीन रवैया ऐसा है कि जिला पदाधिकारी के लगातार पत्र भेजने और आदेश के बाद भी नगर परिषद कार्रवाई नहीं कर रहा.

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अस्पताल जाने के रास्ते का अतिक्रमण

नगर परिषद के सभापति ने दी सफाई
सांसद डॉक्टर संजय ने कहा कि अगर सड़क से अतिक्रमण जल्द नहीं हटाया गया तो, मरीज अस्पताल सड़क से नहीं बल्कि हेलीकॉप्टर से आएंगे. वहीं, दूसरी तरफ नगर परिषद के सभापति गरिमा देवी सिकारिया से पूछा गया कि डीएम के आदेश के बावजूद भी अस्पताल जाने वाली सड़क से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है. इस मुद्दे पर सफाई देते हुए सभापति ने कहा कि काम चल रहा है और जल्द ही अतिक्रमण हटा दिया जाएगा.

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गरिमा देवी सिकारिया, सभापति, नगर परिषद

बेतिया: जिले में लगभग 600 करोड़ की लागत से गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज तो बन रहा है. लेकिन आप यह जानकर हैरान होंगे कि इस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में आने के लिए जो रास्ता है वह बहुत ही कम चौड़ा है. जिसके कारण मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने में काफी दिक्कत होती है.

हॉस्पिटल तक जाने का रास्ता

600 करोड़ की लागत से बन रहा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जो लगभग 600 करोड़ की लागत से बन रहा है. इस मेडिकल कॉलेज को देखकर पता चलता है कि जिस दिन यह बनकर तैयार होगा उस दिन बेतिया का कायाकल्प हो जाएगा. इस मेडिकल कॉलेज में आने के लिए शहर में दो जगह से रास्ते हैं लेकिन यह रास्ते सिर्फ नाम के हैं. इन रास्तों पर इतना अतिक्रमण है कि इस रास्ते पर लोग पैदल भी नहीं चल सकते. ऐसे में एंबुलेंस कैसे चलेगी इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं. एंबुलेंस चालक का कहना हैं कि उन्हें मरीजों को अस्पताल तक लाने में काफी परेशानी होती है. कई बार मरीज अस्पताल आने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ देता है.

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600 करोड़ की लागत से बन रहा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज

आदेश पर भी नगर परिषद मौन
जिला पदाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि हमारी तरफ से लगातार नगर परिषद को पत्र लिखकर सड़क पर लगे अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया है. लेकिन नगर परिषद इस पर मौन है. नगर परिषद का उदासीन रवैया ऐसा है कि जिला पदाधिकारी के लगातार पत्र भेजने और आदेश के बाद भी नगर परिषद कार्रवाई नहीं कर रहा.

beetiah
अस्पताल जाने के रास्ते का अतिक्रमण

नगर परिषद के सभापति ने दी सफाई
सांसद डॉक्टर संजय ने कहा कि अगर सड़क से अतिक्रमण जल्द नहीं हटाया गया तो, मरीज अस्पताल सड़क से नहीं बल्कि हेलीकॉप्टर से आएंगे. वहीं, दूसरी तरफ नगर परिषद के सभापति गरिमा देवी सिकारिया से पूछा गया कि डीएम के आदेश के बावजूद भी अस्पताल जाने वाली सड़क से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है. इस मुद्दे पर सफाई देते हुए सभापति ने कहा कि काम चल रहा है और जल्द ही अतिक्रमण हटा दिया जाएगा.

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गरिमा देवी सिकारिया, सभापति, नगर परिषद
Intro:बेतिया: बेतिया शहर में लगभग 600 करोड़ की लागत से गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज तो बन रहा है, लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि इस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में आने के लिए रास्ता ही नहीं है, और अगर रास्ता है अभी तो मरीज यहां पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दे।


Body:यह बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज है जो लगभग 600 करोड़ की लागत से बन रहा है, आप इस मेडिकल कॉलेज को देखिए, जिस दिन यह बनकर तैयार होगा उस दिन बेतिया का कायाकल्प हो जाएगा, अब जरा इन रास्तों को देख लीजिए, इस मेडिकल कॉलेज में आने के लिए शहर में दो जगह से रास्ते हैं लेकिन यह रास्ते सिर्फ नाम के हैं, आप खुद देख लीजिए इन रास्तों का कैसे अतिक्रमण हो रखा है, इन रास्तों पर लोग पैदल नहीं चल सकते तो भला एंबुलेंस तो दूर की बात है, मरीज अस्पताल में आने से पहले ही अतिक्रमण में फस कर दम तोड़ देता है, यह हम नहीं बल्कि अस्पताल में प्रतिदिन मरीज को लेकर आने वाले एंबुलेंसकर्मी बता रहे हैं कि उन्हें मरीजों को लाने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बाइट- एंबुलेंसकर्मी

तो सुना आपने, अब आपको बताते हैं इसके आखिरकार जिम्मेदार कौन है ? दरअसल जिला पदाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे के द्वारा लगातार नगर परिषद को पत्र लिखकर सड़क पर लगे अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया जा रहा है, लेकिन नगर परिषद इस पर मौन है, नगर परिषद की उदासीन रवैया इस बात का परिचय है कि जिला पदाधिकारी के लगातार पत्र निर्गत और आदेश के बाद भी नगर परिषद के कानों में जूं तक नहीं रेंगती, तो इसे क्या कहा जाए?

बाइट- स्थानीय निवासी

वही गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में आने वाली सड़कों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर सड़क से अतिक्रमण जल्द नहीं हटाया गया तो मरीज सड़क से नहीं बल्कि अस्पताल हेलीकॉप्टर से आएंगे।

बाइट- डॉ. संजय जयसवाल, सांसद, बेतिया

जब इस बारे में नगर परिषद के सभापति गरिमा देवी सिकारिया से पूछा गया कि डीएम के आदेश के बावजूद भी अस्पताल जाने वाली सड़क से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है तो इस पर सभापति ने क्या कुछ कहा आप खुद ही सुन लीजिए।

बाइट- गरिमा देवी सिकारिया, सभापती, नप, बेतिया


Conclusion:तो सुना आपने, अब इसे क्या कहा जाए, संसाधनों का रोना तो नगर परिषद कई वर्षों से रो रही है, तो इसका मतलब है कि अस्पताल जाने वाली सड़क से अतिक्रमण नहीं हटेगा या मान लिया जाए कि जिला पदाधिकारी के आदेश की कोई परवाह ही नहीं है आपको। खैर बात जो भी हो मेडिकल कॉलेज में आने वाली सड़क का जिस तरह से अतिक्रमण हुआ है उस अतिक्रमण के कारण ना जाने कितने मरीज अस्पताल में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके हैं और कितने तोड़ देंगे और नगर परिषद अपने संसाधनों का रोना रोती रहेगी, लेकिन कहीं ना कहीं नगर परिषद का यह उदासीन रवैया डीएम के आदेश को ठेंगा दिखाने जैसा है।

पीटीसी

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
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