बगहा : जिले के मेहुड़ा पंचायत अंतर्गत पैक्स क्रय केंद्र गबन की वजह से 4 सालों से बंद पड़ा है. इस महामारी के वक्त भी ना तो किसान अपना धान और गेंहू बेच पा रहे है. और ना ही गन्ने की नई खेती के लिए उन्हें खाद ही मिल पा रहा है. ऐसे में इस वैश्विक महामारी के दौर में परेशान किसानों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से गुहार लगाया है कि इस सत्र में पैक्स क्रय केंद्र चालू किया जाए, ताकि उन्हें औने-पौने दाम में अपना धान और गेंहू ना बेचना पड़े और खाद भी ब्लैक में नहीं खरीदना पड़े.
4 वर्षों से बंद पड़ा है पैक्स
लॉकडाउन में किसानों की बदहाली दूर करने के लिए सरकार ने पैक्स क्रय केंद्रों के माध्यम से धान और गेंहू अधिप्राप्ति की छूट दी है. बावजूद इसके जिला के मेहुड़ा पंचायत अंतर्गत पैक्स क्रय केंद्र गबन की वजह से 4 वर्षों से बंद पड़ा है. इस महामारी के वक्त भी ना तो किसान अपना धान और गेंहू बेच पा रहे और ना ही गन्ने की नई खेती के लिए उन्हें खाद ही मिल पा रहा है. ऐसे में इस वैश्विक महामारी के दौर में परेशान किसानों का कहना है कि वे 4 साल से जरूरत पड़ने पर औने-पौने दाम में धान या गेंहू बेचकर अपने जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. यहां तक कि नई फसल गन्ने के लिए खाद भी ब्लैक खरीदना पड़ रहा है.
10 लाख का हुआ था गबन
मेहुड़ा पंचायत के वर्तमान पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व पैक्स अध्यक्ष कामेश्वर सिंह द्वारा 3 लाख धान अधिप्राप्ति और 6 लाख का सीसी कराया गया था और उस राशि का बंदरबांट कर लिया गया. जिस वजह से पैक्स को प्रशासन ने गबन का आरोपी मानते हुए बंद कर दिया और अब 4 वर्षों से कछुए के चाल से जांच चल रही है. अधिकारियों से शिकायत करने पर उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है और निर्देश दिया जा रहा कि आप अपने पास से राशि खर्च कर किसानों से उनका अनाज खरीद सकते हैं.
ईटीवी भारत के माध्यम से किसानों ने सरकार से लगाई गुहार
पंचायत के किसानों ने सरकार से गुहार लगाया है कि इस सत्र में पैक्स क्रय केंद्र चालू किया जाए, ताकि उन्हें औने-पौने दाम में अपना धान और गेंहू ना बेचना पड़े और खाद भी ब्लैक नहीं खरीदना पड़े. दरअसल किसानों के पास अब भी उनके देहरी(धान रखने की जगह) में धान भरा पड़ा है और सैकड़ों किसानों के पास नई कटी हुई फसल भी बोरी में रखा हुआ है. किसानों को चिंता है कि ऐसे ही रखे रखे उनका अनाज चूहे न खा जाएं या सड़े गले नहीं.
प्रशासन के जांच की वजह से शुरू नही हो सका पैक्स
दरअसल, प्रशासन किसानों के इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है और 4 वर्षों से सिर्फ जांच की प्रक्रिया कर खानापूर्ति की जा रही है. हालांकि नवागत एसडीएम विशाल राज से जब इस मामले में ईटीवी भारत ने जानकारी लेनी चाही तो उनके द्वारा भी यही बोला गया कि मामला अभी संज्ञान में आया है. जांच कर कार्रवाई की जाएगी.