ETV Bharat / state

वाह रे बिहार! एनेस्थीसिया का डॉक्टर नहीं होने से हो रही मरीजों की मौत, UP में होता है इलाज - बगहा न्यूज

अनुमंडलीय अस्पताल बगहा (Sub Divisional Hospital Bagaha) में सर्जरी (Surgery) नहीं होने से मरीजों (Patients) को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मजबूरन मरीज 200 किमी. का सफर तय कर उत्तरप्रदेश के गोरखपुर का रूख करते हैं. नहीं तो जिला गवर्नमेंट अस्पताल में इलाज करवाते हैं.

अनुमंडलीय अस्पताल में सर्जरी की नहीं हुई व्यवस्था
अनुमंडलीय अस्पताल में सर्जरी की नहीं हुई व्यवस्था
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 10:09 PM IST

बगहा: जिले के एकमात्र रेफरल अस्पताल (Referral Hospital) में सर्जरी नहीं की जाती है. नतीजतन मरीजों को सर्जरी के लिए अन्य दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. मजबूरन मरीज 200 किलोमीटर का सफर तय कर उत्तरप्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) का रूख करते हैं. अथवा जिला गवर्नमेंट अस्पताल (Government Hospital) में इलाज करवाते हैं.

ये भी पढ़ें- शर्मनाक तस्वीर: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में ठेले पर ढोए जा रहे शव

दरअसल अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में सर्जन, प्रसूती रोग समेत सर्जरी की तमाम व्यवस्थाएं हैं. लेकिन एनेस्थेटिक की उपलब्धता नहीं होने की वजह से किसी भी तरह का ऑपरेशन यानी सर्जरी नहीं की जाती है. यही वजह है मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.

देखें रिपोर्ट.

हद तो तब हो जाती है जब गंभीर मरीजों को इतना लम्बा सफर तय करते वक्त रास्ते में ही मौत हो जाती है. जिला के एकमात्र रेफरल अस्पताल में सर्जन डॉक्टर होने के बावजूद सर्जरी की व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि ब्लड बैंक भी है लेकिन यहां मरीजों के लिए ब्लड उपलब्ध नहीं है.

ये भी पढ़ें- राहत की खबर: बिहार के इस डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीजों की संख्या हुई नील, पढ़ें पूरी खबर

ऐसे में कोई एक्सीडेंटल मरीज आ जाए और उसकी सर्जरी समेत ब्लड की आवश्यकता हो तो मरीजों को यहां से रेफर कर दिया जाता है. लिहाजा मजबूरन मरीज या तो 80 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल बेतिया का रुख करते हैं और नहीं तो बेहतर इलाज के लिए 200 किलोमीटर का सफर तय कर यूपी के गोरखपुर जाते हैं.

ये भी पढ़ें- पश्चिमी चंपारण: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में GNM नर्सों को किया गया सम्मानित
बता दें कि इंडो-नेपाल सीमा के नजदीक बसे बगहा शहर का अधिकांश हिस्सा यूपी सीमा को छूता है. गण्डक दियारा पार के चार प्रखंडों समेत तीन और प्रखंडों के लोगों के इलाज का जिम्मा अनुमंडलीय अस्पताल बगहा पर ही है. साथ ही साथ वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के सैर सपाटा पर पहुंचने वाले पर्यटकों को भी, इलाज की जरूरत आने पर इसी एक मात्र अस्पताल का रुख करना पड़ता है.

ऐसे में पर्यटन की संभावनाओं को बेहतर बनाने की कवायद में भी अस्पताल में इलाज की बेहतर व्यवस्था एक अहम कड़ी है. 'अस्पताल में सर्जन, प्रसूती समेत सर्जरी की तमाम व्यवस्थाएं हैं. लेकिन एनेस्थेटिक की उपलब्धता नहीं होने की वजह से किसी भी तरह का ऑपरेशन यानी सर्जरी नहीं की जाती है. यही वजह है मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.' : एसपी अग्रवाल, अस्पताल उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल बगहा

ये भी पढ़ें- Jamui News: स्तनपान दिवस के मौके पर जागरूकता रथ रवाना

'स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को लिखित रूप में मांग की गई है. जैसे ही एक एनेस्थेटिक की बहाली हो जाएगी सर्जरी भी होने लगेगा और ब्लड बैंक का भी शुभारंभ हो जाएगा.' : एसपी अग्रवाल, अस्पताल उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल बगहा

