पश्चिमी चंपारण: जिला के प्रखंड ठकराहां में आवंटित इकलौता बैंक उत्तर प्रदेश में संचालित हो रहा है. इसके चलते इलाके के खाताधारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की वजह से महज दो माह के लिए बैंक ऑफ इंडिया की शाखा बिहार के भैंसहवा से यूपी के कुशीनगर जिला अंतर्गत सेवरही में शिफ्ट की गई थी. लेकिन आज 15 साल बीत जाने के बाद भी ये शाखा लौटकर वापस बिहार नहीं आई.
बैंक बिहार का और इसका संचालन यूपी में हो रहा है. दरअसल जिला के ठकराहां अंतर्गत भैंसहवा में दशकों पूर्व बैंक ऑफ इंडिया की शाखा स्थापित हुई. लेकिन बाढ़ की वजह से थाना और बैंक को तीन माह के लिए प्रत्येक बाढ़ के सीजन में यूपी में शिफ्ट किया जाता था. अब ग्रामीणों का कहना है कि आज से 15 वर्ष पहले जब इलाके में बाढ़ आई तो दो माह के लिए थाना और बैंक दोनो यूपी के सेवरही में शिफ्ट किया गया. थाना तो वापस बिहार में आ गया लेकिन बैंक की शाखा यूपी में ही रह गई. लिहाजा, खाताधारियों को 20 से 25 किमी का सफर तय करना पड़ता है और उन्हें काफी परेशानी होती है.
सरकारी योजनाओं के लाभुक भी हैं खाताधारी
बता दें कि इस प्रखंड क्षेत्र में एक भी राष्ट्रीय बैंक नहीं है. लिहाजा, सरकारी अधिकारियों, कर्मियों और अन्य योजनाओं से सम्बंधित खाते सहित 90 फीसदी ग्रामीणों का खाता इसी बैंक ऑफ इंडिया में है. आसपास के पंचायतों के लोग वर्षों से लम्बी दूरी तय कर बिहार से कुशीनगर जिला अंतर्गत सेवरही स्थित इस शाखा का रुख करते आ रहे हैं. खाताधारियों का आरोप है कि इनके साथ भेदभाव कर अनदेखी भी की जा रही है. कई दफा ये जमा या निकासी करने आते हैं और घंटो तक इंतजार करते हैं. कई बार तो इन्हें वापस भी लौटना पड़ता है.
- एक ग्रामीण ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बैंक शाखा को दोबारा से बिहार शिफ्ट कराने की गुहार लगाई है.
'नहीं शिफ्ट हो सकती बैंक शाखा'
खाताधारियों की मुश्किलें यही पर खत्म नहीं होती. इस बैंक का सीएसपी यानी ग्राहक सेवा केंद्र भी यूपी में ही संचालित होता है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित खाताधारी भी लंबे समय से बैंक ऑफ इंडिया के जोनल ऑफिस से लेकर आलाधिकारियों तक लिखित तौर पर शिकायत और गुहार लगा चुके हैं कि इस शाखा को पुनः बिहार के ठकराहां अंतर्गत मूलस्थल भैंसहवा में शिफ्ट किया जाए. लेकिन इनकी बात नही सुनी गई. वहीं, ईटीवी भारत ने बैंक मैनेजर जगदीश कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल में यूपी के खाताधारियों की संख्या में इजाफा हुआ है. ऐसे में बैंक बिहार में शिफ्ट होने की संभावना कम है.