बगहा: पिछले तीन दिनों से पश्चिम चंपारण जिले के बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में एंबुलेंस सेवा ठप पड़ी है. जिस वजह से मरीजों का समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है. इस बीच मंगलवार को एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने न केवल एंबुलेंस के परिचालन पर बल्कि स्वास्थ्य विभाग के कुप्रबंधन की पोल खोल दी. डीजल के अभाव में एंबुलेंस चालक ने हाथ खड़े कर दिए, नतीजतन गंभीर रूप से बीमार छात्रा के परिजन दो घंटे तक इधर से उधर चक्कर काटते रहे.
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एंबुलेंस के लिए डीजल नहीं, मरीज परेशान: दरअसल एक 14 वर्षीय आठवीं कक्षा की छात्रा को गंभीर स्थिति में विद्यालय प्रबंधन द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहां से उसे जीएमसीएच रेफर किया गया. बताया जा रहा है कि छात्रा के मुंह और नाक से लगातार खून बह रहा था. लिहाजा वहां कार्यरत चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया.
'अपने पॉकेट से तेल डलवाओ, तभी खुलेगी एंबुलेंस': सूचना मिलने के बाद छात्रा के परिजन अस्पताल पहुंचे और दो घंटे तक एंबुलेंस के लिए भटकते रहे. अंत में दो घंटे बाद परिजन खुद से एंबुलेंस में डीजल भरवाकर बेतिया जीएमसीएच के लिए रवाना हुए. बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में चार एंबुलेंस हैं लेकिन चारों जीवनरक्षक एंबुलेंस पिछले तीन दिनों से डीजल के अभाव में परिसर में खड़ी है. वहीं मरीज के परिजनों का कहना है कि पूछने पर कहा गया कि अपने पॉकेट से तेल भरवा लीजिए, शाम को देखेंगे.
"मेरी 14 वर्षीय सब्बी खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉ. विनय कुमार ने गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया. रेफर होने के बाद हमलोग एंबुलेंस के लिए कार्यालयों का चक्कर काटते रहे. अंत में खुद से डीजल भरवाकर उसको बेतिया ले जा रहे हैं"- वाजिद, बीमार छात्रा का भाई
ईंधन की कमी के कारण एंबुलेंस बंद: आपको बताएं कि एंबुलेंस संचालन के लिए सरकार ने पीडीपीएल यानी पशुपति नाथ डिस्ट्रीब्यूटर लिमिटेड को जिम्मेवारी दी है लेकिन इस एनजीओ की उदासीनता से मरीज परेशान हो रहे हैं. वहीं एंबुलेंस चालकों का कहना है कि 102 पर फोन करने पर मरीजों को एंबुलेंस की आईडी दे दी जा रही है लेकिन ईंधन मुहैया नहीं कराया जा रहा है.
"तीन दिन हो गया है फ्यूल नहीं मिल रहा है. कॉल सेंटर में फोन करते हैं तो कहता है कि आज मिलेगा, कल मिलेगा. इस वजह से मरीजों को काफी परेशानी मिल रही है. 102 पर मरीज के परिजनों के फोन करने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है"- नाग जी, ईएमटी, एंबुलेंस सेवा
क्या बोले प्रभारी उपाधीक्षक?: उधर, इस बारे में पूछने पर बगहा अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. केबीएन सिंह ने कहा कि ईंधन की कमी के मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन से पूर्व में ही पत्राचार किया गया है लेकिन एनजीओ की लापरवाही और उदासीनता के कारण मरीजों को समस्या हो रही है. इसका निदान शीघ्र किया जाना चाहिए.
"इस बारे में हमलोगों ने पहले भी सिविल सर्जन को पत्र लिखा था लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. एनजीओ की लापरवाही और उदासीनता के कारण मरीजों और उनके परिजनों को दिक्कत हो रही है. जल्द ही समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं"- डॉ. केबीएन सिंह, प्रभारी उपाधीक्षक, बगहा अनुमंडलीय अस्पताल