ये भी पढ़ें- सारण: सदर अस्पताल में 2 बच्चों की मौत मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक समेत 3 डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज

ये भी पढ़ें- GMCH में मौतों पर स्वास्थ्य मंत्री का यू-टर्न, ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं

बगहा: जिले के एकमात्र रेफरल अस्पताल (Referral Hospital) में सर्जरी नहीं की जाती है. नतीजतन मरीजों को सर्जरी के लिए अन्य दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. मजबूरन मरीज 200 किलोमीटर का सफर तय कर उत्तरप्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) का रूख करते हैं. अथवा जिला गवर्नमेंट अस्पताल (Government Hospital) में इलाज करवाते हैं.

ये भी पढ़ें- शर्मनाक तस्वीर: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में ठेले पर ढोए जा रहे शव

दरअसल अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में सर्जन, प्रसूती रोग समेत सर्जरी की तमाम व्यवस्थाएं हैं. लेकिन एनेस्थेटिक की उपलब्धता नहीं होने की वजह से किसी भी तरह का ऑपरेशन यानी सर्जरी नहीं की जाती है. यही वजह है मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.

देखें रिपोर्ट.

हद तो तब हो जाती है जब गंभीर मरीजों को इतना लम्बा सफर तय करते वक्त रास्ते में ही मौत हो जाती है. जिला के एकमात्र रेफरल अस्पताल में सर्जन डॉक्टर होने के बावजूद सर्जरी की व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि ब्लड बैंक भी है लेकिन यहां मरीजों के लिए ब्लड उपलब्ध नहीं है.

ये भी पढ़ें- राहत की खबर: बिहार के इस डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीजों की संख्या हुई नील, पढ़ें पूरी खबर

ऐसे में कोई एक्सीडेंटल मरीज आ जाए और उसकी सर्जरी समेत ब्लड की आवश्यकता हो तो मरीजों को यहां से रेफर कर दिया जाता है. लिहाजा मजबूरन मरीज या तो 80 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल बेतिया का रुख करते हैं और नहीं तो बेहतर इलाज के लिए 200 किलोमीटर का सफर तय कर यूपी के गोरखपुर जाते हैं.

ये भी पढ़ें- पश्चिमी चंपारण: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में GNM नर्सों को किया गया सम्मानित
बता दें कि इंडो-नेपाल सीमा के नजदीक बसे बगहा शहर का अधिकांश हिस्सा यूपी सीमा को छूता है. गण्डक दियारा पार के चार प्रखंडों समेत तीन और प्रखंडों के लोगों के इलाज का जिम्मा अनुमंडलीय अस्पताल बगहा पर ही है. साथ ही साथ वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के सैर सपाटा पर पहुंचने वाले पर्यटकों को भी, इलाज की जरूरत आने पर इसी एक मात्र अस्पताल का रुख करना पड़ता है.

ऐसे में पर्यटन की संभावनाओं को बेहतर बनाने की कवायद में भी अस्पताल में इलाज की बेहतर व्यवस्था एक अहम कड़ी है. 'अस्पताल में सर्जन, प्रसूती समेत सर्जरी की तमाम व्यवस्थाएं हैं. लेकिन एनेस्थेटिक की उपलब्धता नहीं होने की वजह से किसी भी तरह का ऑपरेशन यानी सर्जरी नहीं की जाती है. यही वजह है मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.' : एसपी अग्रवाल, अस्पताल उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल बगहा

ये भी पढ़ें- Jamui News: स्तनपान दिवस के मौके पर जागरूकता रथ रवाना

'स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को लिखित रूप में मांग की गई है. जैसे ही एक एनेस्थेटिक की बहाली हो जाएगी सर्जरी भी होने लगेगा और ब्लड बैंक का भी शुभारंभ हो जाएगा.' : एसपी अग्रवाल, अस्पताल उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल बगहा

ये भी पढ़ें- सारण: सदर अस्पताल में 2 बच्चों की मौत मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक समेत 3 डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज

ये भी पढ़ें- GMCH में मौतों पर स्वास्थ्य मंत्री का यू-टर्न, ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.